अगर बारिश ना हो तो इस बार सिलीगुड़ी की दुर्गा पूजा एक अलग ही रंग बिखेर सकती है. इस बार की दुर्गा पूजा में कई विशेषताएं और धर्म से लेकर अध्यात्म तक की संस्कृति भी देख सकते हैं. स्थानीय माटी, संस्कृति, लोकाचार का भी दर्शन मिलेगा. दुर्गा पूजा समितियां पूरे उत्साह के साथ पूजा आयोजन को अद्वितीय तथा सफल बनाने के लिए कमर कस चुकी हैं. इसलिए इस बार सिलीगुड़ी में दुर्गा पूजा का एक खास आकर्षण होगा.
दुर्गा पूजा में अब 2 महीने से भी कम समय रह गया है. इसलिए सिलीगुड़ी के विभिन्न क्लबो के द्वारा खूंटी पूजा से शुरू होकर पंडाल निर्माण और उसकी तैयारी भी शुरू की जा चुकी है. हाल ही में सिलीगुड़ी के कई प्रसिद्ध पूजा क्लबों के द्वारा भूमि पूजन किया गया था. भूमि पूजन के बाद क्लब के लोग और आयोजक क्लब पंडाल के डिजाइन और थीम पर विचार करेंगे. उसके पश्चात पंडाल निर्माण का काम भी जोर पकड़ लेगा.
इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के द्वारा राज्य के मान्यता प्राप्त पूजा क्लबो को 1,10000 रुपए की सहायता राशि दी जा रही है. इससे पूजा क्लब के आयोजक काफी खुश और संतोष की सांस ले रहे हैं. इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य के पूजा क्लबों पर काफी मेहरबान है. 1 लाख,10 हजार की सहायता के अलावा क्लबों के द्वारा ली जाने वाली कई सरकारी और गैर सरकारी सेवाओं पर 80% तक छूट का ऐलान किया जा चुका है.
इस बार सिलीगुड़ी में दुर्गा पूजा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाएगा. राज्य में भाषा आंदोलन चल रहा है. दुर्गा पूजा के बहुत से क्लब राज भाषा आंदोलन को भी प्राथमिकता देने वाले हैं. इसके अलावा और भी बहुत से ताजा कार्यक्रमों को पंडाल मिशन में शामिल किया जा सकता है. आर जी कर और मेडिकल की हाल फिलहाल में घटी कई घटनाएं भी पूजा मिशन के अंतर्गत रखी जा सकती हैं.
सिलीगुड़ी और माटीगाड़ा के मूर्तिकार इन दिनों काफी व्यस्त हैं और प्रतिमा निर्माण में पूरा समय दे रहे हैं. इस बीच बरसात भी शुरू हो गई है. इसलिए मूर्तिकारों को थोड़ी चिंता सता रही है कि अगर माटी की मूर्ति धूप में नहीं सुखेगी तो समय पर ऑर्डर देने में मुश्किल आ सकती है. कुमार टोली के मूर्तिकारों के पास वर्तमान में बातचीत करने की फुर्सत नहीं है. उनकी बातचीत से यह संकेत मिलता है कि इस बार ममता बनर्जी ने पूजा आयोजकों को उदारता से दान दिया है.इसलिए पूजा क्लब उतनी ही धूमधाम से पूजा और पंडाल का आयोजन करेंगे.
आपको याद होगा कि 2018 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा समितियों को चंदा देना शुरू किया था जो 10000 से शुरू हुआ था उसके बाद प्रत्येक साल राशि में बढ़ोतरी होती चली गई. 10000 से 25 000, फिर 50 हजार , उसके बाद 85000 और 110000 की राशि दी जा रही है. इसके अलावा पूजा क्लबों को विभिन्न तरह की सरकारी सहायता भी मिल रही है. जैसे बिजली, पानी, विभिन्न टैक्स में छूट शामिल है.
चंदन नगर के शिल्पकार भी सिलीगुड़ी पहुंचने वाले हैं. उनके द्वारा पंडाल निर्माण का कार्य किया जाएगा. यहां के कई क्लबो ने उन्हें बुक किया है. उन्हें पहले से ज्यादा काम मिला है. इसी तरह से मूर्ति कारों को भी पहले से अधिक आर्डर मिले हैं. पहाड़, समतल ,Dooars सब जगह से उन्हें आर्डर मिले हैं. सिलीगुड़ी के एक मूर्तिकार ने बताया कि इस बार उसके पास आवश्यकता से अधिक काम है. इसलिए सभी कार्य समय पर पूरा हो सके, वह इसी व्यवस्था के तहत काम कर रहा है.
हालांकि अभी तक भारतीय मौसम विभाग की ओर से कोई अधिकृत सूचना नहीं है, परंतु यह माना जा रहा है कि दुर्गा पूजा के समय बारिश भी तांडव कर सकती है, जिससे दुर्गा पूजा पंडाल साज सज्जा और पूजा घूमने वालों की दिनचर्या पर असर पड़ सकता है. अगर बरसात नहीं होती है तो इस बार सिलीगुड़ी की दुर्गा पूजा का एक खास रंग और आकर्षण देखने को मिल सकता है.