पिछले कुछ दिनों से सिलीगुड़ी की रफ्तार थमती सी प्रतीत हो रही है. क्या आपने महसूस किया है कि इन दिनों सिलीगुड़ी वासियों को पहले की तुलना में काफी जाम का सामना करना पड़ रहा है. खासकर विधान मार्केट रोड और सेवक रोड में जाम एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है. गंतव्य स्थल के लिए लोगों को कम से कम 15 से 20 मिनट अधिक समय लग रहा है. आखिर सिलीगुड़ी की रफ्तार थमने का कारण क्या है?
यूं तो सिलीगुड़ी की रफ्तार तो पहले से ही थमी हुई है. ट्रैफिक समस्या के निदान के लिए पुलिस प्रशासन से लेकर नागरिक प्रशासन के स्तर तक सभी कदम उठाए गए. सिलीगुड़ी नगर निगम के द्वारा रोड का चौड़ीकरण के साथ ही अतिक्रमण से निपटने के लिए भी प्रयास किए गए. बीच-बीच में कुछ समय तक सब कुछ ठीक रहता है. लेकिन फिर ट्रैफिक जाम की समस्या सामने आ जाती है.
वर्तमान में सिलीगुड़ी की विभिन्न सड़कों पर शाम के समय सर्वाधिक जाम लग रहा है. खासकर सेवक रोड पर लगने वाली जाम के कारण नागरिक और व्यवसायी सभी परेशान हैं. सेवक रोड के अलावा विधान मार्केट, हाशमी चौक, सिलीगुड़ी जिला अस्पताल, कोर्ट मोड,हिल कार्ट रोड, सिलीगुड़ी जंक्शन, बर्दवान रोड इत्यादि सड़कों पर शाम के समय सबसे ज्यादा जाम लग रहा है. आखिर इसका कारण क्या है?
दरअसल इस समय सेवक रोड व अन्य स्थानों पर केबलिंग का कार्य किया जा रहा है. रोड के किनारे खुदाई करके केबल बिछाने का काम शुरू हो चुका है. इससे सडक संकीर्ण हो गई है. सड़कों पर यातायात का दबाव बढ जाने से गाड़ियों की रफ्तार वैसे ही धीमी हो जाती है. सिलीगुड़ी की रफ्तार थमने का यह मुख्य कारण है. सभी मुख्य सड़कों के किनारे भूमिगत तार बिछाने का काम चल रहा है. इसके अलावा त्यौहारों का महीना चल रहा है. कुछ दिनों में ईद और रामनवमी का त्यौहार है. इसे लेकर भी ट्रैफिक तथा प्रशासनिक स्तर पर अनेक सुधार किए जा रहे हैं.
सिलीगुड़ी की रफ्तार कम करने में सबसे ज्यादा यात्री वाहन जैसे टोटो और ऑटो भी शामिल है. प्राइवेट गाड़ियां भी ट्रैफिक जाम को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभा रही है. वाहन चालकों में अनुशासनहीनता और ट्रैफिक नियमों के पालन में कोताही देखी जा रही है. शाम के समय सड़कों पर यात्रियों से ज्यादा टोटो और ऑटो को भागते देखे जा सकते हैं. जो अक्सर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं. सवारी बैठाने के लिए ये कहीं भी गाड़ी रोक देते हैं. यह नहीं देखते हैं कि उन्हें गाड़ी किनारे खड़ी करनी चाहिए.
इसी तरह से निजी वाहनों के चालक भी पार्किंग के नियमों का उल्लंघन करते हुए कुछ समय के लिए बीच सड़क पर ही गाड़ियां लगा देते हैं. इसे देखने के लिए ट्रैफिक पुलिस नहीं होती. सवाल यह है कि जब वाहन चालक ही ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करें तो ऐसे में जाम लगना स्वाभाविक है. लेकिन प्रशासन का ध्यान उनसे ट्रैफिक नियमों का पालन करवाने में नहीं रहता है. वर्तमान में तो सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस का ट्रैफिक विभाग सिलीगुड़ी शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर ही ट्रैफिक मेंटेन करने में लगा है. ऐसे में बाकी सड़कों पर अनुशासनहीन वाहन चालकों ने समस्या को गंभीर बना दिया है.अगर ट्रैफिक प्रशासन ने स्थिति को नजरअंदाज किया तो आने वाले समय में और ज्यादा कठिनाइयां बढ़ जाएगी. इसलिए समय रहते स्थिति को संभाल लेना जरूरी है.
जरूरी है कि वाहन चालकों को ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए अनुशासित किया जाए और उनके सामने सिक्किम का उदाहरण प्रस्तुत किया जाए, जहां रोड पर आप गाड़ी पार्क नहीं कर सकते. केवल पार्किंग में ही गाड़ियां पार्क की जा सकती हैं. अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आपके खिलाफ जुर्माना लगाया जा सकता है. कुछ इसी तरह के नियम यहां भी सख्त करने की जरूरत है. जागरूक और अनुशासित वाहन चालकों से ही सिलीगुड़ी की रफ्तार बढ़ेगी. यह नहीं भूलना चाहिए.
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