एनजेपी रेलवे स्टेशन पर कैपिटल एक्सप्रेस के डिब्बों की तलाशी के दौरान रेलवे पुलिस, जीआरपी और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की मेहनत उस समय रंग लाई, जब खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के बाद उन्होंने तलाशी अभियान चलाया और 56 लड़कियों को बरामद करने में सफलता पाई. मिली जानकारी के अनुसार कैपिटल एक्सप्रेस के अलीपुरद्वार से रवाना होने के बाद ही रेलवे पुलिस को खुफिया सूत्रों ने जानकारी दे दी थी कि कैपिटल एक्सप्रेस में बहुत सारी संदिग्ध लड़कियां हैं, जिन्हें दूसरे प्रदेशों में ले जाया जा रहा है.
जब तक कैपिटल एक्सप्रेस एनजेपी पहुंची, तब तक यहां सर्च टीम तैयार हो चुकी थी. इस टीम में एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट के लोग, जीआरपी और रेलवे पुलिस के जवान मुस्तैद थे. ट्रेन के रुकते ही वे अलग-अलग कोचों में घुस गए और एक एक यात्रियों से पूछताछ करते हुए आगे बढ़ने लगे. इसी क्रम में उन्हें इन लड़कियों पर नजर पड़ी तो उन्होंने उनसे पूछताछ की. लड़कियों ने बताया कि वे सभी नौकरी करने बेंगलुरु जा रही हैं. उनके पास टिकट भी नहीं था. केवल उनके हाथ पर कोच एवं बर्थ संख्या लिखा हुआ था. जाहिर था कि टिकट किसी और के पास था.
लड़कियों से पूछताछ में पता चला कि वे जलपाईगुड़ी, कूचबिहार व अलीपुरद्वार जिलों के अलग-अलग स्थानों की रहने वाली थी. उनकी उम्र 18 से 31 वर्ष के बीच बताई जा रही है. जब रेलवे पुलिस के अधिकारियों ने उनसे पूछा कि जब उन्हें बेंगलुरु जाना है तो वे पटना वाली ट्रेन से क्यों जा रहे थीं. इसका लड़कियों ने कोई उत्तर नहीं दिया. उनके बयानों में भी विरोधाभास पाया गया. संदेह होने पर रेलवे पुलिस ने उन्हें एनजेपी स्टेशन पर ही उतारकर पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में ले लिया.
यह घटना सोमवार देर रात की है. उस समय एनजेपी स्टेशन के प्लेटफार्म पर यात्री अपनी गाड़ी का इंतजार कर रहे थे. कैपिटल एक्सप्रेस से एक साथ इतनी सारी लड़कियों को पुलिस के साथ देखकर लोग चकित थे. देखते ही देखते रेलवे पुलिस इन सभी लड़कियों को पूछताछ के लिए जीआरपी थाना ले गई. अधिकारियों की पूछताछ में पता चला कि लड़कियों को सब्ज बाग दिखाकर बंगाल से बाहर ले जाया जा रहा था. हालांकि लड़कियों ने बताया कि उनसे कहा गया था कि उन्हें बेंगलुरु में एक अच्छी कंपनी में नौकरी दी जाएगी.
एनजेपी स्टेशन पर जो कुछ हुआ, उसके बाद इसमें कोई संदेह नहीं लगता है कि सिलीगुड़ी समेत उत्तर बंगाल में मानव तस्कर गिरोह सक्रिय हो गया है, जो दूर दराज की गरीब एवं मासूम लड़कियों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर उन्हें बहला फुसलाकर बाहर ले जाकर उनकी जिंदगी नर्क कर देता है. कुछ समय पहले मानव तस्कर गिरोह सिलीगुड़ी, समतल और Dooars इलाके में काफी सक्रिय था. लेकिन पुलिस अधिकारियों के विशेष अभियान और सजगता कार्यक्रम के बाद इसमें कुछ कमी जरूर आई थी. अब एक बार फिर से मानव तस्कर गिरोह सक्रिय हो गया है. रेलवे पुलिस के अधिकारी इस घटना को इस एंगल से भी देख रहे हैं और जांच कर रहे हैं.
रेलवे पुलिस को इस घटना में मानव तस्करी इसलिए भी नजर आती है,क्योंकि नौकरी के लिए कागजात, दस्तावेज या यात्रा के वैध कारणों की पुष्टि नहीं हो पाई है. हालांकि रेलवे की संयुक्त टीम अभी इसकी जांच कर रही है. पर सूत्रों का दावा है कि इन सभी लड़कियों को मानव तस्कर गिरोह के लोग बेचने के लिए ले जा रहे थे. सूत्रों के अनुसार बरामद लड़कियों में से कुछ तो नाबालिग हैं. इन सभी को जलपाईगुड़ी के एक शेल्टर होम में रखकर उनके घर वालों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही थी. बाकी महिलाओं को उनके घर भेजने की भी जानकारी मिली है. मानव तस्करी से बचने के लिए यह जरूरी है कि लड़कियों को उचित काउंसलिंग देने की व्यवस्था की जाए! लड़कियों की बरामदगी के इस अभियान में ईस्टर्न रेलवे की न्यू जलपाईगुड़ी महिला हेल्पलाइन, आरपीएफ, जीआरपी,एन जीओ तथा अन्य संगठनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.