इसमें कोई संदेह नहीं है कि सिलीगुड़ी में राम भक्तों के द्वारा मनाई गई रामनवमी ऐतिहासिक बन गई. कदचित पहली बार सिलीगुड़ी में राम भक्तों का ऐसा जन सैलाब देखा गया. सिलीगुड़ी में रामनवमी तो हर साल मनाई जाती है. हर साल शोभायात्रा निकाली जाती है. लेकिन कदाचित ऐसी शोभा यात्रा इससे पहले नहीं निकाली गई थी. राम भक्त पूरे जोश में थे. पूरे तरंग में थे. गाजे बाजे, नाच गान, भक्ति संगीत से सिलीगुड़ी गूंज उठा. गली, सड़क, मोहल्ले सब जगह भगवा झंडे लहरा रहे थे. जय श्री राम के नारों से चप्पा चप्पा गूंज रहा था.
सिलीगुड़ी में उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम सब जगह से विभिन्न सनातनी संगठनों और हिंदू संगठनों ने शोभा यात्राएं निकालीं. किसी किसी शोभा यात्रा में भगवान श्री रामलला विराजमान थे तो किसी शोभायात्रा में हनुमान जी का भारी गद्दा दिखाई दे रहा था. जगह-जगह सामाजिक और धार्मिक संगठनों के द्वारा राम भक्तों को मीठा शरबत पिलाया गया. जगह-जगह पुलिस तैनात थी. लेकिन राम भक्तों के जन सैलाब को देखकर पुलिस के अधिकारी भी मौन धारण किए रहे. श्री राम भक्तों और भगवान श्री राम की शोभायात्रा में ट्रैफिक पुलिस की सभी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई. कई जगह ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी श्री राम भक्तों का जोश और उत्साह देखकर बेबस नजर आए. पुलिस प्रशासन ने किसी भी राम भक्त को नहीं टोका और ना रोका.
शोभा यात्रा जहां-जहां से गुजरी, रास्ता अपने आप खाली होता चला गया. ऐसा लगा मानो वक्त कहीं ठहर गया हो. सड़कों पर चलने वाले यात्री वाहन शोभा यात्रा की भीड़ में ओझल हो चुके थे. या ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें रोक दिया था. दोपहर के समय नौका घाट, जलपाई मोड, बर्दवान रोड, झंकार मोड पर श्री राम झांकियां जब तक गुजर नहीं गई, तब तक सभी तरह के वाहनों को पुलिस ने रोक कर रखा. घंटो यात्री जाम में फंसे रहे. सेवक रोड, विधान मार्केट रोड पर भी ऐसा ही नजारा था. हिल कार्ट रोड पर तो वाहनों का आवागमन रोक दिया गया था.
सिलीगुड़ी से लेकर पूरे बंगाल में रामनवमी का ऐसा हुजूम पहले कभी नहीं देखा गया था. आज हाई कोर्ट का निर्देश राम भक्तों के उत्साह और जोश के आगे काम नहीं कर सका. कोलकाता हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि रैली के दौरान हथियार का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इसके बावजूद राज्य के दूसरे भागों से खबर आई कि कई भाजपा समर्थक और नेता हाथ में तलवार और ड॔डे लेकर भांजते नजर आए. बीरभूम जिले के रामपुरहाट शहर में रामनवमी की विशाल शोभा यात्रा में भाजपा के लोकसभा सीट से प्रार्थी देवाशीष धर और जिला पार्टी अध्यक्ष ध्रुव साहा समेत भाजपा के कई कार्यकर्ता और नेता हाथों में हथियार लेकर भांजते मीडिया के कैमरे में कैद हुए थे. विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि आदर्श आचार संहिता के लागू होने के बावजूद पुलिस और प्रशासन के सामने इस तरह भाजपा नेताओं द्वारा हाथों में खुलेआम हथियार लेकर भांजना क्या कानून का उल्लंघन नहीं है.
सिलीगुड़ी में सुबह लगभग 10:00 बजे से झांकियों का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह शाम तक चलता रहा. शोभा यात्राओं के कारण हिलकार्ट रोड तो अचल रहा ही, सेवक रोड भी अचल हो गया. श्री राम भक्तों में 500 सालों के बाद श्री राम लला के अयोध्या के मंदिर में विराजमान होने का जोश और उत्साह देखा जा रहा था. आज पुलिस प्रशासन टकराव के मूड में नहीं था. संभवत: ऊपर से पुलिस प्रशासन को निर्देश मिला होगा. इसलिए श्री राम भक्तों ने जैसा चाहा, उस तरह से यह उत्सव मनाया. किसी भी पुलिस वाले ने इसमें दखल नहीं दिया.
श्री रामनवमी का उत्सव सामान्य और धार्मिक संगठनों के अलावा विभिन्न दलों की ओर से भी मनाया गया. हालांकि किसी भी शोभायात्रा में दलीय झंडे नजर नहीं आए. वहां केवल राम भक्त नजर आए. ऐसी ही एक शोभा यात्रा में दार्जिलिंग लोकसभा सीट से खड़े भाजपा उम्मीदवार राजू बिष्ट, सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष और दार्जिलिंग जिला Tmc अध्यक्ष पपिया घोष साथ-साथ चल रहे थे. यह कुछ अनोखा दृश्य था. लेकिन पापिया घोष ने कहा कि वह भी श्री राम की भक्त हैं. उन्होंने कहा कि श्री राम सभी के हैं. लेकिन श्री राम के नाम पर जो राजनीति की जाती है, उसी से हमें चिढ है.
बहरहाल आज पूरा सिलीगुड़ी शहर राममय हो गया.बच्चे, बूढे, नौजवान, स्त्री, पुरुष सभी गेरुआ वस्त्र में नजर आए. उनकी जुबान पर श्री राम और हृदय में श्री राम भक्तिभाव था. शोभा यात्रा में सनातन संस्कृति का अपूर्व पुट नजर आ रहा था. देर शाम को सिलीगुड़ी का सामान्य ट्रैफिक बहाल हो सका. कुल मिलाकर सिलीगुड़ी के इतिहास में यह पहला रामनवमी महोत्सव था, जो एक यादगार बन कर रहेगा.
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