September 16, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल जुर्म सिलीगुड़ी

माटीगाड़ा का बहुचर्चित कांड: मोहम्मद अब्बास को सजा-ए-मौत!

आज उत्तर बंगाल में आरजी कर कांड में इंसाफ की मांग कर रहे लोगों को माटीगाड़ा के बहुचर्चित कांड और कूचबिहार के शीतलकुची सामूहिक बलात्कार कांड में अदालत के द्वारा दिए गए फैसले से थोड़ा सुकून जरूर मिला होगा. आज का दिन उत्तर बंगाल में न्याय के नाम समर्पित रहा. अदालत ने एक तरफ सबूत और साक्ष्यों के साथ-साथ जन भावना को देखते हुए जहां माटीगाड़ा के बहुचर्चित छात्रा कांड में मोहम्मद अब्बास को दोषी करार देते हुए सजा ए मौत का हुक्म दिया तो दूसरी तरफ शीतलकुची सामूहिक बलात्कार मामले में तीन लोगों को दोषी ठहराते हुए 25 साल की सजा और ₹100000 का जुर्माना दोनों ही निर्धारित किया.

सिलीगुड़ी में आज अदालत में काफी भीड़ थी. सिलीगुड़ी कोर्ट परिसर में मीडिया के अलावा पीडित पक्ष के लोग और सामान्य नागरिक फैसला सुनने के लिए जमा थे. पिछले दो दिनों से मोहम्मद अब्बास के भविष्य को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था. सिलीगुड़ी से लेकर माटीगाड़ा तक लोग उत्सुक थे कि अदालत मोहम्मद अब्बास को सजा ए मौत का फैसला देती है या उसे आजीवन कारावास होता है. दो दिनों के गंभीर मंथन और तर्क विश्लेषण के बाद आज स्पेशल पॉस्को कोर्ट की न्यायाधीश महोदया ने मोहम्मद अब्बास को फांसी की सजा सुनाई.

मोहम्मद अब्बास को फांसी देने की शुरू से ही मांग की जा रही थी. जिस दिन मुकदमे की अंतिम कार्यवाही पूरी हुई, उसी दिन अधिवक्ता विभाष चटर्जी के बयान से ही यह तय हो गया था कि मोहम्मद अब्बास को अदालत गंभीर सजा सुनाने वाली है और आज जब उसे फांसी की सजा सुनाई गई तो इसमें किसी को आश्चर्य नहीं हुआ. क्योंकि मोहम्मद अब्बास के खिलाफ सारे सबूत, गवाह और साक्ष्य थे, जो चीख चीख कर कह रहे थे कि उसने बालिका का अपहरण करके दुष्कर्म करने की कोशिश की और इसमें सफल न होने पर ईंट से मार कर उसकी हत्या कर दी.

उधर कूचबिहार में कूचबिहार के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय के न्यायाधीश नैयर आजम खान ने एक लड़की से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में तीन लोगों को दोषी ठहराते हुए 25 साल जेल की सश्रम सजा और एक-एक लाख रुपए का आर्थिक जुर्माना सुनाया. जुर्माने की राशि पीड़िता पक्ष को दी जाएगी. दोषियों के नाम जमीर हुसैन, फिरोज आलम, इकरामुल हक है. यह घटना 2 साल पहले हुई थी. 21 दिसंबर को पीड़िता कॉलेज जाने के लिए घर से निकल रही थी. रास्ते में तीन लड़कों ने उसे अगवा कर लिया.

उनमें से एक छात्रा का परिचित था. उस लड़के ने पीड़िता को अपनी कार में बैठा लिया और उसे कॉलेज ले जाने के बहाने अपनी बुआ के घर ले गया. वहां उसने उसके साथ दुष्कर्म किया. जबकि दूसरा व्यक्ति अपने मोबाइल फोन से उसका वीडियो बना रहा था. तीनों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता ने अपने घर पर यह बात बताई तो इस घटना के दो दिन बाद उसकी तरफ से शीतलकूची थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. पुलिस ने यह मामला 376 D एससी एसटी निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया था. आज उसका फैसला आया है.

उत्तर बंगाल के इन दो बहुचर्चित मामलों ने न्याय के प्रति लोगों में व्याप्त निराशा को आशा में तब्दील किया है. एक बार फिर से यह साबित हो गया है कि इंसाफ और कानून की हमेशा जीत होती है. मोहम्मद अब्बास को फांसी दिए जाने के बाद सिलीगुड़ी से लेकर माटीगाड़ा तक लोगों में खुशी देखी जा रही है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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