आपने वह कहावत तो सुनी ही होगी कि सतर्कता हटी दुर्घटना घटी! पर्यटन का मौसम है. सिलीगुड़ी के आसपास में कई पर्यटक स्थल हैं. जहां छुट्टियों में लोग लोग घूमने और पिकनिक मनाने जाते हैं. पिकनिक स्थल पर बहुत सावधानी की आवश्यकता होती है. इस मौसम में नदी में अचानक ही जलस्तर बढ़ जाता है. अगर आप तैरना नहीं जानते अथवा विपरीत स्थितियों का सामना करने के लिए पहले से तैयार नहीं है, तो नदी के गहरे जल में कभी मत उतरिए. बीच मझधार में जाने से बचिए. अन्यथा आपके साथ गंभीर हादसा हो सकता है. जैसे कि रविवार को दूधिया में देखा गया था. अगर थोड़ी सी देर हो जाती तो कयामत आ सकती थी!
हालांकि इस समय सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में मौसम का मिजाज बदला हुआ है. लोगों को गर्मी से राहत तो मिली है, परंतु इसी मौसम में सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों के लोग नदियों में पिकनिक मनाने चले जाते हैं. जहां पहाड़ की ठंडी हवा उन्हें रोमांचित करती है. खासकर रविवार के दिन सिलीगुड़ी और आसपास के लोगों का सिलीगुड़ी के आसपास के पर्यटक स्थलों पर जमावड़ा देखा जा सकता है.
सिलीगुड़ी के निकट एक ऐसा ही पर्यटक स्थल है, दूधिया जहां बालासन नदी बहती है. इको टूरिज्म स्पॉट एम एम तराई पिकनिक स्पॉट पर उस समय सिलीगुड़ी और आसपास के विभिन्न क्षेत्रों के लोग घूमने आए थे. कुछ लोग नदी के तट पर बैठे मौज मस्ती कर रहे थे, तो कई लोग नदी के पानी में जल क्रीडा कर रहे थे. कहीं खाना बनाने का काम चल रहा था, तो कहीं पिकनिकरों का समूह पीने पिलाने में लगा था. नदी पर एक बांसपुल भी बना है. कुछ नौजवान मस्ती में झूमते हुए पुल से होकर नदी के उस पार चले गए और वहां पिकनिक मनाने लगे.
एक तरफ गीत संगीत का कार्यक्रम भी चल रहा था. बहुत से लड़के लड़कियां म्यूजिक पर थिरक रहे थे. तभी अचानक से नदी का जल स्तर बढ़ने लगा. परंतु पिकनिक मनाने आए किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं गया. लेकिन जब नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता चला गया, तब अचानक से ही चीख पुकार के साथ ही लोगों में अफरा तफरी मच गई. इसी बीच जल स्तर के दबाव में बांस का पुल भी टूट गया. इससे नदी के दूसरे पार गए लोगों में चीख पुकार मच गई.
उस समय नदी के पार कम से कम एक दर्जन लड़के लड़कियां खड़े थे, जो अब लौटने के लिए तड़प रहे थे. देखते-देखते वहां चीख पुकार मच गई और सहायता के लिए गुहार लगाई जाने लगी. यह घटना रविवार की है.तभी वहां कुछ जोशीले और साहसी नौजवान पहुंचे. इन नौजवानों में माटीगाड़ा के शिव मंदिर निवासी राजा राय और किरण सिंह ने साहस दिखाया और नदी के पार लोगों को बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी.
इन दोनों बहादुर लड़कों ने उन सभी युवक युवतियों को एक-एक करके बचा लिया. तब तक घटना की सूचना पाकर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी भी वहां पहुंच गए थे. कर्सियांग वन विभाग के डीएफओ दिवेश पांडे के अनुसार इस मौसम में नदियों का जलस्तर अचानक से बढ़ जाता है. अगर सतर्कता और सावधानी नहीं बरती गई तो गंभीर हादसा हो सकता है. उन्होंने बताया कि घटना के बाद नदी के पार जाने पर पिकनिकरो पर रोक लगा दी गई है. इसके अलावा नदी में नहाने आए लोगों को सावधान किया जा रहा है. बच्चों को पानी से दूर रहने की सलाह दी जा रही है.
अगर आप भी छुट्टियों का लाभ पिकनिक मनाने में लेना चाहते हैं, तो आपके लिए खबर समय की ओर से कुछ सलाह दी जा रही है. इस मौसम में कब बरसात हो जाए, कुछ पता नहीं चलता. पहाड़ी नदियां सूखी रहती हैं लेकिन अचानक ही नदी में लबालब पानी भर जाता है. अतः नदी का जलस्तर कब बढ़ जाए,पहले से ज्ञात नहीं होता है. ऐसे में जब आप नदी में स्नान करने जाएं तो इस बात का ध्यान जरूर रखें कि नदी का जलस्तर कभी भी बढ़ सकता है. जल्दी-जल्दी स्नान करके बाहर आए. इसके अलावा प्रशासन के निर्देशों का पालन करें. अगर प्रशासन ने कोई गाइडलाइंस जारी किया है तो उसका पालन करें. इस तरह से आप अपने को विपरीत स्थितियों में महफूज रख सकते हैं. अन्यथा आपके साथ गंभीर हादसा हो सकता है.
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