कालिम्पोंग, 1 सितंबर : नेपाली भाषा, पत्रकारिता और समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले वरिष्ठ रचनाकारों को रविवार को एक विशेष कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम माइपाटे स्थित थापासंग एनजीओ द्वारा आयोजित किया गया, जो अपने छठे स्थापना दिवस और 34वें नेपाली भाषा मान्यता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात लेखक विलियम फिपोन सोल्टी ने की, जबकि नेपाली भाषा सलाहकार समिति के सदस्य सुभाष सोतांग मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। विशिष्ट अतिथियों में वरिष्ठ पत्रकार रुद्र कार्की, भाषा कार्यकर्ता गोपाल योंजन, रामलाल तमांग, तथा बल बहादुर छेत्री प्रमुख रूप से शामिल रहे।
संगठन के अध्यक्ष विकास राय द्वारा संचालित इस समारोह में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले रचनाकारों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। संस्था ने लेखक विलियम फिपोन सोल्टी, सुभाष सोतांग, पत्रकार रुद्र कार्की, गजेंद्र घायल, गोपाल योंजन, रामलाल तमांग और बल बहादुर छेत्री को सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनकी सेवाओं को सराहा।
इस अवसर पर फापर खेती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका कविता राय और गोरुबथान 2 ग्राम पंचायत को भी उनके सहयोग के लिए प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। पंचायत की ओर से यह सम्मान प्रधान रेणुका तमांग ने ग्रहण किया, जबकि संस्था के सचिव और जूनियर रिसर्च फेलो प्रकाश सुब्बा ने प्रशंसा पत्र का वाचन किया।
कार्यक्रम में विद्यालय के छात्रों और स्थानीय कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं। साथ ही सपना राय और मनोज राय ने भावनात्मक कविता पाठ कर उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस आयोजन में 1984 के ऐतिहासिक नेपाली भाषा आंदोलन का उल्लेख भी किया गया, जिसमें भाषा कार्यकर्ताओं गोपाल योंजन, रामलाल तमांग, और बल बहादुर छेत्री ने संघर्ष की कहानियाँ साझा कीं। मुख्य अतिथि सुभाष सोतांग ने भाषण के दौरान यह भी कहा कि, “वाणी और भाषा एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी होती हैं; भाषा की ताकत ही समाज की असली शक्ति है।”
थापासंग एनजीओ द्वारा किया गया यह आयोजन न केवल सम्मान का मंच बना, बल्कि स्थानीय संस्कृति, भाषा और पहचान को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में सामने आया।