त्राहिमाम उत्तर बंगाल के पीड़ितों का दुख हल्का करने की इस समय जैसे राजनीतिक दलों में होड़ सी लग गई है. खासकर तृणमूल कांग्रेस और राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा पीड़ितों के अधिक से अधिक करीब होने और उनका दुख बांटने की रणनीति अपना रही है.
एक तरफ तृणमूल कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता, स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कैबिनेट मंत्री, स्थानीय नेता, कार्यकर्ता पीड़ितों के बीच डेरा डाले हुए हैं, तो दूसरी तरफ राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के राज्य और केंद्रीय नेता, मंत्री भी समतल से लेकर पहाड़ तक पीड़ितों के बीच पहुंच रहे हैं और उनके जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दूधिया से लौट चुकी हैं. उन्होंने वहां आपदा प्रभावित लोगों का हाल-चाल जाना और उनकी अधिक से अधिक करीब होने का दम भरा. दूसरी तरफ आज केंद्रीय मंत्री किरण रिजुजू, प्रदेश भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी, सांसद राजू विष्ट और भाजपा के कई अन्य नेता भूस्खलन से प्रभावित तोकलांग में स्थित सोरेनी धारगांव में थे.
आपको बताते चलें कि उत्तर बंगाल त्रासदी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से पीड़ितों की मदद करने की अपील की थी. उन्होंने भाजपा सांसद राजू विष्ट और अन्य सांसदों तथा विधायकों से अपील की थी कि वे जितना हो सके, उत्तर बंगाल के पीड़ितों की मदद करने के लिए आगे आएं. प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद राजू बिष्ट, शंकर घोष और तमाम भाजपा के विधायक और सांसद उत्तर बंगाल में डेरा जमाए हुए हैं और पीड़ितों के करीब पहुंच रहे हैं.
कल राज्यपाल ने आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा किया. आज केंद्रीय मंत्री किरण रिजूजू ने अपनी टीम के साथ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. केंद्रीय मंत्री पीड़ितों का हाल और उनकी मदद के लिए एक रिपोर्ट तैयार करके केंद्र को प्रेषित करेंगे. ताकि पीड़ितों की समय पर उचित मदद की जा सके.
सोरेनी में हाल की आपदा में चार लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 5 से अधिक लोग भूस्खलन में गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं. उनका वर्तमान में अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस इलाके में अनेक घर बाढ और भूस्खलन की चपेट में आ गए. लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं. उनकी सहायता करने के लिए केंद्रीय मंत्री प्रदेश भाजपा के नेताओं के साथ पहुंचे थे. केंद्रीय मंत्री यहां पीड़ितों के लिए बनाए गए अस्थाई शिविर भी गए, जहां उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की थी.
सोरेनी के अस्थाई शिविर में वर्तमान में 18 परिवार आश्रय लिए हुए हैं. इन परिवारों ने भूस्खलन में अपना घर गंवा दिया है. राजू बिष्ट ने बताया कि हमने इन परिवारों का हाल जाना और उनकी कठिनाइयों को कम करने का प्रयास किया है. राजू बिष्ट ने कहा कि हम पीड़ितों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उन्हें मुश्किलातों से निकालने तथा उनका घर बनाने में केंद्र की ओर से हर संभव सहायता दी जाएगी.
राज्य विधानसभा में भाजपा के विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि जिन परिवारों ने आपदा में अपना घर गंवाया है, हमारी पार्टी की कोशिश होगी कि उनका घर बनाने और जमीन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रिलीफ फंड की ओर से मृतक के प्रत्येक आश्रित को ढाई ढाई लाख रुपए जबकि घायलों को 50-50 हजार रूपए की सहायता दी जाएगी.
सुबेंदु अधिकारी ने कहा कि यह समय पीड़ितों के करीब होने का समय है. ना कि राजनीति करने का. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे इस समय घटना की राजनीति ना करें और पीड़ितों की मन से सेवा करें. उन्होंने आपदा पीड़ितों को आश्वस्त किया कि चाय बागान की जमीन का जल्द ही फैसला सामने आ जाएगा. बहरहाल तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बाद अब देखना होगा कि पीड़ितों के जख्मों पर मलहम लगाने के लिए और कौन सी पार्टी मुखर होकर सामने आती है?