सिलीगुड़ी में डेंगू को लेकर सजगता जरूरी है. परंतु आतंक फैलाना किसी भी तरह से उचित नहीं है. क्योंकि यहां डेंगू के एक से ज्यादा मामले की अधिकृत रूप से पुष्टि नहीं हुई है. जिस मासूम बच्ची की जान गई है, नर्सिंग होम के द्वारा ही डेंगू की पुष्टि की जा सकी है. स्वास्थ्य विभाग प्रयोगशाला की अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है. चर्चा है कि सिलीगुड़ी में डेंगू के कई मामले सामने आए हैं.प्रशासन के द्वारा सिलीगुड़ी नगर निगम के कई वार्डो को भी संवेदनशील घोषित किया गया है.
सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव को सबसे ज्यादा आश्चर्य इस बात को लेकर हो रहा है कि उनके वार्ड में डेंगू का कोई भी मामला नहीं है. फिर भी उनके वार्ड को संवेदनशील घोषित किया गया है.बता दें कि गौतम देव का वार्ड 33 नंबर है. उन्हें लगता है कि डेंगू को लेकर सिलीगुड़ी में एक अफवाह का वातावरण कायम किया जा रहा है. ठीक उसी तरह से जिस तरह से टोटो के खिलाफ सिलीगुड़ी में एक नकारात्मक और भय का वातावरण बना दिया गया है. जबकि वास्तविकता कुछ और है. इसलिए वे अफवाह फैलाने वालों पर शिकंजा कसना चाहते हैं और सिलीगुड़ी में डेंगू के संक्रमण से बचाव के लिए पहले से ही उपयुक्त कदम उठाना चाहते हैं. डेंगू से पहले कुछ ऐसी व्यवस्था करनी जरूरी है, जिससे कि डेंगू का संक्रमण ही नहीं हो सके.
सिलीगुड़ी नगर निगम और प्रशासन पिछले तल्ख अनुभवों से सबक लेना चाहता है. जुलाई महीने से लेकर नवंबर तक डेंगू का संक्रमण रहता है. फिलहाल सिलीगुड़ी में एकाध मामले डेंगू के हो सकते हैं. लेकिन इसका संक्रमण रोकने के लिए प्रशासन की जिम्मेदारी अधिक महत्वपूर्ण है. यही कारण है कि सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव सिलीगुड़ी के विभिन्न वार्डों में खासकर संवेदनशील घोषित वार्डों में जा जाकर वहां की साफ सफाई, जल जमाव, मच्छर आदि का मुआयना कर रहे हैं और अधिकारियों को निर्देश भी दे रहे हैं.
जिन इलाकों में जल जमाव की स्थिति है, उस जमीन के मालिकों को ढूंढा जा रहा है और उनसे जमीन को स्वच्छ और जल रहित बनाने की अपील की जा रही है. विशेषज्ञों की एक टीम ने सिलीगुड़ी नगर निगम के कई वार्डो को डेंगू संवेदनशील इलाके के रूप में घोषित किया है,उनमें मेयर गौतम देव का 33 नंबर वार्ड भी शामिल है. 33 नंबर वार्ड में दो लोग डेंगू के शिकार बने थे. हालांकि इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है. सिलीगुड़ी में जो 30 लोग डेंगू से ग्रस्त थे वह सब अब खतरे से बाहर हैं और पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं.
डेंगू के लिए हालांकि यह शुरुआती महीना है. लेकिन अगर पहले से ही तैयारी पूरी हो तो डेंगू के संक्रमण से बचा जा सकता है. यही सोचकर सिलीगुड़ी नगर निगम उपयुक्त कदम उठा रही है. सिलीगुड़ी के निजी नर्सिंग होम के साथ मेयर गौतम देव की बैठक में कुछ निर्देश दिए गए हैं. आमतौर पर डेंगू के मरीज सर्वप्रथम निजी नर्सिंग होम में जाते हैं. निजी नर्सिंग होम को कहा गया है कि अगर उनके इलाके में डेंगू संक्रमित कोई मरीज चिकित्सा के लिए आता है तो इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को दें. इसके साथ ही सरकारी निर्देश के अनुसार ही डेंगू की चिकित्सा की जाए. यह डेंगू के खिलाफ लोगों को सजग करने के लिए एक जरूरी कदम होगा.
इस बार सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से डेंगू से बचाव के लिए पूरी तैयारी की गई है. अगर कोई मरीज डेंगू के संक्रमण की चपेट में है तो स्वास्थ्य प्रतिनिधि उसके घर जाएंगे तथा उसके बारे में संपूर्ण जानकारी और डेंगू से बचाव के लिए उपाय भी बताएंगे. स्वास्थ्य प्रतिनिधि विभिन्न वार्डों का मुआयना करते हुए प्रशासन को इसकी रिपोर्ट देंगे.ताकि समय रहते उपयुक्त कदम उठाया जा सके. जैसे गंदगी, जल जमाव, के साथ-साथ वार्ड के लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम की भी योजना बनाई गई है. लावारिस पड़ी जमीन के मालिकों को ढूंढ कर जमीन का परिष्कार करना आदि की भी योजना बनाई गई है.
इस बार डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की एक टीम तैयार की गई है. यह टीम डेंगू के परीक्षण से लेकर नर्सिंग होम से संबंध भी रखेगी और डेंगू का वास्तविक आंकड़ा जुटाएगी. एक डेंगू मरीज की किस तरह से देखभाल की जाए, यह निर्देश भी देगी. यह टीम यह भी सुनिश्चित करेगी कि डेंगू को लेकर किसी तरह की अफवाह या आतंक का वातावरण ना बनाया जाए. मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर तुलसी प्रमाणिक स्वास्थ्य विभाग की टीम का नेतृत्व करेंगे. उनके निर्देश के अनुसार ही टीम काम करेगी. इस तरह से डेंगू से बचाव के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है. लेकिन डेंगू को लेकर आतंक या अफवाह फैलाना डेंगू संक्रमण को बढ़ाने के लिए पर्याप्त होगा, यह नहीं भूलना चाहिए!
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