इन दिनों सिलीगुड़ी और सिक्किम में साइबर ठगी की घटनाएं अत्यधिक बढ़ गई हैं. सिलीगुड़ी में ऑनलाइन ठगी की घटनाएं आए दिन होती रहती हैं. मात्र कुछ ही दिनों में सिक्किम में लोगों ने करोड़ों रुपए गंवा दिए. सिक्किम के विभिन्न थानों में साइबर ठगी के कई मामले दर्ज हो चुके हैं. सिलीगुड़ी में भी साइबर थाने में कई मामले दर्ज हैं. इस महीने अकेले सदर थाने में साइबर ठगी के चार से अधिक मामले दर्ज कराए जा चुके हैं. सिलीगुड़ी और सिक्किम के अलग-अलग थानों में दर्ज कराए गए विभिन्न मामलों के अध्ययन के बाद पता चलता है कि सिलीगुड़ी और सिक्किम की राजधानी गंगटोक में ऑनलाइन ठगी ऑनलाइन गेम, उपहार, आधार कार्ड, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की अपडेट आदि के जरिए की जा रही है.
इस समय जिओ मोबाइल, एयरटेल और वोडाफोन के महंगा रिचार्ज हो जाने से जिओ तथा दूसरी कंपनियों के अनेक ग्राहक बीएसएनल और टाटा का सिम पोर्ट करा रहे हैं. रिचार्ज की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लग रही है. साइबर अपराधी ऑनलाइन पोर्ट के नाम पर ग्राहकों को चूना लगा सकते हैं. ऐसे में ग्राहकों को सावधान रहने की जरूरत है.अगर आप अपना मोबाइल सिम पोर्ट कराना चाहते हैं तो किसी अधिकृत व्यक्ति की ही सेवा ले. अनजान व्यक्ति अगर ऑनलाइन यह ऑफर देता है तो मना कर दें. ऐसी घटनाएं समतल और पहाड़ के दोनों शहरों में खूब हो रही है. आने वाले दिनों में स्थिति और ज्यादा खतरनाक हो सकती है.
हालांकि सोशल मीडिया और पुलिस प्रशासन तथा विभिन्न प्रचार माध्यमों के जरिए लोगों में जागरूकता आ रही है. परंतु अब भी लोग साइबर अपराधियों के जाल में फंस रहे हैं. चाहे सिलीगुड़ी हो अथवा गंगटोक, थानों में दर्ज कराए गए विभिन्न मामलों से पता चलता है कि इतनी जागरूकता के बावजूद लोग साइबर ठगों के शिकार हो रहे हैं. दरअसल साइबर ठगों ने ठगी के तौर तरीके बदल दिए हैं. इनके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है व्यापक प्रचार प्रसार की जरूरत है सिक्किम के नामची जिले के जोरथांग निवासी एक व्यक्ति ने कुछ समय पहले 4 करोड रुपए साइबर ठगों के हाथों गवा दिए. मात्र कुछ ही दिनों में सदर थाने में तीन ऐसे मामले सामने आए जो ठगी से संबंधित थे.इन मामलों में ठग खुद को सीबीआई, ईडी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी बताकर लोगों को धमका रहे थे और उनसे पैसे की डिमांड कर रहे थे.
आजकल सिलीगुड़ी ही नहीं बल्कि गंगटोक में भी ऑनलाइन गेम के जरिए लोग खूब ठगे जा रहे हैं. वास्तव में विभिन्न ऑनलाइन गेम ऐप के जरिए साइबर ठग एक जाल बुनते हैं. लोग प्रलोभन में आकर निवेश करना शुरू कर देते हैं. शुरू में उन्हें अच्छा लगता है और बाद में वे अंतत: साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं. वास्तव में इसका कंस्ट्रक्शन और फंडामेंटल ठगी पर ही आधारित है. जिसे लोग समझ नहीं पाते हैं. सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट और सिक्किम के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वह किसी भी लिंक ,एपीके फाइल आदि को खोलने से बचे.
सिक्किम में इस तरह की बढ़ती घटनाओं के बीच गंगटोक के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तेंजिंग लोडेन लेप्चा ने नागरिकों से अपील की है कि फेसबुक, व्हाट्सएप ,टेलीग्राम और मैसेंजर आदि को माध्यम बनाकर साइबर ठग कई लोगों को फंसा चुके हैं. कई लोग तो डर के कारण उनके जाल में फंस जाते हैं. जबकि कई लोग प्रलोभन के शिकार हो जाते हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि किसी को भी ऑनलाइन निवेश करने की इच्छा हो तो सबसे पहले नजदीक के पुलिस स्टेशन में लिंक और ऐप को वेरीफाई करा ले. कभी भी फोन कॉल के माध्यम से निवेश न करें. सिलीगुड़ी में पूर्व में अनोखी साइबर ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें ठग खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बात कर लोगों को लूटने का तरकीब अपना रहा था .
सिक्किम में कुछ ही दिनों पहले एक व्यक्ति के मोबाइल पर एक कॉल आया था, जिसमें कहा गया था कि आपके आधार कार्ड के पते पर कुछ सामान भेजा गया है. इस सामान को बरामद कर लिया गया है. क्योंकि इसमें कुछ अवैध सामान मिला है. इसके बाद ग्राहक को डरा धमका कर तथाकथित कस्टम अधिकारी ने उससे एक मोटी रकम वसूल कर ली थी. उक्त व्यक्ति ने ₹12 लाख तक का निवेश कर दिया था. उसके पैसे डूब गए हैं. पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि अगर आपके पास इस तरह का कोई फोन कॉल आता है तो सर्वप्रथम 1930 नंबर पर पुलिस से संपर्क करें. सिक्किम में यह पुलिस की हेल्पलाइन नंबर है.
सिक्किम और सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि साइबर ठग लोगों को लूटने के तरीके बदल रहे हैं. वे नए-नए तरीके से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं. उन्होंने बताया कि साइबर ठग पहले किसी भी व्यक्ति के पते पर एक कूपन भेजते हैं. जहां लॉटरी में वाहन आदि के फसने का प्रलोभन दिया जाता है. उसमें स्क्रैच करने पर qr कोड में पैसा डालने के लिए ग्राहक से कहा जाता है. प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि उपरोक्त के अलावा साइबर अपराधियों के और भी नए-नए तरीके हैं. फेसबुक में फेक अकाउंट बनाकर लोगों से पैसे मांगे जाते हैं.
सिक्किम और सिलीगुड़ी के पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को सावधान करते हुए कहा है कि सिम पोर्ट करने के नाम पर साइबर ठगी की घटनाएं बढ़ सकती है. ऐसे में लोग सावधान रहें.
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