देखो-देखो होली है आई
सब के चेहरे पर खुशियां हैं आई
मौसम ने ली है अंगड़ाई।
शीत ऋतु की हो रही है बिदाई
ग्रीष्म ऋतु की आहट है आई
सूरज की किरणों ने उष्णता है दिखलाई
देखो-देखो होली है आई।
सच यह होली का त्यौहार कितना मनभावक है, लोग सारे भेदभाव को भुलाकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं और अपने रंग में रंगने की कोशिश करते हैं | क्या आपने कभी सोचा है, अगर रंग नहीं होते तो यह दुनिया कितनी बेरंग सी होती | इन रंगों के कारण है सब की पहचान है, आसमान नीला तो, हरे रंग की पत्तियों ने पेड़ों को सजाया है | आसमान में उड़ता बादल सफेद नजर आता है, तो खाई से भी गहरा समंदर आसमानी नीला नजर आता है | वही इंद्रधनुष के रंगों ने भी रंगों की पहचान सिखाई है और सूरज की चमकती किरणों से जो उजाला हुआ वही दिन कहलाया और रंग-बिरंगे फूलों ने इस धरती की गोद को सजाया | दिन के उजाले में हर रंग की पहचान नजर आती है, और देखा जाए तो होली भी रंगों का त्यौहार जो चारों तरफ खुशियां बिखेर देती है | होली के 1 महीने पहले से ही वातावरण में रंगों की खुशबू महसूस होने लगती है | हर कोई अपने-अपने तरीके से इस रंगों के त्यौहार को मानता है | गुलाल और विभिन्न रंग के अबीरों से यह होली का त्यौहार रंगीन बन जाता है, लेकिन मथुरा के नजदीक ब्रज क्षेत्र से फूलों की होली की शुरुआत हुई थी और फूलों की होली दुनिया भर में प्रसिद्ध है, जिसे देखने और खेलने के लिए लोग काफी उत्सुक रहते हैं | फूलों की होली को भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम का प्रतीक माना जाता है | फूलों से खेले जाने वाली होली ब्रिज, मथुरा, बरसाने में बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है | पौराणिक कथा की माने तो श्री कृष्ण एक बार राधा रानी से मिलने नहीं जा सके, इस पर राधा रानी उदास हो गई और राधा रानी के उदास होते ही, फुल, जंगल सूखने लगे ऐसे में जब भगवान कृष्ण को राधा जी की हालत का पता चला तो, वे तुरंत उनसे मिलने पहुंचे, वहीं अपने कन्हैया को देखकर राधा रानी खुश हो गई और इससे सभी मुरझाए फूल खिल उठे और उन्हीं खिले हुए फूलों से राधा रानी और कृष्ण ने होली खेली, तब से ही फूलों की होली खेली जाती है |
और आप भी यदि अपनी संस्कृति से जुड़ना चाहते है और आपको भी फूलों की होली खेलने की इच्छा हैं, तो मारवाड़ी युवा मंच सिलीगुड़ी शाखा आपकी इच्छा को पूरा करने के लिए तत्पर है | बता दे कि, मारवाड़ी युवा मंच सिलीगुड़ी शाखा सामाजिक कार्यों के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी बढ़ावा देने का प्रयास करती है | इस होली में मारवाड़ी युवा मंच सिलीगुड़ी शाखा फिर से अपने संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए तैयार है और होली मिलन समारोह के माध्यम से फूलों वाली होली को लेकर प्रस्तुत है | 24 मार्च को सिलीगुड़ी हिंदी हाई स्कूल ( गर्ल्स ) एम् आर रोड खालपाड़ा में शाम 6 बजे से इस सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत होगी, जिसमें कोलकाता की मशहूर गायिका रितिका खन्ना अपनी सुरीली आवाज से सभी को मंत्र मुग्ध करेंगी | आप सभी भी इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं और फूल वाली होली को खेल कर अपनी संस्कृति में शराबोर हो सकते हैं |
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