सिलीगुड़ी में छोटे बड़े कई बाजार हैं. काफी समय से ही ये बाजार शहर के अलग-अलग हिस्सों में लग रहे हैं. जैसे जलपाई मोड बाजार, खालपाड़ा बाजार, रेल गेट बाजार, चंपासारी बाजार, गुरुंग बस्ती बाजार, रेगुलेटेड बाजार, चेक पोस्ट बाजार, सालूगाड़ा बाजार, इत्यादि. आमतौर पर बाजार सरकारी जमीन पर ही लगता है. कुछ अधिकृत बाजार होते हैं. जबकि कई बाजार गैर अधिकृत भूमि पर लगते हैं. परंतु बरसों से इन पर ध्यान नहीं दिया गया. ऐसे में सरकारी भूमि पर बिना किसी औपचारिकता के एक परंपरा की तरह ही बाजार प्राचीन काल से लगता आ रहा है.
आरंभ में सिलीगुड़ी शहर का विकास नहीं हुआ था. आबादी भी बहुत कम थी. ऐसे में जमीन की कोई ज्यादा कीमत नहीं होती थी. लेकिन शहर की आबादी बढ़ने के साथ ही जमीन की कीमत आसमान छूने लगी. ऐसे में सरकार ने भी अपनी जमीनों को तलाशना शुरू कर दिया और विकास कार्यों के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. आपको याद होगा कि झंकार मोड़ के पास एक बड़ा बाजार लगता था. यहां साग सब्जियों से लेकर मछली का बड़ा बाजार था. अब यह बाजार बंद हो चुका है.क्योंकि यहां फ्लाईओवर का निर्माण कार्य चल रहा है.
जलपाई मोड में कोई ज्यादा बड़ा बाजार तो नहीं है, परंतु इतना बड़ा बाजार तो जरूर है कि वहां आसपास के क्षेत्रों से लोग खरीदारी करने आते हैं. वर्धमान रोड के चौड़ीकरण से पहले जलपाई मोड का बाजार ठीक-ठाक बाजार कहा जाता था. दुकानदार टीन की शैड में दुकान लगाते थे. लेकिन सड़क चौड़ीकरण के क्रम में इस बाजार का आधा हिस्सा फुटपाथ में चला गया. इसके बाद जलपाई मोड बाजार का आधा भाग तोड़ दिया गया है. अब यह बाजार केवल नाम के लिए बाजार रह गया है.
जिस तरह से सिलीगुड़ी में सरकारी जमीन और फुटपाथों से हॉकरों को हटाया जा रहा है, इसे देखते हुए बहुत जल्द शहर के कई अन्य बाजारों पर भी गाज गिरने वाली है. इनमें गुरुंग बस्ती और चंपासारी बाजार भी शामिल है. इन बाजारों को हटाना या स्थानांतरित किया जाना अब तय लग रहा है. सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 3 से गुजरने वाले निवेदिता रोड पर वर्षों से सब्जी बाजार लग रहा है. यहां सड़क के दोनों किनारे बाजार लगता है. इस कारण यहां से आवागमन करने में लोगों और वाहन चालको को काफी कठिनाई होती है.
इसी तरह से चंपासारी इलाके में भी बाजार लगता है. यहां एक तरफ बाजार और दूसरी तरफ टोटो तथा अन्य वाहनों की पार्किंग भी है. यही कारण है कि यहां हर वक्त जाम की स्थिति रहती है. ऊपर से छोटे-छोटे दुकानदार, फल वाले, ठेले वाले भी यहां दुकान लगाते हैं. यहां सड़क भी संकीर्ण हो गई है. सूत्रों ने बताया कि सिलीगुड़ी नगर निगम और प्रशासन ने यहां से इन बाजारों को हटाने की तैयारी कर ली है. या फिर उसे अन्यत्र स्थानांतरित किया जाएगा.
सिलीगुड़ी टाउन बाजार, जो रेल गेट के नजदीक लगता है, वहां की कुछ जमीन रेलवे की है. रेलवे की जमीन पर बाजार लगता है. सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन का कायाकल्प करने की बात है. ऐसे में रेल विकास कार्यों को देखते हुए रेलवे की ओर से रेलवे की भूमि पर लगने वाले बाजार को खाली कराया जा सकता है. सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से सिलीगुड़ी में लगने वाले कुछ अन्य बाजारों पर भी नजर रखी जा रही है. आवश्यकता के अनुसार कुछ बाजार हटाए जा सकते हैं. अगर भविष्य में झंकार मोड बाजार की तरह सिलीगुड़ी के कुछ और बाजार हमेशा के लिए लुप्त हो जाए तो कोई आश्चर्यजनक नहीं होगा.
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