सिलीगुड़ी के रोहन को कोलकाता जाना था. उन्होंने कोलकाता में एक प्रसिद्ध डॉक्टर से अपॉइंटमेंट ले रखा था. वह समय पर बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंच गए. बोर्डिंग के बाद वह समय का इंतजार करने लगे. जब विमान के उड़ान भरने का समय आया, तब उन्हें पता चला कि विमान के उड़ान भरने में कम से कम एक डेढ घंटे लग जाएगा. रोहन को बताया गया कि पायलट उपलब्ध नहीं है. इसलिए विमान यात्रियों को इंतजार करना होगा.
रोहन अचानक चिंता में पड़ गए. क्योंकि उन्होंने डॉक्टर से अपॉइंटमेंट ले रखा था. इतने समय में तो वह कोलकाता पहुंच जाते. अब क्या होगा. सोच रहे थे कि अब कोलकाता जाने से कोई लाभ नहीं होगा. क्योंकि उन्हें दूसरे दिन के लिए अपॉइंटमेंट लेना होगा. लेकिन समस्या यह थी कि वह बोर्डिंग से बाहर जा भी नहीं सकते थे. क्योंकि इस तरह का कोई नियम नहीं था कि कोई भी विमान यात्री अपनी यात्रा छोड़कर एयरपोर्ट से बाहर चला जाए.
आमतौर पर विमान यात्रियों को यात्रा से डर नहीं लगता, जितना कि उन्हें विमान के उड़ान में अनिश्चितता से डर लगता है. विमान यात्री वक्त से काफी पहले ही एयरपोर्ट पहुंच जाते हैं. कहीं फ्लाइट मिस ना हो जाए, इसलिए अपना जरूरी काम छोड़ कर एयरपोर्ट पहुंच जाते हैं. लेकिन एयरपोर्ट पहुंचने पर उन्हें पता चलता है कि उनकी फ्लाइट में काफी विलंब है. बोर्डिंग के बाद जब उन्हें पता चलता है कि उड़ान में काफी विलंब है,चाहे उसका कारण कुछ भी हो, ऐसे समय उन्हें काफी पीड़ा होती है. क्योंकि एक तो उनका समय बर्बाद होता है, दूसरे में समय पर गंतव्य पर नहीं पहुंचने से होने वाली हानि का मंजर भी उनके दिमाग में थिरकने लगता है.
ऐसा भी देखा गया है कि कई बार कुछ विमान यात्री स्वयं पर धैर्य नहीं रख पाते और परिणाम स्वरूप असामान्य घटनाएं घट जाती हैं. आपने ऐसा भी सुना होगा कि एक विमान यात्री ने पायलट को इसलिए पीट दिया कि उसने विमान उड़ाने में देरी कर दी. ऐसी अनेक घटनाएं हैं जो हमारे देश और विदेशों में घटती रही है. काफी समय से विमान यात्री ऐसी घटनाओं से दो-चार होते रहे हैं. उन्होंने केंद्रीय नागरिक उड्डयन विभाग को भी कई बार शिकायत की है. साथ ही विमान मंत्री से भी इस तरह की व्यवस्था को बदलने की भी मांग की थी.
अब विमान यात्रियों की शिकायतों को देखते हुए नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो ने नए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. इससे विमान यात्रियों को काफी राहत मिली है. साथ ही उन्हें समय पर विमान यात्रा करने और समय पर गंतव्य पहुंचने की भी गारंटी मिल गई है. इस फरमान के बाद विमान यात्री अपनी योजना के अनुसार कार्यों को संचालित कर सकेंगे. नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो ने अपने निर्देश में कहा है कि विमान यात्री उड़ान के लिए अधिक इंतजार नहीं कर सकते. अगर उड़ान की रवानगी में अधिक देरी हुई तो यात्री एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट का इस्तेमाल कर सकते हैं और विमान से बाहर जा सकते हैं.
बीसीएएस के महानिदेशक जुल्फिकार हसन ने कहा है कि सभी एयरलाइन कंपनियों तथा एयरपोर्ट संचालकों को विशेष दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इससे यात्रियों की परेशानी कम हो जाएगी. विमान में बोर्डिंग के बाद उड़ान में अधिक देरी होने पर तथा अन्य आपात स्थितियों में यात्रियों को संबंधित एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट से बाहर निकलने की अनुमति होगी. यात्रियों को विमान से उतरने तथा उन्हें फिर से बोर्डिंग क्षेत्र में लाने का निर्णय संबंधित एयरलाइंस तथा सुरक्षा एजेंसी की होगी.
आमतौर पर विमान में उड़ान भरने में देरी का कारण खराब मौसम, तकनीकी कारण, मेडिकल इमरजेंसी आदि होते हैं. ऐसी स्थिति में विमान यात्रियों को उड़ान में देरी के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है. लेकिन अब इस दिशा निर्देश के बाद उन्हें इंतजार करना नहीं होगा. सूत्रों ने बताया कि समस्या के समाधान के क्रम में विमान यात्री की फिर से बोर्डिंग की व्यवस्था की जा सकती है. अगर समस्या तकनीकी हो तो विमान यात्रियों के लिए दूसरे विमान की व्यवस्था समेत अन्य उपाय किए जा सकते हैं. ऐसी स्थिति में विमान यात्रियों के लगेज इत्यादि अन्य सामान को नए विमान में शिफ्ट किया जाएगा.
पहली बार बीसीएएस ने विमान यात्रियों के लिए काफी सहूलियतें और सुरक्षा की व्यवस्था बढाई है. अब से यात्रियों की सुरक्षा के लिए एयरपोर्ट पर विभिन्न अत्याधुनिक उपकरणों की व्यवस्था होगी. इनमें एयरपोर्ट पर स्मार्ट सुरक्षा लेन की भी व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा फुल बॉडी स्केनर की भी व्यवस्था शुरू की जा रही है.
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