भारत सरकार ने सिलीगुड़ी, सिक्किम, दार्जिलिंग, कालिमपोंग, सीमांचल बिहार, नेपाल और भूटान के विमान यात्रियों के लिए एक अत्यंत खुशी की खबर दी है. यह ऐसी खबर है, जिसके लिए विमान यात्री वर्षों से संघर्ष कर रहे थे. अब तक आश्वासन में जी रहे थे. लेकिन अब उनका सपना पूरा हुआ है. यह ऐसी खबर है कि सुनकर आप भी उछल पड़ेंगे. केंद्र सरकार ने बागडोगरा एयरपोर्ट के विस्तार तथा नए टर्मिनल भवन को मंजूरी दी है. शुक्रवार को इसका फरमान भी आ गया.
सिलीगुड़ी से कुछ ही किलोमीटर हटकर बागडोगरा स्थित है. यूं तो बागडोगरा एक छोटा सा कस्बा है, अब तक यह विकास से अछूता रहा है. जो भी विकास हुआ है, वह यहां के हवाई अड्डा के कारण हुआ है. पर बागडोगरा जल्द ही एक शहर का रूप ले लेगा, इसकी पूरी संभावना है. क्योंकि बागडोगरा एयरपोर्ट पर जिस टर्मिनल का निर्माण हो रहा है, उसके कारण बागडोगरा के साथ ही सिलीगुड़ी भी काफी फल फूल सकेगा. आप आने वाले समय में सिलीगुड़ी के विकास का एक नया स्वरूप देख सकेंगे.
अंतर्राष्ट्रीय बागडोगरा हवाई अड्डा पर नए सिविल एंक्लेव के निर्माण के बारे में विभिन्न स्रोतों से जानकारी मिलती रही है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने यहां यात्रियों की बढ़ती भीड़भाड़ को देखते हुए नए टर्मिनल निर्माण का प्रस्ताव दिया था, जिस पर केंद्र की मोहर लग चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई एक बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. इसके निर्माण पर 1549 करोड रुपए खर्च होंगे. यह जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है.
सिलीगुड़ी और आसपास के विमान यात्रियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण खबर है. वर्तमान में बागडोगरा हवाई अड्डा पर यात्रियों की भीड़ के अनुसार उसकी क्षमता काफी कम है. जिसके कारण यात्रियों को विभिन्न तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उड़ान क्षमता सीमित होने तथा विमान यात्रियों की संख्या बढ़ने, सुविधाओं की कमी के साथ-साथ बहुत से तकनीकी दोष भी हैं, जो यात्रियों को परेशान करते हैं. यहां हवाई अड्डा के विस्तार और नए टर्मिनल भवन निर्माण के लिए यात्रियों की ओर से पहले से ही आवाज उठाई जाती रही है. इसके बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसका प्रस्ताव किया और केंद्र को मंजूरी के लिए भेजा. अब केंद्र की इस पर मोहर लग चुकी है.
प्रस्तावित टर्मिनल बिल्डिंग की क्षमता 70,390 वर्ग मीटर है. यहां रोजाना 3000 यात्रियों की क्षमता होगी और इसकी वार्षिक क्षमता 10 मिलियन यानी एक करोड़ यात्रियों की होगी. यानी साल में एक करोड़ विमान यात्री यहां से देश के दूसरे शहरों और विदेशों में आवागमन कर सकेंगे. इसके अंतर्गत एक साथ 10 A-321 टाइप का एयरक्राफ्ट पार्क हो सकेंगे. केवल इतना ही नहीं, टर्मिनल बिल्डिंग के क्षेत्र में दो टैक्सी वे और मल्टीलेवल कार पार्किंग की भी सुविधा होगी.
यहां पर टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण पर्यावरण के अनुकूल किया जाएगा. इसलिए इसको ग्रीन बिल्डिंग का नाम दिया गया है. यानी बागडोगरा हवाई अड्डे पर आकर विमान यात्री प्राकृतिक परिवेश का भी दीदार करेंगे. इसके साथ ही उनके स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं की भी यहां व्यवस्था होगी. यहां का पर्यावरण कुछ ऐसा होगा जैसे अधिकतम प्राकृतिक प्रकाश को सीमित करने और एनर्जी स्रोत को बढ़ाने पर जोर रहेगा. यानी सब कुछ इकोलॉजिकल आधारित होगा. केंद्र ने जो राशि आवंटित की है, उसमें इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा.
केंद्र सरकार ने बागडोगरा के साथ-साथ बिहार में बिहटा हवाई अड्डा का भी विस्तार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बहरहाल यह देखना होगा कि सिलीगुड़ी और आसपास के विमान यात्रियों का यह सपना कब तक पूरा होता है.
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