June 19, 2025
Sevoke Road, Siliguri
लाइफस्टाइल उत्तर बंगाल सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी से लेकर भूटान तक जीएसटी रिफंड घोटाले की गूंज!

पिछले कुछ वर्षों में सिलीगुड़ी, सिक्किम, असम और भूटान के भारतीय व्यापार जगत में सरकारी राजस्व को चूना लगाने का एक नया खेल शुरू हुआ है. यह खेल है फर्जी कागजातों के जरिए जीएसटी रिफंड के जरिए मोटी कमाई करना. इस खेल में व्यापारियों का एक सिंडिकेट सक्रिय है. सिलीगुड़ी सीजीएसटी कमिश्नरेट के अधिकारियों ने पाया है कि इस क्षेत्र के बहुत से व्यापारियों ने फर्जी कागजातों के जरिए मोटा जीएसटी रिफंड प्राप्त किया है.

सिंडिकेट में शामिल अब तक तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. सीजीएसटी अधिकारियों के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार और भी कई व्यापारियों की गिरफ्तारी होनी है. उनके खिलाफ जांच चल रही है. अधिकारियों की नजर उन दलालों पर भी है, जिन्होंने फर्जी दस्तावेज जुटाए और बैंकों से सांठ गांठ करके क्लेम सेटलमेंट किया. उनमें से कई व्यापारी और दलाल जय गांव में स्वतंत्र रूप से यह व्यवसाय करते हैं. उनकी पहचान और गिरफ्तारी में भूटान सरकार से भी सहयोग लिया जा रहा है.

इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब जांच में पाया गया कि बहुत से व्यापारियों ने फर्जी कागजातों के जरिए फर्जी जीएसटी रिफंड का दावा किया. उन्होंने पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, तंबाकू, कोल्ड ड्रिंक ,टायर्स, मोबाइल्स और टाइल्स जैसे उच्च टैक्सेबल के दायरे में आने वाली वस्तुओं को जयगांव, बीरपारा और चामूर्ची के जरिए भूटान में निर्यात किया. सिलीगुड़ी सीजीएसटी कमिश्नरेट के आयुक्त डॉ जितेश नागौरी के नेतृत्व में यह अभियान चलाया जा रहा है.

डॉक्टर जितेश नागौरी ने अगस्त 2024 में पदभार संभाला था. उन्होंने पदभार संभालते ही अधिकारियों को उन व्यापारियों के खिलाफ जांच का आदेश दिया, जो वर्षों से मोटा जीएसटी रिटर्न प्राप्त कर रहे थे. आयुक्त जितेश नागोरी ने रिफंड का जो फिगर पाया, वह हैरान कर देने वाला था. उदाहरण के लिए 2017-18 में 4 करोड़, 2018-19 में 47.20 करोड़, 2019-20 में 44.76 करोड़, 2020-21 में 52.5 करोड़, 2021-22 में 65.91 करोड़, 2022-23 में 164.75 करोड़ ,2023 24 में 136.07 करोड़ और 2024 25 में 148.86 करोड़ रिटर्न प्राप्त किया गया.

सिलीगुड़ी सीजीएसटी कमिश्नरेट के अधिकारियों को सिंडिकेट तक पहुंचना आसान नहीं था. इसलिए उन्होंने फूंक फूंक कर कदम रखा. इसमें देर तो हुआ है परंतु अधिकारियों का दावा है कि सिंडिकेट का पूरी तरह सफाया हो जाएगा. सिलीगुड़ी सीजीएसटी कमिश्नरेट के अंतर्गत सिलीगुड़ी से लेकर भूटान तक जीएसटी रिफंड घोटाले के पर्दाफाश ने छोटे बड़े कई व्यापारियों को आतंकित करके रख दिया है. व्यापारियों में खासकर वह वर्ग ज्यादा चिंतित और आतंकित है, जो जीएसटी रिफंड के जरिए मोटी कमाई कर रहे थे.

शायद यह मामला सामने नहीं आता, अगर कुछ व्यापारियों के द्वारा जीएसटी रिफंड के मामले में गड़बड़ी नहीं पाई जाती. उदाहरण के लिए अगर कोई व्यापारी अपने व्यापार से 7 साल पहले 4 करोड रुपए टैक्स रिफंड पाता था, अगर उसका टैक्स रिफंड बढ़कर 148 करोड रुपए हो जाए तो अधिकारियों का शक होना जायज है. इसी तरह से 2025 26 की पहली तिमाही में सिगरेट और पान मसाले जैसे उत्पादों पर टैक्स रिफंड की राशि 13.7 करोड रुपए थी, जो 2024 25 में 38 करोड रुपए पाई गई थी. ऑडिट के बाद ऐसे कई मामले सामने आए, जिसके बाद सिलीगुडी के सीजीएसटी अधिकारियों के पांव तले की भूमि खिसक गई.

सिलीगुड़ी के सीजीएसटी अधिकारियों ने अपनी जांच में पाया कि सिलीगुड़ी से लेकर सिक्किम,असम और भूटान क्षेत्र में कारोबार करने वाले कई व्यापारियों ने फर्जी फर्मों के जरिए बिलिंग से लेकर निर्यात और जीएसटी रिटर्न फाइल किया था. उन्होंने पाया कि कुछ व्यापारियों ने फर्जी लोडिंग और ट्रांसपोर्ट का बिल दिखाकर भूटान में पान मसाले, गुटखा, सिगरेट,कोल्ड ड्रिंक, मोबाइल फोन आदि भेजने का दावा किया, जो जांच में गलत पाया गया.

सिलीगुड़ी के अधिकारियों ने पाया कि वास्तव में व्यापारियों के द्वारा ना तो कोई नई फर्म खोली गई थी और ना ही वस्तुओं का ट्रांसपोर्ट किया गया था. उन्होंने पाया कि बिना चालान के ही इन वस्तुओं को बाजार में उतारा गया. कई व्यापारियों ने टैक्स चोरी करने के लिए एक ही फर्म में माल को खरीदा और बेचा भी. जबकि उन्होंने एक से अधिक फर्म का रजिस्ट्रेशन करा कर अलग-अलग जीएसटी नंबर हासिल किया था.

आपको बताते चलें कि अगस्त 2024 में पहला मामला सामने आया था, जो सिलीगुड़ी से सिक्किम तक जुड़ा था. इसके बाद सिलीगुड़ी सीजीएसटी आयुक्त के द्वारा विशेष जांच चलाई गई थी. इसमें कुछ चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई थी. इसके अनुसार कुछ व्यापारियों ने मोटी रकम कमाने के लिए इसे आय का प्रमुख जरिया बनाया था. ऐसे व्यापारियों की बैंक स्टेटमेंट से लेकर उनके अकाउंट और अन्य तथ्यों की भी जांच की जा रही है.

सिलीगुड़ी सीजीएसटी अधिकारी डॉक्टर नागौरी BRC तथा अन्य दस्तावेजों की गहन जांच कर रहे हैं. इससे व्यापारी घबराए हुए हैं. सिलीगुड़ी के सीजीएसटी अधिकारियों के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस घोटाले में न केवल सिलीगुड़ी के कुछ व्यापारी शामिल है बल्कि जलपाईगुड़ी, अलीपुर द्वार और भूटान सीमा पर स्थित जय गांव, बीरपारा और चामूर्ची के छोटे बड़े कई व्यापारी शामिल हैं. अधिकारियों की उन पर कडी नजर है.

सिलीगुड़ी से लेकर सिक्किम, भूटान, असम क्षेत्र में व्यापारी जगत में हड़कंप मचा हुआ है. खासकर व्यापारी सिगरेट,पान मसाला आदि उत्पादों की खरीद नहीं कर रहे हैं, जिससे इन वस्तुओं की खरीदारी में भारी गिरावट दर्ज की गई है.CPGRA सिस्टम के जरिए की गई शिकायतों की जांच के बाद दोषी व्यापारियों के खिलाफ अधिकारी सख्त कदम उठा रहे हैं.

डॉक्टर जितेश नागौरी कहते हैं कि ये व्यापारी सरकार की वन नेशन वन टैक्स वन मार्केट नीति को चूना लगा रहे थे. उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा रही है. इन व्यापारियों ने एक सोची समझी रणनीति के तहत बैंकों से कर्ज लेकर इस अवैध धंधे में लगाया और खूब पैसा बनाया है. अधिकारी फर्जी आपूर्तिकर्ताओं की भी तलाश कर रहे हैं, जो इस खेल में प्रमुख भूमिका निभाते हैं. सूत्रों ने बताया कि सिलीगुड़ी सीजीएसटी कमिश्नरेट का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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