हर साल बरसात में डेंगू के मामले सामने आते हैं. अभी बरसात ने आधा सफर ही तय किया है कि डेंगू के मामले बंगाल में तेजी से बढ़ने लगे हैं. ठीक पिछले साल की तरह ही स्थिति लगातार विस्फोटक बनती जा रही है. इस बार डेंगू का गढ बन चुका है कोलकाता और आसपास के जिले. केवल 1 हफ्ते में अलग-अलग अस्पतालों में डेंगू के 5 मरीजों की मौत हो चुकी है. इनमें से कोलकाता के चार और नदिया जिले के एक व्यक्ति की मौत हुई है.
कोलकाता में डेंगू के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि का एक बड़ा कारण बांग्लादेश में डेंगू का खतरनाक विस्फोट बताया जा रहा है. कोलकाता से सटा होने के कारण बांग्लादेश से अधिकतर लोग कोलकाता या आसपास कार्य, व्यापार,मेडिकल आदि विभिन्न कारणों से आते हैं. बांग्लादेश में डेंगू से 275 लोगों की मौत हो चुकी है. बांग्लादेश से कोलकाता तथा आसपास के जिलों में काफी संख्या में लोगों के आवागमन से यहां संक्रमण के मामले तेजी से फैल रहे हैं. ऐसा कोलकाता नगर निगम का मानना है.
कोलकाता नगर निगम के डिप्टी मेयर अतिन घोष ने बांग्लादेश से कोलकाता आने वाले लोगों के इमीग्रेशन सेंटर पर ब्लड टेस्ट कराए जाने की मांग की है.उन्होंने मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी समेत अन्य अधिकारियों के साथ एक इमरजेंसी बैठक की है.डिप्टी मेयर ने स्वास्थ्य विभाग को इस संबंध में चिट्ठी लिखने का फैसला किया है. हालांकि इस मामले में केंद्र ही कुछ कर सकता है.
कोलकाता तथा आसपास के जिलों में जून से लेकर जुलाई के बीच डेंगू के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है.अकेले कोलकाता में 250 से अधिक लोग डेंगू के शिकार हो चुके हैं.सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश से आने वालों पर नजर रखने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग इमीग्रेशन प्वाइंट्स पर चेकिंग करने की इच्छा जता चुका है. अब केंद्र सरकार से बात करके रक्त परीक्षण की भी व्यवस्था की जा सकती है.
हालांकि उत्तर बंगाल में डेंगू को लेकर अभी ऐसी स्थिति नहीं आई है. तथापि इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. सिलीगुड़ी नगर निगम डेंगू से निपटने के लिए तैयारी में जुट गया है. जिले के अस्पतालों को भी अलर्ट कर दिया गया है. सिलीगुड़ी में डेंगू के लक्षण वाले कई लोगों का पता चला है. जबकि जलपाईगुड़ी और बीरपारा अस्पताल में डेंगू के 2 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. अलीपुरद्वार जिला अस्पताल में डेंगू का कोई भी मरीज भर्ती नहीं हुआ है. चाय बागान क्षेत्रों में भी अभी स्थिति सामान्य है. बीरपारा स्टेट जनरल अस्पताल के सुपर कौशिक ने कहा कि आउटडोर विभाग में डेंगू से प्रभावित मरीज आ रहे हैं. यही कारण है कि अलीपुरद्वार समेत जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग आदि इलाकों में सतर्कता बढ़ाई जा रही है.
सिलीगुड़ी बांग्लादेश से सटा होने के कारण यहां डेंगू के मामलों में बढोतरी की गुंजाइश दिख रही है. बांग्लादेश में डेंगू के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं, उसका असर सिलीगुड़ी पर भी पड़ सकता है. क्योंकि बांग्लादेश से अधिकतर लोग सिलीगुड़ी किसी ना किसी कार्य से आते जाते हैं. ऐसे में बांग्लादेश से आए लोगों पर सतर्क नजर रखने की आवश्यकता है.
सूत्र बता रहे हैं कि सिलीगुड़ी नगर निगम बहुत जल्द इस संबंध में एक और सतर्कता अभियान शुरू कर सकता है. फिलहाल सिलीगुड़ी में डेंगू के खिलाफ सभी नगर निगम वार्ड में किसी न किसी रूप में सतर्कता अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें घरों के आगे पानी जमा ना होना, साफ सफाई, कूड़ा कचरा उचित स्थान पर डालना,फॉगिंग इत्यादि शामिल है. पिछले साल सिलीगुड़ी में डेंगू के सर्वाधिक मामले सामने आए थे. इस बार ऐसा ना हो, इसलिए सिलीगुड़ी नगर निगम लोगों को जागरूक कर रहा है.