आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सिलीगुड़ी पहुंचे. उन्होंने सिलीगुड़ी गलियारे की सुरक्षा में सशस्त्र सीमा बल के योगदान, तत्परता, सेवा इत्यादि विभिन्न मुद्दों पर SSB के कार्यक्रम में चर्चा तो की ही, दार्जिलिंग पहाड़ की समस्या का स्थाई समाधान ढूंढने की पहल भी कर दी है. जिसके लिए पहाड़ के क्षेत्रीय दल और संगठनों के द्वारा आए दिन केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किए जाते रहे हैं. यह मांग एक लंबे समय से की जा रही है. स्वयं दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने पहाड़ की तरफ से इस मांग को संसद में कई बार उठाया. आज केंद्रीय गृह मंत्री ने स्वयं राजू बिष्ट को होटल में बुलाकर स्पष्ट कर दिया कि केंद्र सरकार इस मुद्दे का राजनीतिक स्थाई समाधान चाहती है.
दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि आज सुबह 10:00 बजे स्वयं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें होटल में बुलाया, जहां वे ठहरे हुए थे और कहा कि दार्जिलिंग समस्या के स्थाई समाधान ढूंढने के प्रयास को आगे बढ़ाया जाए. उन्होंने आश्वस्त किया कि अगले साल जनवरी में ही इस पर त्रिपक्षीय बैठक बुलाई जाए, ताकि जल्द से जल्द इसका स्थाई समाधान ढूंढा जा सके.
आपको बता दें कि पहाड़ की समस्या के स्थाई समाधान के लिए 2021 से ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में वार्ता शुरू कर दी गई थी. दिल्ली में कई बार त्रिपक्षीय बैठक बुलाई गई. इस बैठक में राजू बिष्ट भी शामिल हुए थे. इसके अलावा पहाड़ के क्षेत्रीय दलों के नेता और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया था. कई दौर की बैठक के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला. सहमति न बनने के कारण इस मुद्दे को टाल दिया गया. एक लंबे अरसे के बाद एक बार फिर से स्थाई समाधान की दिशा में केंद्र सरकार प्रयासरत है.
राजू बिष्ट ने कहा कि जनवरी के पहले हफ्ते में त्रिपक्षीय बैठक बुलाई जाएगी. केंद्र सरकार राष्ट्र हित और गोरखाओं के हित में कदम उठाएगी. उन्होंने बताया कि इस बैठक में राज्य सरकार को भी आमंत्रित किया जाएगा. यह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फैसला करना है कि उनका प्रतिनिधि इस बैठक में भाग लेता है या नहीं. एक सवाल के जवाब में राजू बिष्ट ने कहा कि इस बैठक में भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा को बुलाया नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि यह कोई अधिकृत पार्टी नहीं है. राजू बिष्ट ने कहा कि त्रिपक्षीय बैठक में GTA को भी शामिल नहीं किया जाएगा.
राजू बिष्ट ने जीटीए पर कटाक्ष करते हुए इशारों इशारों में कहा कि GTA के नेता खुद को गोरखालैंड के प्रतिनिधि बताते हैं और राज्य सरकार की भक्ति करते हैं. ऐसे लोग पहाड़ के गोरखाओं को धोखा देते हैं. आज राजू बिष्ट काफी खुश दिखाई दे रहे थे. उन्होंने बताया कि जल्द ही त्रिपक्षीय बैठक की तारीख तय की जाएगी और इस बैठक में किन-किन लोगों को बुलाना है, यह भी तय किया जाएगा. राजू बिष्ट ने कहा कि त्रिपक्षीय बैठक में वह भी एक सदस्य की भूमिका में रहेंगे.
आज राजू बिष्ट ने पत्रकारों के विभिन्न सवालों के उत्तर दिए. उन्होंने बांग्लादेश को चेतावनी देते हुए कहा कि जिस देश का जन्म भारत के कारण हुआ है, वह देश भारत को आंख दिखाने का साहस न करे. उन्होंने कहा कि जिस तरह से बांग्लादेश में सनातनी लोगों के खिलाफ अत्याचार किया जा रहा है, हिंदू संगठनों और धार्मिक नेताओं के खिलाफ उत्पीड़न और हिंसा का खेल खेला जा रहा है, अगर बांग्लादेश ने इस पर अविलंब रोक नहीं लगाया तो उसे पछताना पड़ सकता है. राजू बिष्ट ने कहा कि बांग्लादेश को नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान से भारत ने ही उसे मुक्ति दिलाई थी. इसलिए वह पाकिस्तान की भाषा ना बोले.
बहरहाल राजू बिष्ट की पहाड़ समस्या के स्थाई समाधान ढूंढने के लिए त्रिपक्षीय बैठक की घोषणा के बाद पहाड़ के क्षेत्रीय दलों में हलचल व्याप्त हो गई है. इसके साथ ही पहाड़ के गोरखा और गोरखाओं के हित में काम करने वाले संगठनों और नेताओं में खुशी की उम्मीद बढ़ गई है. हालांकि पहाड़ के क्षेत्रीय दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया अभी नहीं मिली है.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)