क्या आप चिकन खाना पसंद करते हैं? यदि हां, तो फिलहाल चिकन खाना खतरे से खाली नहीं है. झारखंड में बर्ड फ्लू फैल गया है. बंगाल में भी इसका खतरा बढ़ गया है. मुर्गियों में बढ़ते संक्रमण के चलते झारखंड से मुर्गियां मंगाने वाले राज्यों में चिंता बढ़ती जा रही है. पश्चिम बंगाल भी झारखंड से मुर्गियां मंगाता है. हालांकि झारखंड में एवियन फ्लू वायरस मिलने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने झारखंड से मुर्गियों को म॔गाने पर फिलहाल रोक लगा दी है.
चिंता का सबसे बड़ा कारण झारखंड से राज्य में पहले से आ चुकी मुर्गियां हैं. क्या ये सभी मुर्गियां सुरक्षित हैं? क्या ये सभी मुर्गियां संक्रमण मुक्त हैं? हालांकि इसका दावा नहीं किया जा सकता कि मुर्गियों में फ्लू नहीं है. झारखंड में एवियन फ्लू एच 5 एन1 वायरस का पता चलने के बाद पहले से मंगाई गई मुर्गियों की निगरानी की जा रही है. सवाल यह भी है कि अगर इन मुर्गियों को राज्य के विभिन्न जिलों में बिक्री के लिए भेजा गया हो तो क्या होगा?
सिलीगुड़ी में बड़े-बड़े व्यापारी कोलकाता, मालदा के अलावा सीधा झारखंड और बिहार से भी मुर्गियां मंगाते हैं. हालांकि सिलीगुड़ी के आसपास के इलाकों में भी बड़े-बड़े पोल्ट्री फार्म है. परंतु यह माना जाता है कि झारखंड से माल आयात करने पर व्यापारियों को अच्छी कमाई होती है. क्योंकि झारखंड में मुर्गियां काफी सस्ती मिल जाती है. इसलिए बर्ड फ्लू का खतरा सिलीगुड़ी में भी दिख रहा है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में कड़े प्रोटोकॉल लागू कर दिए हैं. इसके साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जब तक स्थिति सामान्य ना हो जाए ,तब तक झारखंड से मुर्गियां नहीं मंगाई जाएं.
झारखंड से लगती पश्चिम बंगाल की सीमा पर विशेष निगरानी की जा रही है. यहां की दुकानों और व्यापारियों के गोदाम और फार्म हाउस पर अधिकारियों की नजर है. इसके अलावा जिला स्तर पर भी सतर्कता टीम बनाई गई है. टीम के लोग डेली रूटीन के आधार पर अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट भेज रहे हैं. राज्य के पशुपालन विभाग ने सभी पोल्ट्री फार्मो की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल का कडाई से पालन करने का निर्देश दिया है. विभाग की ओर से पोल्ट्री फार्म की नियमित और अचानक जांच की जा रही है.
सिलीगुड़ी और पूरे बंगाल में उन क्षेत्रों की निगरानी बढ़ा दी गई है, जहां बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने का अधिक खतरा दिख रहा है. ऐसे केन्द्रो की भी पहचान की जा रही है. अधिकारियों के द्वारा माइक और विभिन्न प्रचार माध्यमों से चिकन खाने वाले लोगों को सतर्क किया जा रहा है. इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि वर्ल्डफ्लू क्या है और इस खतरे से कैसे बचा जा सकता है. मालदा, कोलकाता और झारखंड से लगती पश्चिम बंगाल की सीमा और सीमावर्ती जिले के साथ-साथ सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी और उत्तर बंगाल के अन्य जिलों में भी सतर्कता और प्रचार की योजना बनाई जा रही है.
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