बोल बम का नारा है… बाबा तेरा सहारा है! सावन का महीना और पवन करे शोर… ठंडी ठंडी हवा और रिमझिम बारिश में भींग कर भोले बाबा को उनके भक्त पुकारे नहीं, ऐसा हो नहीं सकता! सावन का महीना अपने आप में एक अद्भुत आकर्षण है. बाबा के भक्तों को बड़ी बेसब्री से सावन के महीने का इंतजार रहता है. सिलीगुड़ी के बाजार में खासकर महावीर स्थान, हिल कार्ट रोड इलाके में जब दर्जी गेरूए रंग के कपड़े सिलते नजर आए तो समझ लीजिए कि सावन आ चुका है.
जी हां,सोमवार से सावन शुरू हो रहा है. पूरा महीना सड़कों पर दौड़ते कांवड़ियों का बोल बम सुनने को मिलेगा. देश के कोने-कोने से कावडिए पवित्र शिव मंदिरों में जलाभिषेक करेंगे. लेकिन देवघर के बाबा धाम की बात ही निराली है. हर साल सिलीगुड़ी से काफी संख्या में कांवडिए देवघर जाते हैं और जलाभिषेक करते हैं. पूरा महीना कांवडिए के नाम रहेगा. 22 जुलाई को पहला सोमवार है. सिलीगुड़ी से भोले बाबा के भक्त कांवडिए पहले सोमवार को जलाभिषेक करने के लिए तैयार हो रहे हैं. बाबा धाम जाने के लिए स्टेशनों पर कांवड़ियों की भीड़ देखी जा रही है.
हमारे शास्त्रों में सावन का महीना भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है. भक्त पूरे महीने उनकी पूजा करते हैं. सात्विक भोजन करते हैं और कई अनुष्ठान भी करते हैं. इनमें सोमवार का व्रत सबसे महत्वपूर्ण होता है. सावन के महीने में चार से पांच सावन के सोमवार होते हैं. कई लोग सावन महीने के पहले सोमवार से 16 सोमवार का उपवास भी रखते हैं. सावन का महीना अमांत कैलेंडर से 15 दिन पहले शुरू होता है. यह 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त 2024 को समाप्त होगा.
सोमवार को मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए अभी से ही नेपाल और बंगाल के कावड़ियों का तांता लगने लगा है. सिलीगुड़ी, पहाड़, नेपाल और कोने-कोने से आए शिव भक्त बाबा धाम पहुंचने लगे हैं. बाबा बैजनाथ के मंदिर में बंगाल तथा नेपाल के कॉवड़िए की भीड़ बढ़ गई है. चारों तरफ गेरूवा वस्त्रधारी ही दिख रहे हैं. हालांकि सोमवार को पहला सावन शुरू होगा लेकिन बाबा धाम में बांग्ला सावन शुरू हो चुका है. मंगलवार को ही बैद्यनाथ धाम मंदिर में कांवरियों का तांता देखा गया. बांग्ला सावन 16 अगस्त को संपन्न होगा.
मंदिर प्रांगण में कई कांवरिये अपने बच्चों का मुंडन संस्कार करते देखे गए. बोल बम के जयकारे से पूरा मंदिर गूंज रहा था. सुबह-सुबह कांवरिये बोल बम का जयकारा लगाते हुए मानसरोवर ओवर ब्रिज से कतारबद्ध होकर मंदिर पहुंच रहे थे. सोमवार से देवघर के बाबा मंदिर में स्पर्श पूजा बंद हो जाएगी. कांवरियों को अरघा के माध्यम से जलाभिषेक कराया जाएगा. पूजा के लिए कूपन की व्यवस्था की गई है.
आपको बताते चलें कि श्रावणी मेला शुरू होते ही बाबा बैद्यनाथ की स्पर्श पूजा बंद कर दी जाती है. मंदिर के बाहर एक अरघा लगा दिया जाता है, जिसमें बाबा भोलेनाथ के भक्त सुल्तानगंज से लाया गया गंगाजल अर्पित करते हैं. यह मंदिर के गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग पर गिरता है. बाबा को जल अर्पित करके भक्त खूब खुश हो जाते हैं. उन्हें लगता है कि उनकी सारी थकान दूर हो गई है. ऐसी मान्यता है कि अपने भक्तों पर भोले बाबा कृपा करते हैं तथा उनके सारे बिगड़े काम बना देते हैं.
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