सिक्किम और प्राकृतिक हादसों का आपस में गहरा संबंध है. सिक्किम की भौगोलिक संरचना कुछ ऐसी है कि यहां बरसात होने के बाद भूस्खलन की घटनाएं बढ़ जाती हैं. आए दिन होने वाली भूस्खलन की घटनाओं के बीच एक बार फिर से सिंगताम जिले में भारी भूस्खलन हुआ है. इसके बाद एनएचपीसी पावर स्टेशन को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है. कई मकानों के क्षतिग्रस्त होने की भी जानकारी मिल रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 17 से 18 मकान तबाह हुए हैं.
इस घटना के बाद तीस्ता वी पावर स्टेशन की सभी इकाइयों को बंद कर दिया गया है. इसका सिक्किम के जनजीवन पर प्रभाव पड़ सकता है. बिजली वितरण की समस्या भी गंभीर होगी अर्थात सिक्किम अंधेरे में डूब सकता है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सिक्किम के दीपूडारा के बलुटार क्षेत्र में अब तक का सबसे भारी भूस्खलन हुआ है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लैंडस्लाइड का दिल हिला देने वाला मंजर आप देख सकते हैं. यह भूस्खलन उस जगह पर हुआ है, जहां एनएचपीसी के स्टेज 5 का पावर प्रोजेक्ट है.
मिल रही जानकारी के अनुसार सिक्किम के 510 मेगावाट का एनएचपीसी का पावर स्टेशन व्यापक रूप से तबाह हुआ है. यहां के कई इलाकों में बिजली गुल हो चुकी है. स्थानीय लोगों को जानकारी दे दी गई है और उन्हें चौकस रहने की सलाह दी गई है. तीस्ता बेसिन में पावर सप्लाई स्टेशन है. वहां से विद्युत की आपूर्ति ठप कर दी गई है. हालांकि जान माल के भारी नुकसान की अधिकृत जानकारी नहीं है. परंतु तीस्ता वी पावर स्टेशन की सभी इकाइयों को बंद कर देने से इसका बिजली वितरण में काफी समस्या आएगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस भीषण भूस्खलन के कारण सिक्किम को जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग भी प्रभावित हुआ है. उत्तरी सिक्किम का मार्ग बंद कर दिया गया है. इसके अलावा मगन जिले का भी रास्ता बंद है. हालांकि प्रशासनिक अधिकारी अभी एनएचपीसी के हुए नुकसान का अध्ययन कर रहे हैं. आपको बता दें कि तीस्ता पावर स्टेशन पूर्वोत्तर के ऊर्जा वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ऐसे में बिजली सप्लाई अवरूद्ध होगी और उसका सिक्किम के विभिन्न क्षेत्रों पर असर पड़ेगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सिक्किम में आगे भी भूस्खलन का खतरा बना रहेगा. कुछ विद्वानों के अनुसार पहाड़ की नीचे की मिट्टी हल्की हो गई है जो लगातार धंस रही है.यह सिक्किम के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है. स्थानीय लोग भी चिंतित और दहशत में है. आने वाले समय में भी सिक्किम में बरसात जारी रह सकती है. मिल रही जानकारी के अनुसार सिक्किम में हुए भारी भूस्खलन का कारण वर्षा ही है.
सिक्किम सरकार और स्थानीय प्रशासन के द्वारा बचाव और राहत कार्य तेज कर दिया गया है. मलबों को सड़क से हटाया जा रहा है.यातायात को सुगम बनाने की सभी तरह की तैयारी की जा रही है. भू वैज्ञानिक बताते हैं कि इन क्षेत्रों में भूमि कटाव की समस्या बढ़ गई है. जिसके चलते भविष्य में भी ऐसी घटनाएं घटती रह सकती हैं. सिक्किम सरकार और प्रशासन ने स्थिति पर नजर रखनी शुरू कर दी है.