सुबह का समय था. मौसम खुशगवार था. लोग दैनिक कार्यों में जुटे हुए थे. गांव के कुछ युवा सड़क पर टहल रहे थे. उसी समय एक व्यक्ति सड़क पर आगे पीछे देखते हुए जा रहा था. वह व्यक्ति बार-बार अपने कंधे से लटके थैले को संभाल रहा था. बैग शायद भारी था. ग्रामीण युवाओं को लगा कि बैग में कुछ संदिग्ध चीज होगी. अतः उनमें से एक युवक ने आगे बढ़ कर व्यक्ति को रोका और पूछा.
उसने बैग खोलकर दिखाने के लिए कहा. लेकिन उस व्यक्ति ने बैग खोल कर दिखाने की बजाय गोल-गोल जवाब देना शुरू कर दिया. इस पर युवकों का शक और गहरा हो गया. एक युवक ने व्यक्ति का बैग छीन लिया उसे खोल कर देखा, तो उसके साथ-साथ वहां उपस्थित अन्य लड़कों के पैरों तले की धरती खिसक सी गई. बैग वोटर कार्ड से भरा हुआ था. बैग में सैकड़ो वोटर कार्ड पड़े हुए थे.
ग्रामीणों ने उस शख्स को पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी गई. यह घटना पश्चिम बंगाल के कल्याणी की है. कल्याणी पुलिस ने तत्काल ही मौके पर पहुंचकर शख्स से पूछताछ शुरू कर दी. पुलिस की पूछताछ में यह पता चला कि वह व्यक्ति हुगली जिले के हिंद मोटर का रहने वाला है.उसका नाम उत्तम प्रसाद है. उसने बताया कि वह अपनी बहन के घर आया था. उसने वोटर कार्ड के बारे में बताया कि उसे यह रास्ते में मिला था.
पुलिस ने व्यक्ति के कब्जे से बैग बरामद कर लिया. बरामद वोटर कार्ड में से तीन असम के हैं. जबकि बाकी वोटर कार्ड कल्याणी के अलग-अलग वार्डों के पाए गए. इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या ये सभी वोटर कार्ड हैं या नकली वोटर कार्ड हैं? अगर व्यक्ति सच बोल रहा है तो इतने सारे वोटर कार्ड सड़क के किनारे किसने छोड़े? इस घटना ने बंगाल की सियासी हवा में तूफान खड़ा कर दिया है. राजनीतिक दलों से लेकर निर्वाचन अधिकारी तक सब हैरान हैं. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल ने जिला मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मांगी है.
पश्चिम बंगाल में नवंबर महीने में एस आई आर लागू होगा. लेकिन उससे पहले ही पूरे प्रदेश में SIR को लेकर अफरा तफरी देखी जा रही है. इस बीच एक व्यक्ति के झोले से सैकड़ों वोटर कार्ड बरामद होने से पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है. पुलिस व्यक्ति से विस्तृत पूछताछ कर रही है. लेकिन उससे पहले ही इस पर सियासत शुरू हो गई है.
यहां के भाजपा विधायक अंबिका राय ने अपने बयान में कहा है कि लगभग 1000 वोटर कार्ड बरामद हुए हैं. ये वोटर कार्ड किनके हैं और इन्हें एक साथ जमा करके क्यों रखा गया? क्या इन सभी कार्डों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान मतदान में किया जाना था? अंबिका राय ने कहा है कि SIR से पहले इस तरह की घटना एक ट्रेलर है!
उनका इशारा तृणमूल कांग्रेस की ओर था. जबकि तृणमूल कांग्रेस के नेता विप्लव दे सजल ने बयान दिया है कि इस घटना में उनकी पार्टी के किसी भी नेता या कार्यकर्ता का हाथ नहीं है. उन्होंने कहा कि पुलिस पूरे मामले को देख रही है. सच उजागर होने तक हमें प्रतीक्षा करनी चाहिए. वाकई यह घटना काफी कुछ कहती है. बता दे कि पिछले दिनों भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया था कि बंगाल में एस आई आर लागू होने पर लगभग एक करोड़ मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब हो जाएंगे.

