अपने बच्चों पर खासकर शिशुओं पर निगरानी रखें. क्या पता कि आपका बच्चा बाहर कहीं घूमने जाए और लौटकर नहीं आए. यह बात इसलिए कही जा रही है कि मानव तस्करी की घटनाएं इन दिनों अत्यधिक बढ़ गई है. सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता और देश के बड़े-बड़े महानगरों में मानव तस्कर शिशु और बच्चों पर नजर जमाए हुए हैं.
मानव तस्करी का नेटवर्क हाईटेक है. मानव तस्कर छोटे बड़े शहरों में विभिन्न गेट अप में घूम रहे हैं. जिनकी पहचान करना आसान नहीं है. आप अपने बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाएं या फिर कहीं भी. उसे अपने घर से बाहर अकेला ना छोड़े. हाल ही में मुंबई पुलिस ने दो बच्चों की तस्करी के सिलसिले में कोलकाता से एक महिला दंत चिकित्सक को गिरफ्तार किया है.
सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में मानव तस्करी की घटनाएं काफी बढ़ गई है. DOOARS, पहाड़, चाय बागान और सीमावर्ती क्षेत्र क्षेत्र आदि इलाकों में अधिकांश गरीब परिवारों में बच्चों की देखभाल ठीक से नहीं की जाती है. इसके अलावा माता-पिता थोड़े से लालच में किसी अजनबी पर भरोसा कर लेते हैं. मानव तस्करों के लिए यह अनुकूल वातावरण होता है, जिसका वह काफी लाभ उठाते हैं. कभी नौकरी के नाम पर अबोध और नादान लड़कियों की तस्करी तो कभी नवजात शिशुओं की तस्करी की घटनाएं सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में सर्वाधिक देखी जाती हैं.
आप सोच नहीं सकते हैं कि क्या कोई डॉक्टर भी मानव तस्करों के नेटवर्क में शामिल हो सकता है .परंतु यह घटना यह बताती है कि मानव तस्कर कोई भी हो सकता है. वह किसी भी गेट अप में हो सकता है, जिसकी पहचान नहीं की जा सकती. लेकिन जब घटना घटती है और कड़ियां दर कडियां जुड़ती हैं तो पता चलता है कि जो कल्पना से परे था, वही हकीकत भी था.
सूत्र बताते हैं कि अगर आपके इलाके में कोई मानव तस्कर घूम रहा है तो उसके संपर्क में पूरा नेटवर्क घूम रहा होता है,जो मानव तस्करी की स्क्रिप्ट तैयार करता है. इससे बचना काफी मुश्किल होता है. चिकन नेक गलियारे में सर्वाधिक मानव तस्कर घूम रहे हैं. यह सभी किसी भी रूप में हो सकते हैं. ऐसे में सावधानी यह बरतनी चाहिए कि किसी भी अनजान व्यक्ति पर भरोसा नहीं करना चाहिए और ना ही किसी तरह का प्रलोभन. क्योंकि आज के जमाने में फ्री कुछ भी नहीं मिलता है.
सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस को चाहिए कि खासकर गरीब बस्ती क्षेत्र में लोगों को जागरूक करे और यह बताए कि मानव तस्करी से कैसे बचा जा सकता है. नेशनल अपराध रिकार्ड ब्यूरो के सूत्र भी बताते हैं कि मानव तस्करी की घटनाएं अधिकतर सीमावर्ती क्षेत्रों में ही होती है. सिलीगुड़ी के आसपास कई देशों की सीमाएं लगी हुई है. मानव तस्करों के लिए यहां से मानव तस्करी करना आसान हो जाता है. ऐसे लोग छोटे बच्चों, लड़कियों और महिलाओं को अच्छी नौकरी अथवा अच्छी जिंदगी का सपना दिखाकर महानगरों में ले जाकर बेच देते हैं.
बहुत सी लड़कियों की जिंदगी गुमनाम हो जाती है. कुछ खुश नसीब लड़कियां ही होती हैं, जिनका मामला पुलिस में जाता है और पुलिस उन्हें बचाने में सफल रहती है. अन्यथा अधिकांश बच्चों और महिलाओं के बारे में कुछ पता ही नहीं चलता. इसलिए सावधान रहें और अपने क्षेत्र में जागरूकता फैलाएं. ताकि मानव तस्करों की रीढ कमजोर हो जाए. पुलिस और प्रशासन के स्तर पर भी जागरूकता अभियान शुरू करने की जरूरत है.
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