सिलीगुड़ी के प्रधान नगर थाना की पुलिस ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है. किराए पर वाहन लेकर उसे बेचने के एक ऐसे गिरोह का पता लगाया है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वाहन तस्करी में लिप्त है. यह खबर आपकी आंख खोल देने वाली है. प्रधान नगर के थाना प्रभारी वासुदेव सरकार ने बताया कि वाहन चोरी के आरोप में अब तक गिरफ्तार पांच लोगों से पूछताछ के आधार पर यह पता चलता है कि वाहन तस्करों का एक संगठित गिरोह है. उसका नेटवर्क काफी दूर तक फैला है. लेकिन सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस भी अंतर्राष्ट्रीय तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ करना चाहती है. इसलिए पुलिस की अलग-अलग टीमें देश के अलग-अलग हिस्सों में तस्करों की तलाश में जुट गई है.
अगर आप अपनी गाड़ी किराए पर देना चाह रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है. सिलीगुड़ी में बहुत से लोग अतिरिक्त कमाई करने के लिए गाड़ी खरीद लेते हैं और उसे चलाने के लिए किराए पर दे देते हैं. आजकल app के जरिए गाड़ियों को किराए पर दिया जा रहा है. कई मालिकों की रोजी- रोटी इसी से चलती है. किसी समय गाड़ी भाड़े पर देने का यह तरीका सुरक्षित माना जाता था. परंतु वर्तमान में यह सुरक्षित नहीं रहा.
जिस तरह से प्रधान नगर थाना की पुलिस ने इस सच को खंगाला है, उसके बाद गाड़ी मालिक भी हैरान रह गए हैं और असमंजस में है कि उन्हें ऐप के जरिए अपनी गाड़ी किराए पर देना चाहिए या नहीं. प्रधान नगर थाना की पुलिस ने पिछले दिनों वाहन तस्करी के एक गिरोह का पर्दाफाश किया था. इस मामले में पुलिस ने गिरोह के सरगना सोमनाथ मुखर्जी को गिरफ्तार किया था. सोमनाथ मुखर्जी कोलकाता का निवासी है. उसके साथ-साथ अन्य चार लोगों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था.
आरोपियों से पूछताछ के बाद यह पता चला है कि ऐप के जरिए गाड़ियां किराए पर लेकर उन्हें देश विदेश के अलग-अलग भागों में बेच दिया जाता था. वाहन चोरी का आरोपी सोमनाथ मुखर्जी ने असम में एक साथ 50 गाड़ियां किराए पर ली और वह उन्हें बेचकर फरार हो जाना चाहता था. इस गोरखध॔धे में शामिल लोग फर्जी पहचान और दस्तावेजों के सहारे गाड़ियां लेते थे. फिर जीपीएस सिस्टम हटाकर नया लगा लेते थे. ताकि पुलिस उन तक नहीं पहुंच सके.
पुलिस को यह भी पता चला है कि इस तरह से वाहन चोरी और बिक्री करने वाला एक गिरोह अंतरराष्ट्रीय स्तर का है.अब तक के तथ्यों से पता चला है कि इसका तार नेपाल तक से भी जुड़ा है. पुलिस app प्रबंधन पर भी शक कर रही है. क्योंकि पुलिस का मानना है कि ऐप प्रबंधन की इसमें मिलीभगत होगी. क्योंकि इस तरह की गतिविधियां उनके सिस्टम में कैसे चल सकती हैं. यह सवाल हर व्यक्ति के मन में है.
आरोपियों से जो जानकारी हाथ लगी है, उसके अनुसार इस तरह का तस्करी धंधा पूर्वोत्तर राज्यों, नेपाल और भारत के कई अन्य राज्यों तक फैला है. प्रधान नगर थाना पुलिस प्रभारी वासुदेव सरकार बताते हैं कि पुलिस ऐसे गिरोह की जड़ तक पहुंचने के लिए अंतर्राज्यीय स्तर पर अभियान चला रही है. प्रधान नगर थाना की पुलिस असम, अरुणाचल और मणिपुर भी गयी थी. हालांकि गिरोह के अन्य सदस्य तो पकड़े नहीं जा सके, लेकिन जीपीएस लोकेशन के सहारे स्थानीय पुलिस की सहायता से प्रधान नगर थाना की पुलिस ने कई वाहनों को जब्त करने में सफलता पाई.
यह गिरोह कितना बड़ा और शक्तिशाली है तथा इसका नेटवर्क कहां-कहां तक फैला है, यह इसी बात से समझा जा सकता है कि अब तक पुलिस ने 26 महंगी गाड़ियां बरामद कर ली है.आज सिलीगुड़ी पुलिस बरामद गाड़ियों के साथ सिलीगुड़ी लौट सकती है. नई जानकारी के बाद प्रधान नगर थाना की पुलिस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. इसके साथ ही ऐप प्रबंधन से भी पूछताछ की जा रही है.