सेवक में तीस्ता नदी पर कोरोनेशन ब्रिज के समानांतर एक नए पुल का निर्माण किया जाने वाला है. केंद्र सरकार ने नए पुल निर्माण और एप्रोच रोड के लिए 1190 करोड रुपए आवंटित कर दिए हैं.इस पुल के बन जाने से दार्जिलिंग, कालिमपोंग, सिक्किम, सिलीगुड़ी और डुआर्स क्षेत्र के बीच आवागमन का मजबूत स्तंभ तैयार हो जाएगा. एप्रोच रोड के साथ यह परियोजना 6.85 किलोमीटर लंबी है. यह परियोजना दार्जिलिंग में सेवक को ऐलनबाड़ी से जोड़ती है.
कहते हैं कि 12 साल के बाद घुरे के भी दिन फिर जाते हैं. सेवक में एकमात्र कोरोनेशन ब्रिज होने तथा इस ब्रिज से होकर भारी वाहनों का आवागमन न होने से पहाड़, Dooars, सिक्किम, दार्जिलिंग, कालिमपोंग आदि क्षेत्रों का सिलीगुड़ी से सुगम संपर्क नहीं हो पाता है. बरसात के दिनों में तो पहाड़ और समतल के बीच जैसे संपर्क कट जाता है . क्योंकि इन सभी क्षेत्रों को जोड़ने वाला तीस्ता नदी पर कोई अन्य पुल नहीं है. कोरोनेशन ब्रिज 1937 में अंग्रेजी सरकार द्वारा बनाया गया था, जो अब काफी जीर्ण शीरण अवस्था में आ चुका है. 2011 और 2015 में इन इलाकों में आए भूकंप के चलते इस महत्वपूर्ण पुल को भारी नुकसान पहुंचा था.
तभी से कोरोनेशन ब्रिज के समानांतर नए ब्रिज की मांग होने लगी थी. कोरोनेशन ब्रिज की मजबूती और मरम्मती के लिए पश्चिम बंगाल पीडब्लूडी की ओर से कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया. जिसके कारण कोरोनेशन ब्रिज काफी कमजोर हो गया है और इस ब्रिज से होकर भारी वाहनों का आवागमन बंद किया गया है.खबर समय के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘लेटस टॉक’ में बोलते हुए दार्जिलिंग के भाजपा सांसद और अखिल भारतीय भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने इस प्रोजेक्ट पर खुलकर बातचीत की. उन्होंने बताया कि किस तरह से उन्होंने भाग दौड़ करके और संसद में अपनी बात रखकर इस प्रोजेक्ट को पास कराया है.
राजू बिष्ट ने बताया कि परियोजना के लिए डीपीआर को अंतिम रूप दे दिया गया है. यह 3 साल में कंप्लीट हो जाएगा. जल्द ही संबंधित अधिकारी द्वारा परियोजना की फाइल पर हस्ताक्षर होने के बाद काम शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि इस पुल के निर्माण होने से दार्जिलिंग, कालिमपोंग, सिक्किम, सिलीगुड़ी, Dooars, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, कूचबिहार और शेष पूर्वोत्तर भारत के बीच की दूरी लगभग 14 किलोमीटर घट जाएगी. यात्रा के समय में भी काफी कमी आएगी. इसके अलावा इन क्षेत्रों के लिए परिवहन के बुनियादी ढांचे में मजबूती मिलेगी.
राजू बिष्ट ने कहा कि यह नया कोरोनेशन ब्रिज चिकन नेक में परिवहन, व्यापार और पर्यटन के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएगा. उन्होंने बताया कि प्रस्तावित पुल सामरिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय सड़क राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के प्रति दार्जिलिंग, तराई और Dooars क्षेत्र के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया. इसमें कोई शक नहीं है कि राजू बिष्ट ने अपने संसदीय क्षेत्र में विकास के लिए काफी काम किया है. बालासन सेतु से लेकर सेवक तक एलिवेटेड सड़क निर्माण परियोजना आज क्षितिज पर दिखाई दे रही है, तो इसमें उनके श्रम और तत्परता का भारी योगदान है. राजू बिष्ट ने इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा शिक्षा, चाय बागान के श्रमिकों के कल्याण और तीस्ता बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए भी अपनी उल्लेखनीय सेवा दर्ज कराते हुए एकजुटता दिखाई है.
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