सिलीगुड़ी, उत्तर बंगाल, सिक्किम और पूरे प्रदेश समेत देश के मैदानी और पहाड़ी इलाकों में जोरदार बरसात हो रही है. महाराष्ट्र खासकर मुंबई जल में तैर रहा है. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, असम, उत्तर पूर्व के अन्य राज्य और पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश हो रही है. पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं अत्यधिक बढ़ गई है. यह बारिश नेपाल में भी हो रही है. नेपाल में तो ऐसी भारी बारिश और भूस्खलन की घटना घटी कि एक यात्री बस नदी में गिर गई. कई लोगों के लापता होने की खबर है. असम में काजीरंगा वन्य जीव उद्यान में पानी भर जाने से कई पशुओं के मरने की खबर है.
देश के लगभग सभी प्रांतों में कमोबेश यही हाल है. सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग, सिक्किम में तो सबसे ज्यादा बुरा हाल है. पिछली रात सिलीगुड़ी और सिक्किम में हुई भारी बारिश में सिलीगुड़ी के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं, तो वहीं सिक्किम में कई स्थानों पर भूस्खलन की घटना घटी है. सिक्किम का महत्वपूर्ण मार्ग और जीवन रेखा कहे जाने वाला NH10 सेल्फी ढाढा के पास कई जगह तबाह हुआ है. उत्तरी सिक्किम में तो एक वाहन पर ही पहाड़ी चट्टान टूटकर गिर पड़ा. इस हादसे में एक यात्री की मौत हो गई है.
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार भारी बारिश का सिलसिला रविवार तक जारी रह सकता है. दार्जिलिंग में आज से रविवार तक भारी बारिश की पूरी संभावना है. कालिमपोंग, अलीपुरद्वार, कूचबिहार, उत्तरी दिनाजपुर और जलपाईगुड़ी में आज और कल भारी बारिश हो सकती है. शुक्रवार यानी आज अलीपुरद्वार के कुछ इलाकों में भारी से अत्यंत भारी बारिश होगी. दक्षिण दिनाजपुर और मालदा जिले में भी भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है. इन सभी जिलों में 7 से लेकर 11 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है.
मौसम विभाग ने कहा है कि आज पश्चिम मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, पुरुलिया, बांकुरा, पूर्वी वर्धमान, पश्चिम वर्धमान और बीरभूम में हल्की फुल्की बारिश हो सकती है. इन जिलों के लिए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. कुछ दिन पहले तक कोलकाता में छिटपुट बारिश हो रही थी. लेकिन पिछली रात से कोलकाता और आसपास के इलाकों में बारिश हो रही है. लगातार बारिश के कारण कोलकाता की कई सडकें पानी में डूब गई.
इस बीच लगातार भारी बारिश से सिक्किम का सबसे बुरा हाल है. क्योंकि सिक्किम, कालिमपोंग, सिलीगुड़ी, Dooars की जीवन रेखा NH-10 बुरी तरह तबाह हो चुकी है. NH-10 की तबाही सबसे ज्यादा बंगाल इलाके में हुई है. इसको लेकर सिक्किम सरकार बंगाल पर पलटवार कर रही है. सिलीगुड़ी से गंगटोक तक NH-10 के 174 किलोमीटर सड़क का सबसे ज्यादा भाग सिक्किम में है. जिसका रखरखाव एन एच आई डीसीएल करती है. बंगाल सरकार के हक में NH-10 का केवल 24 किलोमीटर सड़क भाग है. इसकी देखरेख राज्य पी डब्ल्यू डी करती है. सिक्किम सरकार चाहती है कि पीडब्ल्यूडी के अधीन सड़क को एनएचआईडीसीएल को सौंप दी जाए. इस तरह से केंद्रीय एजेंसी NH-10 की पूरी देखरेख करेगी तो भविष्य में इस मार्ग से आवागमन में बाधा नहीं खड़ी होगी.
कालिमपोंग के जिलाधिकारी बाला सुब्रह्मण्यम टी का कहना है कि यातायात की बहाली के लिए पहाड़ की कटाई की जा रही है. लेकिन इसमें समय लग सकता है. पीडब्ल्यूडी राजमार्ग की मजबूती के लिए एक विस्तृत परियोजना तैयार कर रही है, जिसे मंत्रालय की ओर से अनुमोदन की आवश्यकता होगी. दो सप्ताह पहले ही पीडब्ल्यूडी के सचिव ने भारत सरकार के सड़क यातायात और राजमार्ग टीम के अधिकारियों के साथ NH-10 के संवेदनशील स्थानों का दौरा किया था. समाधान को लेकर आवश्यक कदम उठाने की बात कही गई है. लेकिन इस समय सिक्किम में हो रही लगातार वर्षा के कारण यह कार्य नहीं हो पा रहा है. अब देखना है कि रविवार तक होने वाली भारी बारिश के बाद सिक्किम, दार्जिलिंग, कालिमपोंग और सिलीगुड़ी की क्या तस्वीर सामने आती है. फिलहाल तो मैदान से लेकर पहाड़ तक एक ही आवाज आ रही है, त्राहिमाम… त्राहिमाम!
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