सिलीगुड़ी का डंपिंग ग्राउंड सिलीगुड़ी के लोगों के लिए वर्तमान में सर दर्द बन गया है. क्योंकि यहां आए दिन आग लगने से निकलने वाला धुआं सिलीगुड़ी की एक बड़ी आबादी को प्रभावित करता है. सिलीगुड़ी के डंपिंग ग्राउंड के आसपास रहने वाले लोगों ने कई बार सिलीगुड़ी नगर निगम और प्रशासन को शिकायत भी की है. हाल ही में यहां अचानक आग लगी थी. जिसके बाद कई लोगों ने दम घुटने अथवा सांस लेने में तकलीफ को लेकर प्रशासन को शिकायत की थी. यह सुर्खियां बना.
पिछले दिनों सिलीगुड़ी नगर निगम के MMIC तथा कंजरवेटिव डिपार्टमेंट के प्रमुख मानिक दे हमारे खबर समय कार्यालय में आए, जहां खबर समय के संपादक श्री संजय शर्मा ने उनका इंटरव्यू लिया था. इस इंटरव्यू में मानिक दे ने सिलीगुड़ी के लोगों की शिकायतों, यहां अक्सर होने वाले अग्निकांड, डंपिंग ग्राउंड के भावी स्वरूप एवं संरचना तथा भविष्य के प्रोजेक्ट पर ढेर सारी बातें कीं और यह संकेत दिया है कि आने वाले समय में डंपिंग ग्राउंड पूरी तरह प्रदूषण रहित होगा और यहां कचरे का ढेर भी नहीं दिखेगा. यह सिलीगुड़ी के लोगों के लिए काफी राहत की बात है.
भक्ति नगर थाना के अंतर्गत लगभग 28 एकड़ जमीन पर डंपिंग ग्राउंड फैला है. सिलीगुड़ी का पूरा कचरा नगर निगम की गाड़ियों के जरिए यहीं पर लाया जाता है, जहां आधुनिक तकनीकों के जरिए कचरे की रीसाइकलिंग की जाती है. वर्तमान में यहां 10 लाख टन से अधिक का कचरा जमा है, जिसका बायोमाइनिंग किया जाना है. सिलीगुड़ी नगर निगम पूरी तैयारी के साथ इस कार्य में जुटी हुई है. कुछ ऐसे प्रोजेक्ट भी लिए गए हैं, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि सिलीगुड़ी का डंपिंग ग्राउंड एक आदर्श और गुणवत्ता पूर्ण स्थान बन गया है.
कुछ समय पहले सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव के प्रयास से यहां पौने 5 एकड़ जमीन पर खाद की फैक्ट्री लगाई गई है. जिस कंपनी को यह कार्य सौंपा गया है, उस कंपनी के द्वारा यहां आने वाले कचरे से खाद बनाई जाती है. इस खाद को सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में बिक्री के लिए भेजा जाता है. जब यहां अत्याधुनिक कचरा निष्पादन मशीनें नहीं थी, तब यहां गंदगी का अंबार लग जाता था. जिसकी बदबू आसपास कई किलोमीटर के क्षेत्र में फैल जाती थी. लेकिन वर्तमान में पहले जैसी गंदगी नजर नहीं आती है.
डंपिंग ग्राउंड में आए दिन होने वाले अग्निकांड और विस्फोट की घटनाओं का भी हल ढूंढ लिया गया है. कचरे में आग लगने का एक बड़ा कारण मीथेन गैस होती है. यह गैस अत्यंत जहरीली भी होती है. सिलीगुड़ी नगर निगम का जो भावी प्रोजेक्ट है, उसके अनुसार मीथेन गैस को निष्क्रिय करने और यहां आगजनी की घटनाओं में कमी लाने के लिए वैकल्पिक तकनीक को काम में लिया जाएगा. हालांकि डंपिंग ग्राउंड में अग्निकांड की घटनाएं बहुधा मार्च अप्रैल में ही देखी जाती हैं, जब पछुआ हवा चलती है, तो यहां कचरे में आग लग जाती है. जिसके फल स्वरुप धुएं का गुब्बार पूरे सिलीगुड़ी को ढक लेता है. आने वाले तीन-चार महीनो में यहां जो तकनीक काम करेगी, उससे ऐसी घटनाओं में कमी देखी जा सकती है. इस कार्य में विशेषज्ञों और टेक्निशियनों को लगाया गया है.
सिलीगुड़ी नगर निगम डंपिंग ग्राउंड की छवि को बदल देने की तैयारी में है. यह स्थान प्रदूषण रहित बन सके और यहां हरियाली तथा सुंदरता भी दिखे, इसके लिए कोलकाता के फार्मूले को अपनाने की बात चल रही है. यानी निकट भविष्य में कोलकाता की तरह सिलीगुड़ी में भी कचरे का निष्पादन कुछ इस ढंग से होगा कि यहां आस-पास का परिवेश हरा भरा नजर आएगा. सिलीगुड़ी नगर निगम का संबंधित विभाग डंपिंग ग्राउंड में अपना ऑफिस भी बना रहा है. डंपिंग ग्राउंड की पूरी गतिविधियों को देखने के लिए यहां दो ड्रोन कैमरे भी कार्यरत हैं, जिनसे मॉनिटरिंग की जा रही है.
सिलीगुड़ी से रोजाना 350 से 400 टन कचरा निकलता है. इन कचरो को डंपिंग ग्राउंड में लाया जाता है. सिलीगुड़ी नगर निगम के द्वारा सिलीगुड़ी के घर-घर में गीले कचरे और सूखे कचरे के लिए दो-दो बास्केट दिए गए हैं. ग्रीन बास्केट में गीला कचरा जबकि ब्लू बास्केट में सूखा कचरा डाला जाता है. इन सभी कचरो को सिलीगुड़ी नगर निगम के सफाई कर्मी विभिन्न गाड़ियों में भरकर बड़ी गाड़ियों में पहुंचाते हैं और बड़ी गाड़ियां कचरो को लेकर डंपिंग ग्राउंड में आती हैं. पूरे शहर में 95 इंटर गाड़ियां इस कार्य में लगी हुई हैं. इन सभी कचरों को यहां लाया जाता है. उसके बाद उनकी रिसाइकलिंग की जाती है.
वर्तमान में यहां कचरे का ढेर जमा नहीं हो रहा है. कचरो को ज्यादा समय तक नहीं छोड़ा जाता. बुनियादी तौर पर छंटाई करके उनकी रीसाइकलिंग कर दी जाती है. रीसाइक्लिंग के फल स्वरुप जो उत्पाद तैयार होते है, वह भी कीमती होते हैं. जबकि पहले से जो कचरा पड़ा है, उसकी बायोमाइनिंग हो रही है. बहुत जल्द पुराना कचरा भी यहां नज़र नहीं आएगा. इस तरह से मानिक दे ने बताया कि आने वाले कुछ समय में सिलीगुड़ी के डंपिंग ग्राउंड की छवि बदलने वाली है.
