नया साल, नया वित्त वर्ष शुरू हो गया है. मंगलवार को 1 अप्रैल है. मंगलवार से वित्त वर्ष 2025 26 की शुरुआत हो रही है. इसके साथ ही आयकर और बचत पर मिलने वाले ब्याज से जुड़े कई नियमों में बदलाव हो रहा है. इन नियमों के बदलाव का मतलब आपकी जेब पर असर है. क्या आपकी जेब हल्की होगी या फिर आप पहले से अधिक बचत कर सकेंगे? आपके जीवन पर क्या-क्या प्रभाव पड़ने वाले हैं? आपका व्यवसाय और लेन देन कैसे प्रभावित होगा, यह सब जानना आपके लिए जरूरी है.
1 अप्रैल से वेतन भोगियों को बड़ी खुशखबरी मिलने जा रही है. उन्हें 12.75 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. इसके अलावा 75000 का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी उन्हें लाभ होगा. 1 अप्रैल से ही नई कर प्रणाली लागू हो रही है. आयकर दाता रिटर्न दाखिल करने के लिए नई अथवा पुरानी कर प्रणाली में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं. नई कर प्रणाली में किसी भी प्रकार के निवेश पर छूट नहीं है.
1 अप्रैल से बचत योजनाओं पर बैंकिंग संस्थाओं की ओर से सरकार की ओर से खाता धारकों को ब्याज का ज्यादा लाभ मिलने जा रहा है. फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट तथा अन्य बचत योजना के तहत विदाउट टैक्स ब्याज की सीमा बढ़ रही है. पहले यह सीमा ₹50000 थी. इस पर कोई टैक्स नहीं लगता था. लेकिन अब ₹100000 तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. यह नियम केवल सीनियर सिटीजन के लिए लागू है.
जबकि सामान्य नागरिकों के लिए यह सीमा ₹50000 हो जाएगी. सामान्य नागरिकों को पहले 40000 रुपए तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता था. लेकिन अब ₹50000 तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. 1 अप्रैल से ही जीएसटी से जुड़े कई नियमों में बदलाव हो रहा है. इसके अनुसार साल में 10 करोड़ से अधिक का कारोबार करने वाले व्यापारियों को e- इनवॉइस जारी होने के 30 दिनों के भीतर इसकी जानकारी इनवॉइस रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर देना अनिवार्य कर दिया गया है.
पहले इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी. अगर किसी कारोबारी ने एक ही पैन नंबर से कई राज्यों में जीएसटी का पंजीयन कराया है तो तो ऐसे व्यापारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट के वितरण के लिए इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में पंजीयन कराना भी अनिवार्य हो गया है. केंद्रीय कर्मचारियों के लिए भी 1 अप्रैल से नई पेंशन योजना लागू हो रही है.यह नई पेंशन योजना यूनाइटेड पेंशन स्कीम है. इसके अंतर्गत न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा पर कर्मचारियों को अंतिम 12 महीने के औसत मासिक वेतन का 50% के बराबर पेंशन मिलेगी. इस योजना का लाभ 23 लाख कर्मचारी उठा पाएंगे.
इस वित्त वर्ष से किसी लाभांश से होने वाली आय की सीमा भी बढ़कर ₹10000 हो गई है. अब किसी वर्ष में लाभांश से होने वाली ₹10000 तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा. वर्तमान में यह सीमा ₹5000 थी. अगर आप यूपीआई से लेनदेन करते हैं और आईडी से जो मोबाइल नंबर जुड़ा है, वह निष्क्रिय हो गया है तो अब उपभोक्ता उससे भुगतान नहीं कर सकेंगे. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के निर्देशानुसार आज से निष्क्रिय मोबाइल नंबर को यूपीआई आईडी से हटा दिया गया है.
आज से आरबीआई की एक विशेष स्कीम भी लागू हो गई है. इसके अंतर्गत जो बच्चे विदेश में पढ़ते हैं, उनके लिए फीस या अन्य खर्चो के लिए 10 लाख रुपए तक भेजने पर कोई टैक्स देना नहीं होगा. वर्तमान में यह सीमा ₹7 लाख तक थी. अगर इससे ज्यादा रकम भेजा जाता था तो 5% टैक्स उपभोक्ता को देना पड़ता था. लेकिन अब यह टैक्स 10 लाख रुपए तक भेजने पर नहीं लगेगा. आज से ही मकान मालिक की जेब पहले से अधिक भारी हो जाएगी. क्योंकि मकान मालिकों को किराया से होने वाली आय की सीमा बढ़ाकर 6 लाख रुपए कर दी गई है.
1 अप्रैल से चेक भुगतान के नियम भी बदल गए हैं. अगर आप किसी पार्टी को या किसी व्यक्ति को 50000 से अधिक के चेक जारी करते हैं तो पॉजिटिव पे सिस्टम अनिवार्य हो गया है. इस नए नियम के अनुसार पहले चेक की जानकारी बैंक को देनी होगी. सूत्रों ने बताया कि इस नए सिस्टम का उद्देश्य धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी लाना है. बहरहाल 1 अप्रैल से आपके जीवन में इनकम टैक्स बचत और अन्य संबंधित क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं.
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