November 27, 2025
Sevoke Road, Siliguri
Uncategorized

बांग्लादेशी घुसपैठियों के पास आधार कार्ड तो हैं, लेकिन वोटिंग अधिकार के लिए क्या यह पर्याप्त है?

सीमावर्ती इलाकों में चेक पोस्ट पर बांग्लादेशी घुसपैठियों की वतन वापसी हेतु लंबी लाइन लगी है. ये वे घुसपैठिए हैं, जिनके पास भारत में नागरिकता का कोई प्रमाण नहीं है. बहुत से घुसपैठिए ऐसे हैं, जिनके पास आधार कार्ड तो है लेकिन वे भी डरे हुए हैं कि क्या आधार कार्ड के आधार पर उन्हें वोटिंग का अधिकार मिल जाएगा? ऐसे लोग अभी भारत में ही टिके हुए हैं. असमंजस की स्थिति में हैं. वे उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट इस बात से सहमत नहीं है कि जिनके पास आधार कार्ड है, उन्हें वोटिंग अधिकार दिया जाए. SIR को लेकर सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु केरल और पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से याचिका दायर की गई है. याचिका में एस आई आर को चुनौती दी गई है. राज्य सरकारों का केस कपिल सिब्बल लड़ रहे हैं. मसला आधार कार्ड से जुड़ा हुआ है. कपिल सिब्बल इस बात पर जोर दे रहे हैं कि केवल आधार कार्ड होने से भी वोटिंग का अधिकार नागरिकों को दे दिया जाना चाहिए.

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया है कि घुसपैठियों के पास भी आधार कार्ड है. जो लोग कानूनी नागरिक नहीं है, लेकिन उनके पास आधार कार्ड हैं तो क्या उन्हें भी वोटिंग का अधिकार मिलना चाहिए? सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आधार कार्ड नागरिकता अथवा वोटिंग अधिकार का प्रमाण नहीं है. आधार कार्ड से केवल सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है. यह दस्तावेज वोटिंग का अधिकार नहीं देता है.

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आधार कार्ड के संदर्भ में अपने पहले के बयान को दोहराते हुए कहा है कि SIR में 11 दस्तावेजों में आधार कार्ड भी एक है. लेकिन यह पूरी तरह से नागरिकता साबित नहीं करता है. आधार कानून में भी कहा गया है कि यह दस्तावेज नागरिकता का प्रमाण नहीं है. आधार कार्ड पूरी तरह से नागरिकता साबित नहीं करता. नागरिकता साबित करने के लिए चुनाव आयोग को मतदाता सूची सत्यापन का पूरा अधिकार है.

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने एस आई आर का विरोध करने वाले राज्यों से सवाल किया है कि अगर किसी व्यक्ति के पास राशन लेने के लिए आधार कार्ड है तो क्या उसे भी वोटिंग अधिकार दे दिया जाना चाहिए? मान लें कि कोई पड़ोसी देश का नागरिक है. वह इस देश में मजदूरी करता है. तो क्या उसे भी वोटिंग अधिकार दिया जाना चाहिए? उन्होंने कपिल सिब्बल से प्रश्न किया है कि आधार कार्ड से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है. लेकिन जब राज्य अथवा राष्ट्र का वोट का मामला हो तो आधार कार्ड को आधार बनाना कितना उचित है?

इसके जवाब में कपिल सिब्बल ने कहा कि हालांकि आधार कार्ड नागरिकता का सबूत नहीं है. लेकिन यह नागरिकता के पक्ष में सबूत है. मेरे पास आधार कार्ड है. यह मेरा घर है. इस प्रक्रिया में इसे छीना जा रहा है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की बेंच के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि एस आईआर ने आम आदमी पर बेवजह दबाव डाला है. उन्होंने कहा कि सभी लोग पढ़े लिखे नहीं है. बहुत से लोग फॉर्म भरना भी नहीं जानते. अगर वह फॉर्म नहीं भर सकते तो क्या उनके नाम हटा दिए जाएंगे?

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाता है तो उसे नोटिस देना होगा. SIR में एक दस्तावेज आधार कार्ड भी होगा. चुनाव आयोग एक सही संवैधानिक प्रक्रिया के तहत किसी व्यक्ति को वोटर लिस्ट में शामिल करता है. इसके लिए फॉर्म 6 एप्लीकेशन जमा करना होता है.जो दस्तावेज होंगे, चुनाव आयोग को वेरीफाई करने का अधिकार है.

कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में है तो उसे वैलिड माना जाना चाहिए. अगर कोई नाम हटाया जाता है तो यह एक सही और निष्पक्ष प्रक्रिया से होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट भी इससे सहमत दिख रहा है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने चुनाव आयोग से 1 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है. चुनाव आयोग के जवाब के बाद ही मामले पर सुनवाई होगी. अब देखना होगा कि चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट में क्या हलफनामा दायर करता है और अपनी प्रक्रिया को यह किस तरह से पारदर्शी साबित करता है!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *