इस साल गर्मियों में देश और विदेश से भारी संख्या में दार्जिलिंग और सिक्किम के पर्यटक स्थलों पर भ्रमण के लिए पर्यटक पहुंचे थे. इनमें से कई पर्यटकों के साथ ट्रैवल एजेंटों के द्वारा ठगी की गई थी. खासकर ऐसे पर्यटकों के साथ जिन्होंने गूगल सर्च करके ट्रैवल एजेंट और एजेंसी के द्वारा सिक्किम और दार्जिलिंग में होटल और टैक्सी बुक कराया था. पर्यटकों के साथ ठगी की घटनाएं एक-एक करके सामने आ रही है.
खबर समय के प्लेटफार्म पर हमने ऐसी ठगी की कई घटनाएं सामने रखी हैं ताकि पर्यटक और आम नागरिक ठगी की ऐसी घटनाओं के प्रति सचेत रहें और सावधान रहें. इसी कड़ी में आज एक और ठगी की घटना प्रकाश में आई है. फरीदाबाद सेक्टर 29 के दीपक ठुकराल ने अपने तीन अन्य दोस्तों श्री कृष्ण सिंघल, दीपक अग्रवाल और संजय कटियार के साथ मिलकर सिक्किम और दार्जिलिंग घूमने का प्रोग्राम बनाया. दीपक ठुकराल ने गूगल पर सर्च करके ट्रैवल एजेंसी का पता लगाया तो हॉलीडे साउल के नाम से एक ट्रैवल एजेंसी के बारे में जानकारी मिली. दिए गए फोन नंबर पर दीपक ठुकराल ने उक्त ट्रैवलिंग एजेंसी के किसी एजेंट से संपर्क किया.
एजेंट ने दीपक ठुकराल के ईमेल आईडी पर सिक्किम और दार्जिलिंग में घूमने का 7 दिनों का पैकेज भेज दिया. इसमें होटल, टैक्सी, खाना पीना इत्यादि सब शामिल था. दीपक ठुकराल तथा उनके दोस्तों ने 1.66 लाख का पैकेज पसंद किया और ₹55000 अग्रिम भुगतान भी कर दिया. उनकी यात्रा 3 अप्रैल से शुरू होने वाली थी. लिहाजा दीपक ठुकराल को बता दिया गया कि सिक्किम और दार्जिलिंग में होटल टैक्सी आदि की बुकिंग इसके हिसाब से कर दी गई है.
सिक्किम भ्रमण की सारी तैयारी करके चारों दोस्त बागडोगरा आए और वहां से गंगटोक के लिए रवाना हो गए. जहां एक आलीशान होटल में उनके लिए कमरा बुक कराया गया था. टैक्सी से सभी दोस्त गंगटोक पहुंच गए . वे सभी होटल पहुंच गए. वहां पर पता चला कि उनके नाम से कोई कमरा बुक कराया ही नहीं गया था. इसके बाद दीपक ठुकराल और उनके दोस्त चकरा गए. उन्होंने तुरंत ट्रैवलिंग एजेंसी को फोन मिलाया तो उधर से उत्तर मिला कि उक्त होटल में उनकी बुकिंग कैंसिल कर दी गई है. पर चिंता की बात नहीं है. जल्द ही दूसरे होटल में उनके रहने की व्यवस्था कर दी जा रही है.
कुछ देर तक चारों दोस्त एजेंट के फोन का इंतजार करते रहे लेकिन एजेंट का कोई फोन नहीं आया. इसके बाद स्वयं दीपक ठुकराल ने एजेंट को कई बार फोन किया लेकिन हर बार एजेंट का फोन बंद मिला. उन्हें समझते देर नहीं लगी कि उनके साथ धोखा हुआ है. खैर जैसे तैसे सिक्किम और दार्जिलिंग में थोड़ा घूम फिर कर वह वापस दिल्ली लौट गए. यहां फरीदाबाद में उन्होंने ठगी की रपट सेक्टर 29 थाना में दर्ज कराई है.
इसमें कोई शक नहीं कि इस बार पहाड़ में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आए. उनके साथ ठगी की ऐसी घटनाएं पर्यटन उद्योग को प्रभावित तो करती ही है,साथ ही चंदेक ऐसी घटनाओं से पूरी ट्रैवलिंग एजेंसी बदनाम होती है.पहाड़ की छवि को भी नुकसान पहुंचता है. खासकर सिक्किम की छवि धूमिल होती है जो अपनी स्वच्छता पारदर्शिता और ईमानदारी के लिए देश भर में जाना जाता है. पर्यटकों को भी सलाह दी जाती है कि सिक्किम और दार्जिलिंग घूमने के लिए गूगल में ट्रैवल एजेंसी का पता सर्च करते समय उसकी विश्वसनीयता की जानकारी एकत्र करें. नजदीकी पुलिस थाना तथा होटल संघ से भी सीधे बात की जा सकती है. इसके अलावा गूगल में सिक्किम और दार्जिलिंग के विभिन्न होटलों के फोन नंबर मिल जाएंगे. आप सीधे होटल से भी बात कर सकते हैं. बेहतर रहेगा कि ट्रैवल एजेंसी के पैकेज में ना आकर सीधे संबंधित इकाइयों से बात पक्की करें.