आपका बैंक में अकाउंट हो सकता है. बैंक ने आपको पासबुक, चेक बुक के साथ एटीएम भी दिया होगा, ताकि आप जरूरत पड़ने पर नजदीकी एटीएम से नगद राशि निकाल सकें. लेकिन यह खबर सुनकर आपको धक्का लगेगा कि बैंक ने एटीएम से नगद निकासी पर शुल्क को बढ़ा दिया है, जो कम से कम ₹30 हो सकता है!
यह शुल्क आपको तब देना होगा, जब आप एक महीने में टैक्स फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट पार कर जाते हैं.इसके बाद प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर बैंक आपसे ₹23 वसूल करेगा, जो जीएसटी आदि मिलाकर लगभग ₹30 हो जाएंगे. बैंकों के इस प्रस्ताव को आरबीआई ने मंजूरी दे दी है.अब 1 मई 2025 से एटीएम से निकासी पर शुल्क बढ़ जाएगा, जो साधारण खातेदारों के लिए महंगा पड़ सकता है.
एटीएम ट्रांजेक्शन पर बढ़े हुए शुल्क से सबसे ज्यादा वे लोग प्रभावित होंगे, जो जरूरत पड़ने पर बार-बार एटीएम से निकासी करते हैं.इनमें छोटे व्यापारी, ठेले वाले, दैनिक व्यापारी, कारीगर, दिहाड़ी मजदूर आदि शामिल हैं. जो छोटी-छोटी रकम बैंक में जमा करते हैं और आवश्यकता अनुसार एटीएम से पैसे निकलते हैं. अब बैंक आपसे उम्मीद करता है कि एक महीने में कम से कम एटीएम से निकासी करें और आरबीआई ने जितना लिमिट दिया है, उसी लिमिट में रहे.
आरबीआई के नियमों के अनुसार कोई भी खातेदार एक महीने में अपने बैंक के एटीएम से बिना किसी शुल्क के पांच ट्रांजैक्शन कर सकता है. अगर आप दूसरे बैंक के एटीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो मेट्रो सिटी में एक महीने में अधिकतम तीन और गैर मेट्रो सिटी में अधिकतम पांच ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. वर्तमान में फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट खत्म होने के बाद बैंक अपने ग्राहकों से प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर अधिकतम ₹21 का शुल्क वसूल करती है.
इसलिए सावधान हो जाइए. बार-बार एटीएम से नगद निकासी की आदत को त्याग दीजिए. काफी समय से बैंकों का आरबीआई को यह प्रस्ताव भेजा गया था. इस पर आरबीआई ने मुहर लगा दी है. वास्तव में एटीएम के इस्तेमाल पर बैंकों को कई तरह के खर्च उठाने पड़ते हैं, जिनकी वसूली ग्राहकों से की जाती है. जब आप किसी दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो आपका बैंक उस दूसरे बैंक को इस्तेमाल की गई सेवा के लिए भुगतान करता है.
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