उत्तर बंगाल की नदियों पर बढ़ते खतरे को लेकर दार्जिलिंग के सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने शुक्रवार को एक गंभीर बयान जारी करते हुए कहा कि क्षेत्र की नदी पारिस्थितिकी जिस तेज़ी से नष्ट हो रही है, वह अत्यंत भयावह और चिंताजनक है। माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राणा नगर कॉलोनी के दौरे के दौरान उन्होंने बालासन नदी में बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध खनन को अपनी आँखों से देखा, जिसके बाद उन्होंने गहरी नाराज़गी और चिंता व्यक्त की।
राजू बिष्ट ने कहा कि बालासन नदी में जिस पैमाने पर रेत, पत्थर और स्टोन चिप्स की अवैध खुदाई हो रही है, उससे नदी का प्राकृतिक प्रवाह और उसका पारिस्थितिक संतुलन गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने उन्हें जानकारी दी कि क्षेत्र में “खनन माफिया” सक्रिय है, जो न सिर्फ अवैध खनन करा रहा है, बल्कि निकाले गए खनिज पदार्थों को बड़े पैमाने पर ट्रकों के जरिए बाहर भेजा जा रहा है। कुछ मामलों में तो ये सामग्री बांग्लादेश तक पहुँचाई जा रही है, जो अवैध खनन के बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करता है।
सांसद ने आरोप लगाया कि इतनी बड़ी अवैध गतिविधि का प्रशासन और सत्ताधारी दल के प्रभावशाली नेताओं की मिलीभगत के बिना संचालित होना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल में प्रशासन जिस तरह काम करता है, उसे देखते हुए ऐसा विशाल खनन ऑपरेशन बिना ऊपर के संरक्षण के संभव नहीं। यह स्पष्ट है कि सत्ता और प्रशासन दोनों की अनदेखी—या फिर मिलीभगत—से ही यह अवैध व्यापार फल-फूल रहा है।”
राजू बिष्ट ने कहा कि केवल बालासन नदी ही नहीं, बल्कि दार्जिलिंग पहाड़, तराई और डुआर्स की कई महत्वपूर्ण नदियाँ जैसे तीस्ता, रंगीत, रामम, रेली, पाला, जलढाका, महानंदा—सब अवैध खनन के कारण प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि इन नदियों के प्राकृतिक प्रवाह में बदलाव, जल की गुणवत्ता में गिरावट, और नदी किनारे की मिट्टी के तेज़ कटाव के कारण क्षेत्र में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि यदि इस अवैध खनन को तुरंत न रोका गया, तो आने वाले समय में उत्तर बंगाल के पर्यावरण और जनजीवन को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। “हमारी नदियाँ हमारी पहचान और जीवनरेखा हैं। इन्हें कुछ लोगों की लालच की भेंट चढ़ने नहीं दिया जा सकता,” उन्होंने कहा।
सांसद राजू बिष्ट ने घोषणा की कि वे इस मुद्दे को तत्काल पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष उठाएँगे ताकि अवैध खनन पर तुरंत रोक लगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
उन्होंने राज्य सरकार से भी मांग की कि वह तुरंत प्रभाव से इस खनन गतिविधि को रोके और खनन माफियाओं पर कठोर कार्रवाई करे।
राजू बिष्ट ने कहा कि उत्तर बंगाल के पर्यावरण, नदियों और स्थानीय समुदायों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस मुद्दे पर चुप बैठना अब संभव नहीं।

