रेलवे अपने यात्रियों के लिए ट्रेन टिकट के नियम बनाता है. रेलवे के अनेक नियम है. इनके बारे में ज्यादातर यात्रियों को पता नहीं होता. परंतु जिस तरह से रेलवे का डिजिटाइजेशन किया जा रहा है, ऐसे में रेलवे के नियमों को जानना जरूरी हो गया है और इसके साथ ही उसका पालन करना भी जरूरी हो गया है.
कुछ समय पहले तक रेलवे के सामान्य नियम केवल कागजों पर चलते थे. इसलिए अगर इसमें कुछ विलंब भी होता था तो भी कोई बात नहीं होती थी. आज कंप्यूटर और इंटरनेट का जमाना है, जहां सिर्फ कुछ मिनट की देरी होने पर आपकी बर्थ किसी और वेटिंग यात्री को दी जा सकती है. आप जरूर जानना चाहेंगे कि ऐसा कौन सा नियम है जिनका पालन करना जरूरी हो गया है.
अगर आपकी सीट या बर्थ कंफर्म है तो गाड़ी में चढ़ते ही सर्वप्रथम अपनी बर्थ पर जाएं. अगर आप परिवार के साथ हैं या दोस्त के साथ तथा उन सभी की सीट एक साथ नहीं है, अलग-अलग बोगी में है तो यह मत सोचिए कि आपकी सीट तो कंफर्म है ही, अभी बर्थ पर जाएं या देरी से, क्या फर्क पड़ता है. पर अब फर्क पड़ेगा. क्योंकि रेलवे ने नियमों के पालन में शीघ्रता का संकेत दिया है.
टीटीई टिकट की जांच करते हुए आपकी बर्थ पर जाता है. अगर आप अपनी बर्थ पर नहीं मिले तो वह सिर्फ 10 मिनट तक ही आपका इंतजार करेगा. अगर इस दौरान अपनी बर्थ पर नहीं आए तो टीटीई आपकी अनुपस्थिति को दर्ज करेगा और आपकी बर्थ अन्य किसी वेटिंग यात्री को दे देगा. दरअसल चेकिंग स्टाफ हैंड हेल्ड टर्मिनल के जरिए अब टिकट चेक करते हैं. इसमें यात्री के आने या ना आने की जानकारी देनी होती है.पहले यह व्यवस्था कागजों पर होती थी, इसलिए टीटीई अगले स्टेशन तक इंतजार कर लेता था.
रेलयात्री यूं तो समय से पहले ही स्टेशन पहुंच जाता है. लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि ट्रेन छूट गई. इस स्थिति में टीटीई आपकी बर्थ को किसी और यात्री को दे सकता है, जो वेटिंग में आता है. परंतु अगर आप चाहे तो अपनी सीट को क्लेम कर सकते हैं. अगर आप ऐसा समझते हैं कि आप अगले स्टेशन पर गाड़ी पकड़ लेंगे तो ऐसी स्थिति में आपकी सीट बची रहेगी. नियम यह है कि सीट कंफर्म होने पर रेलवे अगले दो स्टेशनों के लिए आपकी सीट को रिजर्व रखता है. इसके बाद वह आपकी सीट अन्य वेटिंग टिकट वाले यात्री को दे सकता है.
किसी कारण से ट्रेन छूटने पर तुरंत बर्थ कैंसिल नहीं की जाती, जब तक कि टीटीई को विश्वास नहीं हो जाता कि रेलयात्री अनुपस्थित है. रेलवे स्टाफ टीटीई 1-2 स्टेशन तक आपका इंतजार कर सकता है. इसके बाद आपकी अनुपस्थिति दर्ज करके विभाग को भेज देगा. आने वाले समय में रेलवे के कुछ और नियम जारी हो सकते हैं. फिलहाल भारतीय रेलवे भारतीय ट्रेनों की सूरत बदलने पर जोर दे रहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगले कुछ सालों में रेलगाड़ियों को लेकर काफी बदलाव किए जा रहे हैं. सभी रेलगाड़ियों में ऑटोमेटिक दरवाजे और एंटी जर्क लगाने की तैयारी चल रही है. इससे ट्रेन के चलने और रुकने पर यात्रियों को झटके नहीं महसूस होंगे. साथ ही हर रेलगाड़ी में डबल इंजन लगाए जाने से सेमी स्पीड ट्रेन सेट तैयार करने में रेलवे का खर्चा कम होगा. डबल इंजन होने से ट्रेन के समय में भी कटौती हो सकेगी. जैसे-जैसे रेलवे में बदलाव होगा उसके नियम भी बदलते जाएंगे. इसलिए जरूरी है कि अगर आप ट्रेन से नियमित यात्रा करते हैं तो ट्रेन टिकट अथवा अन्य नियमों के बारे में संपूर्ण जानकारी रखें.