आज दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री से मुलाकात की और उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग 10 (एनएच-10) की बहाली में भारी देरी और कालिम्पोंग , सिक्किम और दार्जिलिंग क्षेत्र के लोगों के सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया।
4 अक्टूबर को तीस्ता में आई भीषण बाढ़ से NH10 के कई हिस्से बह गए। हालाँकि 70 दिन से अधिक समय होने के बावजूद सड़क संपर्क आंशिक रूप से ही बहाल हो सका है।
राजू बिष्ट ने माननीय मंत्री को इस देरी से उत्पन्न होने वाली प्रमुख समस्याओं से अवगत कराते हुए उन्हें बताया कि, बड़े वाहन जैसे ट्रक और बस (6 टन से ऊपर) रास्ते से नहीं निकल पाते हैं। इसके चलते ट्रक चालक जान जोखिम में डालकर संकरी पहाड़ी सड़कों पर वाहन चलाने को मजबूर हैं। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में भोजन, ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है।
साथ ही सांसद ने यह भी बताया कि, इस देरी का एक मुख्य कारण यह है कि NH-10 के लगभग 50 किमी हिस्से का रखरखाव पश्चिम बंगाल PWD द्वारा किया जाता है, और ऐसा लगता है कि उनके पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस सड़क को बनाए रखने की तकनीकी क्षमता नहीं है। इसलिए सांसद ने नितिन गडकरी से अनुरोध किया कि, कृपया NH-10 का पूरा हिस्सा NHIDCL को सौंप दें।
नितिन गडकरी ने भी आज अपने मंत्रालय के अधिकारियों को WBPWD से NH-10 का हिस्सा लेने और इसे बिना किसी देरी के NHIDCL को सौंपने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है।
NH-10 कलिम्पोंग, दार्जिलिंग और सिक्किम के सीमावर्ती क्षेत्र के लिए जीवन रेखा है। इस सड़क की मरम्मत में हर दिन देरी से पर्यटन उद्योग को नुकसान हो रहा है, और क्षेत्र में रहने वाले लोगों को परेशानी हो रही है।
सांसद ने उम्मीद जताई कि, जब एनएचआईडीसीएल एनएच-10 को पूरी तरह से अपने हाथ में ले लेगी, तो एनएच-10 का रखरखाव बेहतर होगा और क्षेत्र के लोगों को बेहतर सेवाएं मिल पाएगी |