December 18, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल राजनीति सिलीगुड़ी

चर्चा में ममता बनर्जी… मुख्यमंत्री हो तो ऐसा!

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक लंबे अरसे के बाद एक ऐसा चेहरा सामने आया है, जहां वह किसी पार्टी की नेता न होकर जनता की प्रतिनिधि बनकर जनता की आवाज रखते हुए अपने ही दल के मंत्रियों, विधायकों, पदाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही पर फटकार लगा रही थीं. मुख्यमंत्री ने यहां तक कह दिया कि इन लोगों के चलते बंगाल की छवि खराब हो रही है. आमतौर पर यह सभी बातें किसी भी प्रदेश का मुख्यमंत्री विपक्ष को निशाने पर लेकर कहता है. कदाचित ममता बनर्जी पहली मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपने ही दल और अपनी ही सरकार के लोगों और प्रशासनिक अधिकारियों की पोल पट्टी खोल दी और उन्हें अंजाम भुगतने की चेतावनी दे दी!

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सोमवार को राज्य सचिवालय में दिए गए बयान की खूब चर्चा हो रही है. सिलीगुड़ी में विभिन्न नागरिक संगठनों और सामान्य लोगों ने उनके बयान पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए काफी खुशी जताई है और कहा कि मुख्यमंत्री हो तो ऐसा! हालांकि भाजपा और माकपा जैसे राजनीतिक दलों ने इस पर राजनीति शुरू कर दी है. सिलीगुड़ी नगर निगम में विपक्ष के नेता अमित जैन ने कहा है कि मुख्यमंत्री के बयान से स्पष्ट हो गया है कि सिलीगुड़ी नगर निगम बोर्ड नागरिक परिसेवा मुहैया कराने में विफल रहा है. सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष ने कहा है कि मुख्यमंत्री का बयान राज्य की जनता की आंखों में धूल झोंकना मात्र है. बहरहाल यह तो मानना ही होगा कि मुख्यमंत्री ने काफी दिलेरी से अपनी ही सरकार के कुछ लोगों और प्रशासनिक अधिकारियों की विफलता को स्वीकार किया है.

मुख्यमंत्री के निशाने पर सरकारी जमीन पर कब्जा प्रमुख रूप से बड़ा मुद्दा था. पहले भी मुख्यमंत्री ने संकेत दे दिया था कि अतिक्रमण को किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ही सिलीगुड़ी में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ अभियान लगातार चल रहा है. इसमें किसी तरह की कोई कोताही बरती नहीं जा रही है. लगभग रोज ही शहर में कहीं ना कहीं अतिक्रमण के खिलाफ निगम के द्वारा कार्रवाई की जा रही है. ऐसा लगता है कि सिलीगुड़ी नगर निगम ने जैसे ठान लिया है कि अब बहुत हो चुका. अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कोलकाता के नवान्न में सोमवार को मुख्यमंत्री ने एक प्रशासनिक बैठक में शासन प्रशासन को लेकर अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा की और विभिन्न नगर पालिका और नगर निगमों के कई कार्यो को लेकर लेकर असंतोष जताया.

जिस तरह से मुख्यमंत्री ने राज्य की नगर निगमों और पंचायतों को फटकार लगाई है, उसके बाद नगर निगम के अधिकारी और पंचायत के लोग हड़कंप में आ चुके हैं. पहली बार मुख्यमंत्री को इतने गुस्से में देखा गया. उन्होंने कहा भी कि आज मैं बोलूंगी और आप सुनेंगे. मुख्यमंत्री का आशय यह था कि अब तक जो हो रहा था, वह नहीं होगा. अधिकारी को अपने काम का हिसाब देना होगा. इस बैठक में सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने भी शिरकत ली थी.

यूं तो सिलीगुड़ी में पहले से ही सिलीगुड़ी नगर निगम अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही कर रही है. परंतु मुख्यमंत्री की फटकार के बाद इस काम में और तेजी आएगी, इसमें कोई संदेह नहीं है. सिलीगुड़ी नगर निगम के पास शहर और बस्ती क्षेत्र में अवैध निर्माण और सरकारी जमीन पर कब्जा करने की पूरी प्रोफाइल मौजूद है. निगम आने वाले दिनों में अपने अभियान को और जोरदार तरीके से चलाएगी. अगर फुटपाथ को भी खाली कराया जाता है तो इसमें आश्चर्य की बात नहीं होगी. क्योंकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि अतिक्रमण को किसी तरह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

हालांकि सिलीगुड़ी नगर निगम सिलीगुड़ी के विभिन्न इलाकों में कई विकास मूलक कार्य कर रही है, परंतु यहां के लोगों की प्रमुख समस्या पेयजल है. मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है. आने वाले समय में समस्या के स्थाई समाधान के आसार बढ़ गए हैं. राज्य सचिवालय में हुई प्रशासनिक बैठक में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं, मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों को निशाने पर लिया और उन्हें कड़ी फटकार लगाई. मुख्यमंत्री के तेवर देखकर जनता ऐसा महसूस कर रही थी, जैसे मुख्यमंत्री किसी पार्टी की नहीं बल्कि जनता की मुख्यमंत्री है और जनता के लिए समर्पित हैं. यह उन्होंने चरितार्थ कर दिया था.

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने राज्य में सड़कों पर जल जमाव से लेकर गंदगी साफ करने में लापरवाही, सरकारी जमीन के अतिक्रमण से लेकर सड़कों पर बत्ती के रखरखाव में लापरवाही, नगर निगम व नगर पालिका, पंचायत की नागरिक सेवाओं को लेकर कोताही ऐसे कई मुद्दे थे, जिनके कारण मुख्यमंत्री का क्रोध सातवें आसमान पर था. मुख्यमंत्री ने इतना तक कह दिया कि क्या अब मुझे सड़कों पर झाड़ू लगाने जाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जनता परेशान है. लेकिन प्रशासन बेखबर है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कहीं अतिक्रमण हो रहा है तो कार्रवाई क्यों नहीं होती? मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें कई लोग शामिल हैं. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जो लोग राज्य की पहचान खत्म कर रहे हैं, उन्हें मैं माफ नहीं करूंगी. मुख्यमंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि पार्टी में कुछ नेता पैसे खाकर लोगों का काम करते हैं. इसके अलावा उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों, बीडीओ, एसडीओ, जिलाधिकारी सभी को चेतावनी दी और स्पष्ट रूप से कहा कि अगर आपके कार्य में थोड़ी भी ढिलाई पाई जाती है तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहिए. सिलीगुड़ी में लोग कह रहे हैं कि सच को स्वीकार करना सबके वश की बात नहीं होती!

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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