एक लंबे अरसे से जिस घड़ी की प्रतीक्षा की जा रही थी, आज वह घड़ी आ ही गई! जब एकाएक ही सिलीगुड़ी नगर निगम की गाड़ी प्लैनेट मॉल पहुंची. कुछ ही देर में मौके पर पहुंचे इंजीनियर, सिविक वॉलिंटियर्स और अधिकारी. प्लैनेट मॉल में ग्राहकों और दुकानदारों की मौजूदगी में ही वह सब शुरू हुआ, जो अब तक शुरू नहीं हो सका था. यानि अवैध निर्माण पर चलने लगे हथौड़े और टूटने लगीं दुकानें और अन्य निर्माण. कुछ दुकानदारों ने जरूर विरोध किया. मगर माॅल के अवैध निर्माण के टूटने का सिलसिला जो चला, वह रुका नहीं.
2 दिन पहले ही हाई कोर्ट का फरमान आ गया था. हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि प्लैनेट मॉल के अवैध निर्माण को तोड़ा जाए. हाई कोर्ट अब दुकानदारों को कोई भी मोहलत देने के पक्ष में नहीं था. प्लैनेट मॉल के आरोपी दुकानदार लगातार तारीख पर तारीख लेते आ रहे थे. उनके आगे सिलीगुड़ी नगर निगम भी बेबस नजर आ रहा था. लेकिन इस बार कानून ने उन्हें और समय नहीं दिया और फरमान सुना दिया. सिलीगुड़ी नगर निगम को कोर्ट का सख्त आदेश था. ऐसे में प्लैनेट मॉल का अवैध निर्माण तो टूटना ही था.
सेवक रोड स्थित प्लेनेट मॉल काफी समय से विवादास्पद रहा है. अवैध निर्माण, फायर सेफ्टी का न होना, अतिक्रमण आदि कई तरह की शिकायतों के मद्देनजर निगम प्रशासन की ओर से प्लैनेट मॉल के मालिकों को नोटिस दिया जाता रहा था. सिलीगुड़ी नगर निगम के सूत्रों ने बताया कि स्वीकृत बिल्डिंग प्लान में अतिरिक्त स्टाल या लिफ्ट की कोई अनुमति नहीं थी, कई दुकानदारों ने बिल्डिंग प्लान की अनदेखी करते हुए अवैध निर्माण कराया था, जो सिलीगुड़ी नगर निगम को काफी समय से खटक रहा था.
सूत्रों ने बताया कि फायर सर्विस विभाग के द्वारा फायर सर्टिफिकेट का रिनुअल 2016 से कभी नहीं कराया गया. कई तरह की विसंगतिया पाई गई. लेकिन दुकानदार बेखबर थे. उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. प्लैनेट मॉल के अवैध निर्माण को लेकर बहुत सी शिकायतें सामने आई थी. उनमें प्लैनेट मॉल के पूर्व सचिव आनंद कुमार भंसाली की भी शिकायत थी, जो आज सिलीगुड़ी नगर निगम की कार्रवाई पर काफी खुश नजर आ रहे थे. आनंद कुमार भंसाली ने कहा कि कानून की जीत हुई है. इसके लिए उन्होंने काफी लड़ाइयां लड़ी है. लेकिन देर से ही सही, सिलीगुड़ी नगर निगम, पुलिस प्रशासन और कानून ने इंसाफ किया है.
आज की घटना बताती है कि अवैध निर्माण और अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. चाहे कितना भी बड़ा से बड़ा आदमी क्यों ना हो, कानून सबके लिए बराबर होता है. जो गलत करेगा, उसे भुगतना ही होगा. प्लैनेट मॉल में सीधे तोड़फोड़ की कार्रवाई का कुछ व्यवसाईयों ने विरोध भी किया था. जिनकी दुकानों के महत्वपूर्ण भाग टूटे, उन्होंने विरोध जरूर किया. लेकिन आदेश कोर्ट का था. इसलिए कोई कुछ कर नहीं सका. सिलीगुड़ी नगर निगम ने वही किया, जो उसे कोर्ट का आदेश मिला था. निगम के अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश का पालन किया.
प्लैनेट मॉल में उस समय ग्राहक और व्यापारियों की चहल पहल थी, जब अचानक सिलीगुड़ी नगर निगम की गाड़ी पहुंची और सिलीगुड़ी नगर निगम के कर्मचारियों तथा सिविक वॉलिंटियर्स की मौजूदगी में अवैध रूप से बने लिफ्ट और स्टाॅल को तोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ. इन अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए हथौड़े बरसाए गए. यह सब देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ एकत्र हो गई थी. सिलीगुड़ी में प्लेनेट मॉल के तोड़ने की चर्चा सुर्खियों में है. सिलीगुड़ी नगर निगम और प्रशासन की कार्रवाई से बहुत से लोग राहत की सांस ले रहे हैं.