October 6, 2024
Sevoke Road, Siliguri
लाइफस्टाइल

गंगासागर मेले की तैयारी में जुटा प्रशासन

कोलकाता: गंगासागर मेला 2023 जनवरी के पहले सप्ताह में शुरू होने जा रहा है। पिछले दो वर्षों की तुलना में, इस वर्ष समुद्र तट पर रिकॉर्ड संख्या में भक्तों की भीड़ ज्यादा होगी। कुछ वर्षों से कोरोना महामारी के चलते गंगासागर मेले में उस लिहाज से पूर्ण्याथी नहीं जुटे। लेकिन इस वर्ष प्रशासन को अनुमान है की ज्यादा भीड़ होगी | मेले को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच कई बार बैठक हो चुकी है। जिले के अधिकारी तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग सागर मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चिकित्सा सेवाओं में किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ना चाहता। इस बार बीमार मरीजों की मदद के लिए चिकित्सा सेवाओं की बाढ़ सी आ गई है।

डॉ. जयंत कुमार सुकुल ने कहा कि सागर मेला अन्य मेलों से अलग होने के साक्ष्य मिल चुके हैं। ज्ञात हो कि इस बार स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर रहेगा। 9 से 23 जनवरी के बीच सागर मेला के अवसर पर 103 चिकित्सा अधिकारी मेले के विभिन्न स्थानों पर उपस्थित रहेंगे। इनमें 18 विशेषज्ञ चिकित्सक हैं। साथ ही जरूरत पड़ने पर अन्य स्वास्थ्य जिलों से अतिरिक्त चिकित्सक भी मंगवाए जाएंगे। सागर मेले के 5 बिंदुओं पर विशेष स्वास्थ्य केंद्र हैं। ये केंद्र लॉट नंबर 8, कचुबेरिया, नारायणपुर पीएचसी, बेनुबन, सागर मेला ग्राउंड में स्थित होंगे।

यह पहली बार है जब बच्चों के लिए एक विशेष इकाई है। 50 बेड की इस यूनिट का इस्तेमाल सिर्फ बच्चों के लिए होगा।गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए भी अलग से व्यवस्था है। क्रिटिकल केयर यूनिट है। संक्रामक रोगियों के लिए 60 बेड का आइसोलेशन वार्ड भी है। साथ ही पास के काकद्वीप, डायमंड हार्बर सहित कई सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में सागर मेला तीर्थयात्रियों के लिए अलग से बेड रिजर्वेशन होगा। साथ ही डायमंड हार्बर से मेला मैदान तक सड़क किनारे कई जगहों पर प्राथमिक उपचार की सुविधा होगी। एयर लिफ्ट की भी सुविधा है। कुल मिलाकर सागर मेला में स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त रहेगी। गंगासागर मेले की तैयारी को लेकर जिलाधिकारी सुमित गुप्ता कई बार गंगासागर मेले की तैयारी का जायजा लेने के लिए कई बार गंगासागर का दौरा कर चुके हैं और मेले की तैयारी का काम कई बार धरातल पर देख चुके हैं | गंगासागर मेले में लाखों लोग शामिल हो सकते हैं। पुण्यार्थियों की सुविधा के विभिन्न प्रबंधन को देखने के साथ ही जिला प्रशासन ने इस बात पर भी विशेष ध्यान दिया है कि उन्हें कोई कठिनाई न हो।

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