October 16, 2024
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दिसंबर में ISRO करेगा एक बड़ा चमत्कार!

इसरो के वैज्ञानिक अंतरिक्ष में स्टेशन बनाने की तैयारी में है. इसरो चीफ ने ऐलान कर दिया है कि चंद्रयान 4 और 5 का डिजाइन तैयार कर लिया गया है. अगले 5 साल में 70 सेटेलाइट लॉन्च किए जाने हैं. इसलिए इसरो के वैज्ञानिक अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है.

इस बीच इसरो के चीफ डॉक्टर एस सोमनाथ ने एक और खुलासा किया है. अगर यह पूरा होता है तो दिसंबर में इसरो के वैज्ञानिक भारत में अंतरिक्ष के इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं. दिसंबर में इसरो SPADEX मिशन लॉन्च कर सकता है. चंद्रयान 4 के लिए अंतरिक्ष में डॉकिंग बहुत जरूरी तकनीक है. डॉकिंग का मतलब यह है कि अलग-अलग भाग को एक दूसरे की तरफ लाकर उसे जोड़ना.

सूत्रों के अनुसार भारतीय स्पेस एजेंसी अंतरिक्ष में दो अलग-अलग स्पेसक्राफ्ट को जोड़कर दिखाएगी. दिसंबर में इसे लॉन्च किया जाना है. वर्तमान में SPADEX के सैटेलाइट का इंटीग्रेशन हो रहा है, जो एक महीने में बनकर तैयार हो जाएगा. इसके बाद इसकी जांच प्रक्रिया वगैरह होगी. सिमुलेशन होंगे और उसके बाद इसे लॉन्च कर दिया जाएगा. यह मिशन अंतरिक्ष में डॉकिंग प्रोसेस पूरा करने की पहली सीढ़ी मानी जा रही है.

इसरो में जिस तरह की तैयारी चल रही है, उसके अनुसार शायद 15 दिसंबर 2024 को इसे लॉन्च किया जा सकता है. यह सभी भारत को अपना स्पेस स्टेशन बनाने में मदद करेगी. इसके साथ ही चंद्रयान-4 प्रोजेक्ट में भी योगदान होगा. एक ही सेटेलाइट के दो हिस्सों को एक ही रॉकेट में लॉन्च किया जाएगा. अंतरिक्ष में यह दोनों अलग-अलग जगह पर छोड़े जाएंगे.

अगले चरण में दोनों हिस्सों को धरती से निचली कक्षा में जोड़ा जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया में कई तरह के काम पूरे किए जाएंगे. उदाहरण के लिए दोनों अलग-अलग हिस्से एक दूसरे को अंतरिक्ष में खोजेंगे. पास आएंगे, ताकि एक ही ऑर्बिट में आ सके. इसके बाद दोनों एक दूसरे से जुड़ जाएंगे.

इसरो के वैज्ञानिक गगनयान के दो टेस्ट करेंगे. पहला टेस्ट व्हीकल डेमोंसट्रेशन 2 और पहला मानव रहित मिशन. इसके बाद इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट और पैड अबारट टेस्ट भी किये जाएंगे. मानव रहित मिशन में महिला रोबोट भी जाएगी. उसके ऊपर क्या प्रभाव पड़ता है, इसका अध्ययन भी होगा.

जी आई में एक सीट पर व्योममित्र और दूसरे पर एनवायरमेंटल कंट्रोल एंड लाइफ सपोर्ट सिस्टम होगा. दोनों के data का विश्लेषण किया जाएगा ताकि यह पता चल सके कि अंतरिक्ष में इंसानों पर क्या असर पड़ेगा और इलेक्ट्रॉनिक, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर आदि पर इसका क्या फर्क पड़ता है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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