आप डॉक्टर के पास जाते हैं. डॉक्टर आपको देखने के बाद प्रिस्क्रिप्शन तैयार करता है. आप पर्ची लेकर मेडिकल स्टोर पर जाते हैं. वहां से दवा मिल जाती है. सिलीगुड़ी की कई बड़ी मेडिकल दुकानों पर कुछ दवाओं पर डिस्काउंट भी मिल जाता है. पिछले कुछ वर्षों में सिलीगुड़ी में खोली गई मेडिकल दुकानों में 15 से लेकर 30% तक दवाओं पर डिस्काउंट का बोर्ड लगा दिया जाता है. जबकि जेनेरिक दवाई बेचने वाले दुकानदार तो 50% तक डिस्काउंट देते हैं. इन सभी के पीछे उनका उद्देश्य यही रहता है कि दवाओं की सेल को बढ़ाया जा सके.
आमतौर पर अधिक से अधिक लोग डिस्काउंट के लालच में ऐसी दुकानों पर जाते हैं. दवाइयां ले आते हैं. सवाल यह है कि क्या यह दवाइयां असली हैं या फिर नकली बेची जा रही हैं? मेडिकल दुकानों पर बेची जाने वाली कौन सी दवा असली और कौन सी दवा नकली है, इसकी पहचान करना आसान नहीं है. कम से कम एक साधारण आदमी दवाओं के असली और नकली होने की पहचान बिल्कुल नहीं कर सकता. आज यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि बंगाल केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने डिस्काउंट में बेची जाने वाली कुछ दवाओं के असली होने पर प्रश्न चिन्ह लगाया है.
बंगाल केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों ने सिलीगुड़ी में सरकारी क्वालिटी लैब टेस्ट की स्थापना की मांग की है. हालांकि उनका यह प्रेस कॉन्फ्रेंस जीवन रक्षक दवाओं के दाम में कमी को लेकर था. संगठन के लोगों ने कहा कि कम से कम दवाओं पर सरकार को जीएसटी नहीं लगाना चाहिए. बहुत सी ऐसी दवाएं हैं जो काफी महंगी होती हैं. खासकर कैंसर, लीवर अथवा दिल के रोग, किडनी के रोग आदि की दवाई काफी महंगी होती है. उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि ऐसी दवाओं को जीएसटी मुक्त किया जाए, ताकि एक गरीब आदमी इन दवाओं को खरीद कर बेहतर इलाज करा सके.
संगठन के प्रभारी ने कहा कि दवाई के मूल्य में कमी लाने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार को बार-बार चिट्ठी लिखी है. लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है.उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव के माध्यम से संगठन ने सीएमओ के जरिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखकर आग्रह किया है कि ऐसी दवाओं के मूल्य में कमी लाने के लिए उपयुक्त कदम उठाएं. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आग्रह किया है कि सिलीगुड़ी में एक सरकारी क्वालिटी लैब टेस्ट की स्थापना की जाए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि मेडिकल स्टोर्स पर बेची जाने वाली दवाई असली है या नकली.
संगठन ने आशंका व्यक्त की है कि सिलीगुड़ी में नकली दवाओं का कारोबार तेजी से हो रहा है. सिलीगुड़ी एक महत्वपूर्ण शहर है और विभिन्न देशों की सीमा पर स्थित है. ऐसे में यहां नकली कारोबार की घटनाएं सर्वाधिक होती है. उन्होंने कहा कि क्या पता कि डिस्काउंट वाली दवाएं नकली हो. लेकिन अगर सिलीगुड़ी में सरकारी क्वालिटी लैब टेस्ट की स्थापना हो जाती है तो इसका तुरंत पता लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कौन सी दवा असली है और कौन सी दवा नकली है, सिलीगुड़ी में लैब टेस्ट के अभाव में जानकारी प्राप्त करने में कई दिन लग जाते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर सिलीगुड़ी में नकली दावों के कारोबार पर रोक लगाना है तो तुरंत ही सरकारी क्वालिटी लैब टेस्ट की यहां स्थापना की जाए.
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