April 27, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल दार्जिलिंग राजनीति लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

पहाड़ की चाय श्रमिक महिलाओं के साथ मुख्यमंत्री के बिताए पल सुर्खियों में!

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कर्सियांग में है और पहाड़ में स्थित चाय बागानों तथा पहाड़ की वादियों का आनंद ले रही है. हालांकि मुख्यमंत्री यहां अपने एक रिश्तेदार की शादी में सम्मिलित होने के लिए आई है. लेकिन आज फुर्सत के पल में उन्होंने एक बार फिर से वह कर दिखाया, जिसके लिए वह जानी जाती हैं.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज एक पहाड़ी चाय बागान श्रमिक के गेटअप में दूसरी श्रमिक महिलाओं के साथ न केवल बागान में चाय की पत्तियां तोड़ी बल्कि श्रमिक महिलाओं के साथ पहाड़ी नृत्य के कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया और खूब एंजॉय किया. उन्होंने उनके साथ बातचीत भी की और उनके जीवन के कड़वे मीठे अनुभव भी सुने. बाद में उन्होंने चाय बागान श्रमिक महिलाओं को गिफ्ट भी दिए जिनमें गर्म कपड़े शामिल थे.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आदिवासी महिलाओं के साथ डांस करना अच्छा लगता है. वह खुद स्वीकार भी कर चुकी है. आज मौका मिला तो उन्होंने इस पल का खूब आनंद उठाया और चाय की पत्तियां तोड़ते समय उन्होंने कहीं से भी इसे अस्वाभाविक होने नहीं दिया. एक पहाड़ी मजदूर मेहनतकश के गेट अप में मुख्यमंत्री ने खुद के किरदार को जीवंत कर दिखाया. ऐसे कारनामे मुख्यमंत्री पहले भी कर चुकी हैं. कोलकाता में फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री सलमान खान के साथ डांसिंग स्टेप कर चुकी है. इस पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की टिप्पणी भी सुर्खियों में है.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि एक तरफ पूरा बंगाल भुखमरी और गरीबी में जी रहा है तो दूसरी तरफ उसी प्रदेश की मुख्यमंत्री फिल्मी सितारों के साथ जश्न मना रही हैं.हालांकि गिरिराज सिंह के इस बयान को TMC की महिला सांसदों ने इसे बंगाल की महिला का अपमान बता कर बंगाल से लेकर दिल्ली तक विरोध किया है और गिरिराज सिंह से माफी मांगने को कहा है.

आज कर्सियांग में मुख्यमंत्री का चाय श्रमिकों के साथ प्रेम देखकर आलोचकों के कान खड़े हो गए हैं और राजनीतिक पंडित इसे 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं. आपको बताते चलें कि उत्तर बंगाल में चाय बागान और चाय श्रमिक किसी भी सांसद अथवा विधायक की जीत हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अधिकांश चाय बागान तो यहां बंद हो चुके हैं. अब देखना है कि चाय श्रमिकों का दिल जीतने की मुख्यमंत्री की यह रणनीति आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का कितना बेड़ा पार कराती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status