सिलीगुड़ी के अभिभावकों के लिए गुजरात के एक स्कूल की घटना आंख खोल लेने वाली है, जहां स्कूल में पढ़ने वाले 25 से भी ज्यादा बच्चों के हाथों पर ब्लड के निशान पाए गए. स्कूल के बच्चों ने किसी वीडियो गेम से प्रेरित होकर यह गेम खेला था. हालांकि इस मामले को स्कूल प्रशासन की ओर से दबा देने की बहुत कोशिश की गई थी. परंतु बच्चों के अभिभावकों ने इसका खुलासा करके देशभर के स्कूलों के बच्चों के अभिभावकों को एक बड़ी सीख दी है.
सिलीगुड़ी के स्कूल पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता को चौकन्ना हो जाना चाहिए कि उनकी अनुपस्थिति में घर पर अथवा स्कूल में बच्चे क्या-क्या कर सकते हैं. इस घटना से सीख लेने की इसलिए भी जरूरत है कि वर्तमान समय में हर बच्चे के हाथ में स्मार्टफोन आ गया है और बच्चों का अधिकतर समय मोबाइल पर वीडियो गेम के साथ बीत रहा है. ज्यादातर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे ही वीडियो गेम के अभ्यस्त होते जा रहे हैं. लेकिन वीडियो गेम में क्या-क्या होता है, और बच्चों पर इसका क्या असर होता है, गुजरात के एक स्कूल की घटना अभिभावकों की आंख खोल देने वाली है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुजरात के एक स्कूल में पढ़ने वाले 25 से अधिक बच्चे कक्षा में एक गेम खेल रहे थे. गेम के टास्क के अनुसार जो बच्चे एक दूसरे को ब्लेड मारेंगे, उन्हें ₹10 का इनाम मिलेगा. जबकि जो ब्लेड नहीं मार सकेंगे, उन्हें ₹5 का दंड देना होगा. इस गेम को ट्रुथ एंड डेयर गेम कहा जाता है. बच्चे यही गेम खेल रहे थे. इस गेम के फल स्वरुप बच्चों ने इनाम जीतने के लालच में अपने सॉफ्टर के ब्लेड से एक दूसरे पर हमला करना शुरू कर दिया. कई बच्चों के हाथों पर ब्लड के निशान पड़ गए.
जब स्कूल के प्रबंधन को घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने सर्वप्रथम इस मामले को दबा देने की कोशिश की और अभिभावकों से अपील की कि इस मामले को लोगों के सामने नहीं लाया जाए. परंतु एक अभिभावक ने पुलिस को इसकी जानकारी दी. इस घटना के उजागर होने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया है और मामले की जांच शुरू कर दी है. स्कूल प्रबंधन और पीड़ित बच्चों से भी पूछा जा रहा है. आखिर उन्हें इस गेम के लिए कौन उत्साहित कर रहा था? या वे स्वयं ही किसी वीडियो गेम से प्रेरित होकर यह गेम खेल खेल रहे थे?
ऑनलाइन क्लासेस चलने के कारण माता-पिता की मजबूरी होती है कि वह अपने बच्चों को स्मार्टफोन दिलाएं. क्योंकि इसके बगैर बच्चे ऑनलाइन क्लास नहीं ले सकते हैं. पर बच्चों को मोबाइल देने के साथ ही अभिभावकों की जिम्मेदारी समाप्त नहीं हो जाती है. बल्कि उनकी जिम्मेवारी बढ़ जाती है कि उनके बच्चे उनकी अनुपस्थिति में कहीं मोबाइल का दुरुपयोग तो नहीं कर रहे हैं?
आजकल वीडियो गेम बच्चों में काफी लोकप्रिय होता जा रहा है. वीडियो गेम के अंतर्गत बहुत से ऐसे गेम आते हैं, जो बच्चों का भावनात्मक शोषण करते हैं तथा उन्हें गुमराह करते हैं. ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों पर निगरानी रखें तथा उन्हें सही राह दिखाएं. उन्हें वीडियो गेम का लती ना बनाएं. अगर बच्चा ऐसे गेम की चाहत रखता है तो उसे प्यार से समझाया जा सकता है. लेकिन अगर वह इसका अभ्यस्त हो जाता है तो समझाने का कोई असर नहीं होगा.
पुलिस गुजरात के स्कूल की घटना की छानबीन करते हुए यह पता लगा रही है कि उस दिन बच्चों को यह सब करने के लिए कोई दबाव दे रहा था या फिर बच्चे किसी प्लानिंग के तहत ऐसा कर रहे थे. बच्चों को इनाम का लालच कौन दे रहा था? क्या app के द्वारा ऐसा था या फिर इसके पीछे सच्चाई क्या थी? पुलिस बच्चों से प्यार से पूछताछ कर रही है. हालांकि इस घटना के बाद बच्चे काफी डरे हुए हैं.
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