असम राइफल ने हमेशा ही देश की सुरक्षा के प्रति एक अहम भूमिका निभाई है | जब भारत-चीन युद्ध में भारत में विदेशी आक्रमण का खतरा बढ़ रहा था, तो समय भारत के सबसे पुराने अर्धसैनिक बल बचाव के लिए सामने आया और उस दौरान भारी बाधाओं का सामना करते हुए, युद्ध में अपनी मातृभूमि के गढ़ को बनाए रखने में योगदान दिया। ऐसे कई मौकों पर असम राइफल्स भारत की रक्षा पंक्ति का मुख्य हिस्सा रही है।
वहीं अब मेधावी स्किल्स यूनिवर्सिटी ने असम राइफल्स के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है, जहां, 50% तक की छात्रवृत्ति प्रदान करने और कौशल-आधारित स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री कार्यक्रमों में छात्रों के लिए सीटें आवंटित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं |
असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल प्रदीप चंद्रन नायर, सह-संस्थापक और प्रो-चांसलर, एमएसयू, कुलदीप शर्मा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए । इस दौरान असम राइफल्स के प्रयासों की सराहना की गई और यह सहयोग उत्तर पूर्व के नायकों को वापस लौटाने का मार्ग प्रशस्त करता है।
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)