पहाड़ के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का खून का रिश्ता जुड़ गया है.आज उन्होंने पहाड़ के लिए अपने राजकोष का पिटारा खोल दिया. वह कहती है कि अब से पहाड़ उनका अपना हो गया. लेकिन पहाड़ मुख्यमंत्री का कितना करेगा बेड़ा पार? यह अभी नेपथ्य में है…
पहाड़ में अपने भतीजे आवेश की शादी एक गोरखा बेटी डॉक्टर दीक्षा छेत्री से करके मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भले ही पहाड़ से खून का रिश्ता कायम कर दिया हो, लेकिन इसके साथ ही यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विवाह समारोह में भाग नहीं लिया. हां,उन्होंने मकईबाड़ी स्थित रिसोर्ट में नव वर वधू को आशीर्वाद जरूर दिया है.
प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कर्सियांग के मंटिवियेट खेल मैदान में एक जनसभा थी, जहां उन्होंने पूरे पहाड़ की मंगल कामना करते हुए जीटीए को दिल खोलकर धन दिया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहाड़ के साथ अपने खून के रिश्ते को दोहराते हुए यह जताने की कोशिश की कि पहाड़ उनका अपना हो गया. इसीलिए पहाड़ का विकास करना उनका प्रमुख लक्ष्य है.
एक दिन पहले से ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रणनीति पहाड़ का दिल जीतने की रही है. इसमें कहीं ना कहीं ममता बनर्जी कामयाब भी रही है. उन्होंने मकईबाडी टी एस्टेट में गोरखा श्रमिक महिलाओं के साथ उनकी ही वेशभूषा में बागान में जाकर पत्तियां तोड़ी, उनसे ढेर सारी बातें की, उन्हें कंबल भी दिए और उनके साथ डांस भी किया था. आज उन्होंने जनसभा में चाय श्रमिकों को जमीन के पट्टे भी दिए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि चाय सुंदरी प्रोजेक्ट के अंतर्गत 3000 पक्के मकान बनाए जा रहे हैं. इन मकानों में चाय श्रमिक रहेंगे. उन्हें जमीन का पट्टा दिया जा रहा है.
जनसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि दार्जिलिंग, कर्सियांग, कालिमपोंग सबके साथ उनका खून का रिश्ता जुड़ गया है. इसलिए वे पूरे पहाड़ का विकास करना चाहती हैं. उनकी सरकार ने पहाड़ में विकास के लिए 75 करोड रुपए जीटीए को दिए हैं. अनित थापा जीटीए के चेयरमैन है और वे पहाड़ की समस्याओं का समाधान करते हुए पहाड़ी नौजवानों तथा महिलाओं के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में हर तरह का सहयोग करेंगे.
उन्होंने कहा कि GTA के अंतर्गत सेवानिवृत्ति योजना लागू की जाएगी और सेवा निवृत कर्मचारियों को 20 लाख की ग्रैचुएटी दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग जीटीए के अंतर्गत नियमित तौर पर काम कर रहे हैं,उन सभी के वेतन में वृद्धि की जाएगी. पहाड़ में रीजनल स्कूल सर्विस कमिशन 2003 में ही बंद हो गया था. मुख्यमंत्री ने उसे फिर से आरंभ करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि 146 स्कूलों में 590 शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी.
आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीटीए के चेयरमैन अनित थापा से अपील की कि पहाड़ में आईटी सेक्टर का विकास किया जाए ताकि यहां के नौजवानों को बेरोजगारी का सामना नहीं करना पड़े. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हर संभव सहायता करेगी. पहाड़ में उद्योग धंधों के विकास और विस्तार के लिए भी मुख्यमंत्री ने अपने विचार रखे. पहाड़ की सबसे बड़ी समस्या पेयजल आपूर्ति समुचित रूप से नहीं होना रही है. गर्मियों में यहां पेयजल संकट अक्सर देखा जाता है.
आज सभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की कि पहाड़ में घर-घर पानी पहुंचाने का काम किया जाएगा. उन्होंने 2024 तक 3,32000 घरों में पेयजल आपूर्ति का लक्ष्य रखा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पहाड़ में घर-घर सरकारी कर्मचारी जाएंगे, यह पता करने के लिए कि क्या उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है? लोग सरकारी अधिकारी को अपनी शिकायत या समस्या भी बता सकते हैं. उन्होंने पहाड़ में नौजवान लड़के लड़कियों से भविष्यत कार्ड से लाभ उठाने की अपील की. इस योजना के तहत पात्र व्यक्ति को ₹500000 तक सहायता दी जाती है. अब तक इस योजना के तहत 47 000 लड़के लड़कियों को इसका लाभ मिल चुका है. इस योजना के तहत अगर कोई व्यक्ति दुकान, मकान या व्यापार आदि करना चाहता है तो उसे लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कर्सियांग को एजुकेशन हब तथा दार्जिलिंग को इंडस्ट्री हब बनाने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा कि पहाड़ के लिए उनकी जान हाजिर है. आज उन्होंने तीस्ता आपदा में जान गंवाने वाले पहाड़ के लोगों के प्रत्येक आश्रित को सत्तर-सत्तर हजार रुपए भी दिए. इस तरह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहाड़ के लिए अपने राज्य के खजाने का मुख खोल दिया. अब देखना होगा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पहाड़ उनका कितना साथ देता है.