दार्जिलिंग के लाल, जयाश्री, अजय मोक्तान और गौतम ठकुरी पर दार्जिलिंग जिले के लोग जरूर गर्व कर रहे होंगे. तीनों युवाओं के माता-पिता काफी गदगद हैं. क्योंकि इन्होंने एक बड़ी सफलता हासिल की है. दार्जिलिंग पहाड़ के लिए जयाश्री की कामयाबी एक मिसाल है . शायद पहली बार ऐसा हो रहा है, जब संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में दार्जिलिंग समतल और पहाड़ के तीन युवाओं ने शानदार सफलता हासिल की है. दार्जिलिंग जिले में इन युवाओं के घर पर प्रशंसकों का जमावड़ा देखा जा रहा है.
जयाश्री प्रधान दार्जिलिंग पहाड़ की रहने वाली है. जयाश्री ने पूरे भारत में 52 वी रैंक हासिल की है. जयश्री ने कोई कोचिंग नहीं की है. लेकिन वह घर पर रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ाई करती थी. उसने लोरेटो कॉन्वेंट से icse में 91% मार्क्स हासिल किया था. उसके बाद कानून की पढ़ाई करने के लिए वह बेंगलुरु चली गई. जयाश्री के पिता एक सेवानिवृत शिक्षक हैं. जबकि उसकी मां सरताज प्रधान जीटीए में काम करती है. बागडोगरा के रहने वाले गौतम ठाकुरी ने 391 वां स्थान हासिल किया है. मिलिट्री स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वह मोतीलाल नेहरू कॉलेज दिल्ली से बी ए किया है. वर्तमान में वह जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा है. उसने अपनी सफलता का श्रेय मां को दिया है.
जबकि एम एम तराई चाय बागान के रहने वाले अजय मोक्तान ने 494 रैंक हासिल कर भारतीय प्रशासनिक सेवा में अपनी जगह पक्की कर ली है. अजय मोक्तान की प्रारंभिक शिक्षा सिलीगुड़ी में ही हुई है. इसके बाद उसने जादवपुर यूनिवर्सिटी कोलकाता से पढ़ाई की है.अजय मोक्तान के पिता एक किसान हैं. उसका परिवार काफी शिक्षित है. उसने कहा कि वह सिविल सेवा में जाना पसंद करता है. भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए इन सभी युवाओं की उनकी सीट तय मानी जा रही है. यही कारण है कि इन युवाओं के माता-पिता काफी खुश हैं. रिश्तेदार, शुभचिंतक सब उन्हें बधाई दे रहे हैं.
पिछले दिनों संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा 2023 का परिणाम घोषित किया था. देशभर में 1000 से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है. इनमें 664 पुरुष और 352 महिलाएं हैं. 30 दिव्यांग बच्चे शामिल हैं. टॉपर 25 अभ्यर्थियों में 10 महिलाएं और 15 पुरुष हैं. टॉप 5 में आने वाले तीन पुरुष और दो महिलाएं हैं. सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान कानपुर आई आई टी से पढ़े आदित्य श्रीवास्तव ने हासिल किया है.
भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश सेवा और भारतीय पुलिस सेवा में अधिकारियों का चयन करने के लिए यूपीएससी हर साल तीन चरणों में प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करता है. प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन पिछले साल 28 मई को किया गया था. इसमें 1016850 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इनमें से 592 141 अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए थे. 14624 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए उत्तीर्ण हुए. मुख्य परीक्षा का आयोजन सितंबर 2023 में किया गया था. साक्षात्कार के लिए 2855 अभ्यर्थी चुने गए.
संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा अत्यंत कठिन होती है. लेकिन इस परीक्षा में वही अभ्यर्थी सफल होता है, जो खूब मेहनत करता है. और लगन से तैयारी करता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा में उत्तीर्ण युवाओं को बधाई देते हुए x पोस्ट में लिखा है कि युवाओं की कड़ी मेहनत, दृढ़ता और समर्पण रंग लाया है.सार्वजनिक सेवा में उनकी आशाजनक करियर की शुरुआत होगी. उनके प्रयास आने वाले समय में हमारे देश के भविष्य को आकार देंगे. उन्हें मेरी शुभकामनाएं हैं. लेकिन जो लोग सिविल सेवा परीक्षा में सफलता अर्जित नहीं कर पाए हैं, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि विफलताएं मुश्किल हो सकती हैं. लेकिन याद रखिए कि यह आपकी यात्रा का अंत नहीं है.
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