July 23, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी के सूर्यसेन पार्क से बरामद नेपाल की बच्ची की दर्दभरी दास्तां!

जिस बेटी को उसकी सौतेली मां ने सूर्यसेन पार्क में भगवान के भरोसे छोड़ दिया था, पुलिस के रूप में भगवान ने बच्ची की जरूर रक्षा की है. बच्ची का नाम सुरभि है. सुरभि की सौतेली मां का तो अभी पता नहीं चला है, परंतु उसके पिता जरूर मिल गए हैं. कानूनी कार्रवाई के बाद सुरभि को उसके पिता के सुपुर्द किया जा रहा है.

सुरभि की कहानी एक बदनसीब बच्ची की कहानी है, जिसके जन्म के दो दिन बाद ही उसकी मां का देहांत हो गया. बिन मां के बच्चों को पालना कितना कठिन होता है, यह कोई भुक्त भोगी ही बता सकता है. सुरभि को पालने के लिए एक मां की जरूरत महसूस हुई तो पिता मनोज साहा ने दूसरा विवाह कर लिया. सोचा था कि घर में बच्ची को मां की ममता मिलेगी. परंतु जैसे बच्ची के जीवन में सुख लिखा ही नहीं था. सौतेली मां तो सौतेली मां ही होती है. सगी मां तो हो नहीं सकती.

सुरभि की कहानी सरहद पार नेपाल के झापा से शुरू होती है. यहीं मनोज साहा रहा करते थे. मनोज की दुकान भी थी. वे शादीशुदा थे. काफी तमन्ना के बाद उनके घर में बच्ची का जन्म हुआ, तो घर में खुशियां ही खुशियां फैल गई. लेकिन 2 दिन बाद इस घर में मातम पसर गया. सुरभि को जन्म देने वाली उसकी मां का देहांत हो गया. लेकिन बेटी का मुंह देखकर मनोज साहा पत्नी का गम भूल गए. उन्होंने बेटी की परवरिश में किसी तरह की कोई कमी नहीं रखी.

रिश्तेदारों ने कहा कि सुरभि की अच्छी तरह देखभाल करने और उसकी परवरिश के लिए घर में एक स्त्री का होना जरूरी है. रिश्तेदारों और शुभचिंतकों की बात मानकर मनोज साहा ने लगभग 8-9 महीने पहले दूसरी शादी की. लेकिन जैसे सुरभि की किस्मत में सुख नहीं लिखा था. दूसरी पत्नी ने घर में आते ही घर को अशांत कर दिया.

खबर समय को एक साक्षात्कार में मनोज साहा ने बताया कि वे अपनी दूसरी पत्नी से परेशान रहा करते थे. वे चाहते थे कि उनकी दूसरी पत्नी परिवार की सदस्य बनकर रहे. मगर वह कभी मायके तो कभी किसी और बहाने से घर से गायब हो जाती थी. 2 महीने पहले वह दुकान से अचानक गायब हो गई थी और अपने मायके चली गई थी. बाद में मायके वालों ने समझा बुझाकर उनकी पत्नी को उनके पास भेजा था.

पति-पत्नी में तो अनबन होती रहती है. लेकिन कभी-कभी झगड़ा बर्बादी का कारण बन जाता है. इसकी पुष्टि सूर्यसेन पार्क में बच्ची को बरामद करने आई पुलिस की टीम को बच्ची के पास रखे एक थैले से बरामद पत्र से हो जाती है. उसमें सौतेली मां की पीड़ा झलकती है. इस पत्र में पारिवारिक तनाव, उपेक्षा, मानसिक टॉर्चर आदि का जिक्र किया गया है. इन्हीं मनोस्थितियों में बृहस्पतिवार को सौतेली मां ढाई साल की सुरभि को लेकर नेपाल के दमक स्थित दुकान से गायब हो गई थी.

मनोज साहा ने अपनी बच्ची और पत्नी को काफी ढूंढा. इसके बाद नेपाल के दमक थाने में उनकी गुमशुदगी का मामला दर्ज करा दिया. नेपाल पुलिस ने लापता मां और बेटी की तलाश शुरू कर दी. उधर अपने स्तर पर पत्नी और बेटी की तलाश कर रहे मनोज साहा को जब उनके एक परिचित ने उनकी लापता बेटी की सिलीगुड़ी में बरामदगी की खबर सुनाई तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. अपनी बच्ची को लेने सिलीगुड़ी आए मनोज साहा ने बताया कि खबर समय में सूर्य सेन पार्क में बरामद लावारिस बच्ची की तस्वीर और अन्य जानकारी देखकर नक्सलबाड़ी में रह रही सपना नामक एक महिला ने झापा में रहने वाले अपने भाई को इसकी जानकारी दी थी.

सपना नेपाल के झापा की रहने वाली थी. उसकी शादी नक्सलबाड़ी में हुई थी. खबर समय और सोशल मीडिया में सिलीगुड़ी के सूर्यसेन पार्क की घटना की जानकारी पाकर सपना ने झापा में रहने वाले अपने भाई को यह वीडियो शेयर किया था. इस तरह से उसके भाई के द्वारा मनोज साहा को जानकारी हुई. इसके बाद खुशी से चहकते हुए मनोज साहा सिलीगुड़ी पहुंचे.

सिलीगुड़ी में अपनी बच्ची को सकुशल पाकर मनोज साहा काफी खुश हैं और उन्होंने पुलिस प्रशासन का काफी धन्यवाद किया. उन्होंने खबर समय का भी धन्यवाद किया. बच्ची को मनोज साहा के हवाले करने के लिए सभी तरह की औपचारिकताएं पूरी की जा रही है. मनोज साहा ने प्रशासन से मांग की है कि उनकी बेटी तो मिल गई, उनकी गुमशुदा पत्नी को भी प्रशासन ढूंढे.

सिलीगुड़ी पुलिस सौतेली मां को ढूंढने के लिए सूर्यसेन पार्क और उसके आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है जिससे यह पता लग सके कि सुरभि को पार्क तक कौन लाया था. लाने वाली महिला किस रास्ते से पार्क से बाहर हुई थी और वह कहां गई थी. बहरहाल बच्ची तो अपनों के पास लौट गई. अब देखना है कि सौतेली मां का पता कब तक चलता है.

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