July 18, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी के सिल्वर क्वीन ज्वेलर्स पर 85 लाख गबन का मामला, निवेशकों में हड़कंप!

सिलीगुड़ी के इतिहास में निवेशकों के साथ इतनी बड़ी ठगी की घटना इससे पहले कभी नहीं सुनी गई थी. सेठ श्री लाल मार्केट में स्थित सिल्वर क्वीन ज्वेलर्स भरोसे का दूसरा नाम समझा जाता था. लेकिन आज यह दुकान बंद है और दुकान के मालिक फरार हैं. जिन लोगों ने दुकान और दुकान के मालिकों पर भरोसा किया था, आज वे खुद पर भी भरोसा नहीं कर पा रहे हैं.

सूत्र बता रहे हैं कि यह करोड़ों की ठगी का मामला है. फिलहाल खालपारा, डॉ काली नाथ रोड के रहने वाले सुरेश कुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी उषा देवी अग्रवाल सामने आए हैं. उन्होंने सिल्वर क्वीन ज्वेलर्स तथा उसके मालिक चंद्र प्रकाश सिंहल पर भरोसा करके उनकी ज्वेलरी एडवांस स्कीम में 85 लाख रुपए अलग-अलग किस्तों में निवेश किया था. उन्होंने सिलीगुड़ी थाने में सिल्वर क्वीन ज्वेलर्स के मालिकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.

बाकी निवेशक भी धीरे-धीरे सामने आएंगे. सूत्र बता रहे हैं कि सेठ श्रीलाल मार्केट, नया बाजार, हिल कार्ट रोड, विधान मार्केट और खालपारा आदि इलाकों के बहुत से व्यापारी और कारोबारी इस ज्वेलरी एडवांस्ड स्कीम से जुड़े हुए थे. उन सभी के पैसे फिलहाल डूबे हुए नजर आ रहे हैं.

निवेशकों में हाय तौबा मची है. दुकान बंद है और मालिकान फरार. उनकी शिकायत तो सिर्फ पुलिस ही सुन सकती है. जिन्हें पैसे दिए थे, उनका कोई पता नहीं चल रहा है.सिल्वर क्वीन ज्वेलर्स के मालिकों में चंद्र प्रकाश सिंहल, उनकी पत्नी सरिता सिंहल और उनके अन्य परिवारीजन चेतन सिंहल, पवन कुमार सिंघल, रीता सिंहल, सुरेश कुमार सिंघल, प्रेम कुमार सिन्हल और विजय कुमार सिंहल आदि के नाम शामिल हैं. ये सभी आरोपी बनाए गए हैं.

सेठ श्री लाल मार्केट में सोने चांदी की चल रही अधिकतर दुकानें या तो इन्हीं की है अथवा उपरोक्त दुकानों में उनका स्वामित्व है. सिलीगुड़ी पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं 316 (2), 317 (3),318 (4),319(4), 321 (6), 357 (6)(1) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया है और उन्हें नोटिस जारी कर दिया है.

यह मामला कोई आज का तो नहीं है लेकिन आज सिलीगुड़ी थाने में सिल्वर क्वीन ज्वेलर्स मालिकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. सोशल मीडिया पर सिलीगुड़ी के सिल्वर क्वीन ज्वेलर्स धोखाधड़ी कांड का मामला खूब उछल रहा है.सिलीगुड़ी के निवेशकों के साथ ठगी को लेकर लोग अनेक तरह से कमेंट कर रहे हैं. जैसे-जैसे निवेशकों को पता चल रहा है, वह एक-एक करके सामने आ रहे हैं. फिलहाल डॉक्टर कालीनाथ रोड, खालपारा के निवासी सुरेश कुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी उषा देवी अग्रवाल सामने आए हैं.

पुलिस सूत्रों और प्राथमिक जांच रिपोर्ट के अनुसार सुरेश कुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी उषा देवी अग्रवाल सेठ श्री लाल मार्केट स्थित सिल्वर क्वीन ज्वेलर्स से ही गहनों की खरीदारी करते थे. उनका सिल्वर क्वीन ज्वेलर्स के मालिक चंद्र प्रकाश सिंहल और उनकी पत्नी सरिता सिंहल के साथ अच्छा संपर्क था. चंद्र प्रकाश सिंहल तथा उनके परिवार का सेठ श्री लाल मार्केट में सिल्वर क्वीन ज्वेलर्स के अलावा गोल्ड डायमंड सिल्वर क्वीन, जेम्स क्वीन ज्वेलर्स इत्यादि बहुत सी दुकानें हैं और यह सभी दुकानें भरोसे की समझी जाती हैं.

एक दिन चंद्र प्रकाश सिंहल ने सुरेश कुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी को ज्वेलरी एडवांस स्कीम के बारे में बता कर उसके लाभ गिनाए. यह भी बताया कि उनकी इस योजना में निवेश करके सिलीगुड़ी के कितने व्यापारी लाभ कमा रहे हैं. योजना के अनुसार निवेशकों को ज्वेलरी एडवांस्ड स्कीम में निवेश करके सोने चांदी के गहनों के साथ-साथ 12% का ब्याज भी मिलना था. सुरेश कुमार अग्रवाल तथा उनकी पत्नी उषा देवी अग्रवाल को उनकी योजना अच्छी लगी.

इसके बाद दोनों पति-पत्नी ने मार्च 2023 से ज्वेलरी एडवांस स्कीम में निवेश करना शुरू कर दिया. मार्च 2023 से लेकर जून 2024 के बीच सुरेश कुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी उषा देवी अग्रवाल ने स्कीम में अलग-अलग किस्तों में 85 लाख रुपए निवेश किए. यह पैसा ब्याज समेत और गहनों के साथ उन्हें मार्च 2025 में मिलना था. जब मैच्योरिटी का समय पूरा हो गया, तो सुरेश कुमार अग्रवाल अपनी पत्नी उषा देवी अग्रवाल के साथ सिल्वर क्वीन ज्वेलर्स के मालिक चंद्र प्रकाश सिंहल से मिलने आए. लेकिन ना तो उनसे मुलाकात हो सकी और ना ही दुकान खुली मिली. लिहाजा वे लोग लौट गए.

उसके बाद उन्हें पता चला कि सिल्वर क्वीन ज्वेलर्स दुकान को बंद कर दिया गया है. इससे सुरेश कुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी को थोड़ी घबराहट सी होने लगी. क्योंकि स्कीम के तहत ना तो उनका पैसा लौटाया गया था और ना ही उनके गहने ही मिले थे. थोड़ा इंतजार करके सुरेश कुमार अग्रवाल ने सिल्वर क्वीन ज्वेलर्स के मालिकों से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी. धीरे-धीरे चंद्र प्रकाश सिंहल का फोन भी बंद हो गया.

17 जून को सुरेश कुमार अग्रवाल चंद्र प्रकाश सिंहल के निवेदिता रोड स्थित उनके मकान पर पहुंचे तो पवन कुमार सिन्हल और उनकी पत्नी रीता सिंहल से पता चला कि वे अपने परिवार के साथ घर से बाहर हैं. इसके अलावा उन्हें वहां से कोई जानकारी हाथ नहीं लगी. चारों तरफ से ना उम्मीद होने के बाद सुरेश कुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी उषा देवी अग्रवाल ने सिलीगुड़ी थाने में यह मामला दर्ज कराया. प्राथमिक सूचना रिपोर्ट में उपरोक्त के अलावा अन्य व्यक्तियों को भी आरोपी बनाया गया है. वे सभी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है.

सुरेश कुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी उषा देवी अग्रवाल ने पुलिस अधिकारियों से निवेदन किया है कि चंद्र प्रकाश सिंहल तथा अन्य आरोपियों की संपत्ति को जल्द से जल्द सीज किया जाए और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के साथ ही मुकदमे की कार्यवाही शुरू की जाए, ताकि पुलिस और कानून में निवेशकों का भरोसा बढ़ सके

सिलीगुड़ी पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद विभिन्न धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उन्हें नोटिस जारी कर दिया है. पुलिस की विस्तृत विवेचना का इंतजार है. बहरहाल यह मामला निवेशकों के साथ बढती ठगी की घटनाओं की ओर इशारा करता है और निवेशकों को सावधान करता है कि वह किसी भी योजना में अपने विवेक और समझदारी से निवेश करें. ना कि किसी पर भरोसा करके निवेश करें.

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