September 8, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

दार्जिलिंग-एनजेपी टॉय ट्रेन सेवा बंद!

एनजेपी स्टेशन से दार्जिलिंग तक चलने वाली टॉय ट्रेन फिलहाल स्थगित कर दी गई है. अगर आप टॉय ट्रेन से एनजेपी से दार्जिलिंग जाना चाहते हैं तो फिलहाल यह सेवा उपलब्ध नहीं है. सिलीगुड़ी के लोग दार्जिलिंग जाने के लिए प्राइवेट वाहन पर अधिक भरोसा करते हैं. क्योंकि इसमें समय भी कम लगता है और टॉय ट्रेन से प्राइवेट वाहन का भाड़ा भी काफी कम है. वैसे भी टॉय ट्रेन मनोरंजन के लिए है. टॉय ट्रेन का संबंध पर्यटकों से होता है. पर्यटक अक्सर टॉय ट्रेन का लुत्फ उठाना पसंद करते हैं.

मिली जानकारी के अनुसार टॉय ट्रेन 11 जुलाई तक सिलीगुड़ी एनजेपी से दार्जिलिंग और दार्जिलिंग से एनजेपी तक आवागमन नहीं कर सकेगी. दरअसल पगलाझोड़ा की विभिन्न जगहों में भूस्खलन हुआ है, जिसके कारण ट्रेन का आवागमन रोक दिया गया है. लेकिन सूत्र बताते हैं कि यह तो प्रत्यक्ष कारण है, जो दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की ओर से बताया गया है. जबकि वास्तविक कारण पर्यटकों की संख्या में कमी आना भी है. टॉय ट्रेन की यह सेवा पहाड़ में पहले की तरह ही जारी रहेगी.

दार्जिलिंग में टॉय ट्रेन घूम से लेकर दार्जिलिंग तक चल रही है. पीक सीजन में दार्जिलिंग से घूम और घूम से दार्जिलिंग तक डीजल इंजन और स्टीम इंजन की 12 जाॅय राइड चल रही थी. लेकिन इस समय बरसात के कारण काफी संख्या में पर्यटक दार्जिलिंग से चले गए हैं. यही कारण है कि अब 4 जाॅय राइड ही चल रही है. आपको बताते चलें कि इस बार पीक सीजन में टॉय ट्रेन से सरकार को भारी आमदनी हुई है. क्योंकि इस बार रिकार्ड संख्या में पर्यटक दार्जिलिंग घूमने के लिए आए थे. पर्यटकों की पहली पसंद ब्रिटिश कालीन टॉय ट्रेन परिसेवा रही थी.

उम्मीद की जा रही है कि सितंबर अक्टूबर से एक बार फिर टॉय ट्रेन पर्यटकों की पहली पसंद बन जाएगी. उस समय काफी संख्या में पर्यटक दार्जिलिंग और पहाड़ी क्षेत्रों में घूमने आएंगे और टॉय ट्रेन की सवारी करेंगे. आपको बताते चलें कि दार्जिलिंग टॉय ट्रेन को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज घोषित किया है. 1879 से लेकर 1881 के बीच टॉय ट्रेन का परिचालन शुरू किया गया था.

ब्रिटिश काल में टॉय ट्रेन के जरिए ही समतल और पहाड़ के बीच परिवहन होता था. व्यापारी चाय पत्तियों को एकमात्र इसी परिवहन सेवा के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाते थे. इसी उद्देश्य से अंग्रेजों ने टॉय ट्रेन को शुरू किया था. एनजेपी सिलीगुड़ी स्टेशन से दार्जिलिंग तक जाने में टॉय ट्रेन से लगभग 8 घंटे का समय लगता है. यह टॉय ट्रेन पहाड़ की हरी भरी वादियों और पहाड़ियों के बीच से गुजरती है तो पर्यटक खुशी से खिल उठते हैं.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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