November 14, 2024
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घटना राजनीति

अपने बयानों को लेकर घिरी ममता बनर्जी ने निकाली बंपर वैकेंसी! कहा, मेरे खिलाफ हो रहा दुष्प्रचार!

क्या आप बंगाल पुलिस, फायर ब्रिगेड आदि में नौकरी करना चाहते हैं तो आपके लिए एक सुनहरा मौका है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 673 रिक्त पद सृजित करने की अनुमति दे दी है. इनमें से बंगाल पुलिस में सब इंस्पेक्टर के 494 पद सृजित किये गये है. अग्निशमन विभाग में 122 पद और अन्य विभागों में कई नए पद सृजित किये गये है. आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं… अब मुख्य बात पर आते हैं. आखिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विवादों में क्यों घिर गई है? उनके बयानों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया क्यों सामने आ रही है? आखिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपने बयानों को लेकर सफाई क्यों देनी पड़ी?

आज के कुछ अखबारों में ममता बनर्जी के दो बयान को लेकर काफी चर्चा हो रही है. उनका एक बयान तो बंगाल जलाने को लेकर कहा गया है जबकि दूसरा बयान मेडिकल छात्रों अथवा उनके आंदोलन के खिलाफ था, जिस पर मुख्यमंत्री की सफाई भी सामने आ रही है. बुद्धिजीवी वर्गों में भी मुख्यमंत्री के बयान को लेकर निराशा है.भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी बंगाल को लेकर निराशा व्यक्त की है. विश्लेषकों के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान उनकी छवि को धूमिल करता है. उन्हें ऐसे बयानों से परहेज करना चाहिए और सोच समझकर मुख्यमंत्री की गरिमा के अनुसार बयान देना चाहिए.

जब उनके बयान को लेकर विवाद बढ़ गया, तब ममता बनर्जी ने अपनी सफाई में लिखा है कि मुझे कुछ प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और डिजिटल मीडिया में एक दुर्भावना पूर्ण दुष्प्रचार अभियान का पता चला है, जो कल हमारे छात्रों के कार्यक्रम में मेरे द्वारा दिए गए भाषण के संदर्भ में फैलाया गया है. मैं दृढ़ता पूर्वक स्पष्ट कर दूं कि मैंने मेडिकल छात्रों अथवा उनके आंदोलन के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है. मैं उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करती हूं. उनका आंदोलन सच्चा है. मैंने उन्हें कभी धमकी नहीं दी.

ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने सिर्फ बीजेपी के खिलाफ बोला है. मैंने बीजेपी के खिलाफ इसलिए बोला है, क्योंकि भारत सरकार के समर्थन से वे हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं और अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं यह भी स्पष्ट कर देता हूं कि जिन वाक्यों का मैंने कल अपने भाषण में उपयोग किया था, वह श्री रामकृष्ण परमहंस देव का है. रामकृष्ण परमहंस ने कहा था कि कभी-कभी आवाज उठाने की जरूरत होती है. जब अपराध और आपराधिक घटनाएं होती हैं तो विरोध की आवाज उठानी ही पड़ती है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कल के बयान को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों खासकर एनडीए के सहयोगी दलों और भाजपा की तरफ से आक्रामक प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुलना दक्षिण कोरिया के तानाशाह किम जोंग से की जा रही है. अपने बयान में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, शिवसेना शिंदे गुट के नेता संजय राउत और जदयू की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. हालांकि ममता बनर्जी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि उनके खिलाफ झूठा प्रचार किया जा रहा है.

ममता बनर्जी से देश से माफी मांगने की मांग की जा रही है. तृणमूल छात्र परिषद स्थापना दिवस पर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किसी शेरनी की तरह ही हमला किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुस्से में ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर बंगाल को जलाने की कोशिश की गई तो असम, मणिपुर, उड़ीसा और दिल्ली भी जलेगा. दरअसल तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि कुछ कुछ लोग सोचते हैं कि बांग्लादेश की तरह ही यह प्रोटेस्ट है और बंगाल में भी ऐसा ही होगा. यह सच है कि हमारी संस्कृति बांग्लादेश से मिलती-जुलती है. मुझे बांग्लादेश से प्यार भी है. लेकिन बांग्लादेश एक अलग देश है.

मुख्यमंत्री ने कहा था कि आप क्या समझ रहे थे कि जिस तरह से छात्र आंदोलन से बांग्लादेश की सरकार गिर गई, क्या बंगाल में भी ऐसा ही होगा? उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि याद रखिए अगर बंगाल जलेगा तो असम, नॉर्थ ईस्ट, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा और दिल्ली भी जलेगा.

उनके इस बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया जा रहा है और उनसे देश से माफी मांगने की बात कही जा रही है. सर्वप्रथम असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने अपने बयान में कहा था कि दीदी आपकी यह हिम्मत कैसे हुई.उन्होंने कहा कि आपकी राजनीति विफल हो चुकी है. मणिपुर के मुख्यमंत्री वीरेन सिंह ने उनके बयान की आलोचना करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर को धमकी देने की आपको हिम्मत कैसे हुई? मैं ऐसे गैर जिम्मेदाराना बयान की निंदा करता हूं. मुख्यमंत्री को अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से नॉर्थ ईस्ट तथा देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए.

उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि उड़ीसा के बारे में मुख्यमंत्री ने अपशक्त बोले हैं. उन्होंने कहा कि उड़ीसा के लोग आपके नफरत वाले बयान को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. आपकी छवि नकारात्मक है. आपने जो बयान दिया है, वह देश के लिए काफी खतरनाक है. इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने खिलाफ उठ रही आवाज को शांत करने की कोशिश में कैबिनेट की बैठक में पुलिस फायर ब्रिगेड समेत विभिन्न विभागों में 673 रिक्त पद सृजित करने की अनुमति दे दी है उन्होंने कैबिनेट के प्रत्येक सदस्य को या सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सेवाएं जमीनी स्तर तक आम लोगों तक पहुंचे

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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