June 28, 2025
Sevoke Road, Siliguri
घटना उत्तर बंगाल सिलीगुड़ी

देबीडांगा: महिला की कंकाल बरामदगी का आ गया सच!

पुलिस और कानून के हाथ काफी लंबे होते हैं. अपराधी कोई भी हो, कानून से बच नहीं सकता. देर-सवेर अपराधी पकड़ा ही जाता है. देबीडांगा के जिस घर में 10 महीने से जो कंकाल पड़ा था, वह कंकाल पासांग डोमा शेरपा का बताया जा रहा है. इस सच को लाने में सिलीगुड़ी और सिक्किम की पुलिस का बड़ा योगदान है.

इस कांड की गूंज सिलीगुड़ी से लेकर सिक्किम तक सुनाई पड़ रही है. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस, प्रधान नगर थाने की पुलिस ने सिलीगुड़ी के देबीडांगा के जिस घर से महिला का कंकाल बरामद किया, उस घर की मालकिन महिला स्वयं ही थी. महिला की मौत कैसे हुई, किस प्रकार हुई, स्वाभाविक हुई या अस्वाभाविक मौत हुई इत्यादि विभिन्न सवालों के लिए पुलिस डीएनए और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रही है.

क्योंकि यह मामला सिक्किम से भी जुड़ा है, अतः सिक्किम पुलिस भी मामले की छानबीन कर रही है तो दूसरी तरफ प्रधान नगर थाने की पुलिस भी आगे की जांच कार्यवाही में जुटी हुई है. अभी तक पुलिस की आरंभिक जांच में जो तथ्य प्रकाश में आए हैं, उसके आधार पर यह कहानी कुछ इस प्रकार से है:

पासांग डोमा शेरपा ने दो शादियां की थीं. उसके पहले पति से एक बेटा भी है, जिसका नाम अशोक लिंबू है. महिला सिक्किम के टेमी में एक प्राइमरी स्कूल में शिक्षिका थी. टेमी में ही धनंजय कुमार भगत रहता था. वह किराए के मकान में रहता था. वहीं पर दोनों की मुलाकात हुई तो आए दिन दोनों मिलने लगे. दोनों एक दूसरे को अच्छे लगते थे. इसलिए उनकी बात शादी तक पहुंच गई. फिर एक दिन महिला शिक्षिका स्कूल से गायब हो गई तो कई दिनों तक स्कूल में आई ही नहीं.

इसके बाद स्कूल प्रशासन की ओर से महिला शिक्षिका के मोबाइल पर फोन किया गया. लेकिन दूसरी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. यह घटना 2024 की है. तब स्कूल प्रशासन ने महिला के पति के घर पर पत्र भेजा. लेकिन उस पत्र का भी जवाब स्कूल प्रशासन को नहीं मिला. स्कूल प्रशासन ने लगातार कई बार पत्र लिखा. तब महिला के बेटे अशोक को कुछ संदेह हुआ और उसने अपनी मां की तलाश करनी शुरू कर दी.

इस परिवार को पहले से ही पता था कि महिला का चक्कर किसी धनंजय नामक व्यक्ति के साथ चल रहा था. महिला के बेटे ने मां की तलाश में धनंजय के घर तक पहुंचा. लेकिन वहां ना तो धनंजय मिला और ना ही उसकी मां. तब अशोक ने अपनी मां की गुमशुदगी की शिकायत स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज करा दी. सिक्किम के टेमी थाने में अगस्त 2024 में गुमशुदगी की डायरी दर्ज कराई गई थी.

कई महीने बीत गए. इस बीच गायब महिला का कोई पता नहीं चला. टेमी थाने की पुलिस हाथ पांव मार रही थी. लेकिन महिला का कोई पता नहीं चल रहा था. इस बीच महिला के बेटे अशोक को पता चला कि उसकी मां के नाम पर सिलीगुड़ी के देबीडांगा में एक मकान भी है. यह पता चलते ही वह सिलीगुड़ी आया और जनवरी 2025 में उसने प्रधान नगर थाने में अपनी मां की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.

यहां भी पुलिस को महिला को ढूंढने में काफी वक्त लग गया. क्योंकि पुलिस भी बिना तथ्यों के कैसे ढूंढ सकती थी. यहां तक कि महिला के बेटे को यह भी पता नहीं था कि उसकी मां का मकान देबीडांगा में कहां स्थित है. आखिरकार सिलीगुड़ी पुलिस ने महिला शिक्षिका के मकान का पता लगा ही लिया. सिलीगुड़ी और सिक्किम पुलिस की संयुक्त टीम ने पासांग डोमा शेरपा के मकान का पता लगाकर घर में तलाशी चलाई तो महिला का कंकाल बरामद हुआ.

पुलिस ने यह भी पता लगा लिया है कि यह मकान महिला के दूसरे पति धनंजय कुमार भगत के नाम पर है. अब पुलिस धनंजय कुमार भगत की तलाश कर रही है. यह भी जानकारी सामने आ रही है कि धनंजय कुमार और पासांग शेरपा से 13 साल की एक संतान भी है. पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है. दोनों के गायब होने से ही पुलिस को संदेह है कि महिला की हत्या की गई हो सकती है. इस रहस्य का पर्दाफाश या तो डीएनए टेस्ट या पोस्टमार्टम रिपोर्ट या फिर महिला का दूसरा पति और उसका बेटा ही कर सकते हैं. पुलिस सर गर्मी से उनकी तलाश कर रही है.

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