लगभग 8-10 लाख की आबादी वाले सिलीगुड़ी शहर में विकास के नए-नए रास्ते खुलते जा रहे हैं. तीन देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित सिलीगुड़ी पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. व्यापार और पर्यटन स्थल के रूप में सिलीगुड़ी ने एक अलग छाप छोड़ी है. सिलीगुड़ी शहर अपने संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर सके और नागरिकों के साथ न्याय कर सके, इसके लिए जरूरी है कि शहर के कैनवास को और विस्तृत किया जाए.
फर्ज कीजिए कि अगर सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में मेट्रो रेल सेवा शुरू की जाए तो जैसे सिलीगुड़ी के विकास और सौंदर्य को पंख लग जाएंगे. लेकिन आज की कल्पना कल साकार भी हो सकती है. क्योंकि समय सदा एक सा नहीं रहता है. पिछले 10 वर्षों में सिलीगुड़ी में काफी बदलाव देखा गया है. अब यह बदलाव एक मेट्रो नगरी के रूप में परवान चढ़े तो आश्चर्य मत कीजिएगा.
इस कल्पना को रंग भरने के लिए दार्जिलिंग के सांसद और अखिल भारतीय भाजपा के प्रवक्ता राजू बिष्ट ने पहल कर दी है. उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में मेट्रो रेल परियोजना, नमो भारत रैपिड रेल प्रणाली और रेल कोच फैक्ट्री की स्थापना की मांग की है. केंद्रीय मंत्री ने इसका संतोषजनक उत्तर भी दिया है. उन्होंने अपने एक पत्र में राजू बिष्ट को लिखा है कि उनकी तीनों मांगों की व्यवहारिक जांच का आदेश दे दिया गया है.
हालांकि यह प्रोजेक्ट ऐसा नहीं है कि तुरंत ही इस पर अमल हो जाए. तुरंत ही सिलीगुड़ी में मेट्रो रेल सेवा शुरू हो जाए, ऐसा नहीं है. कई साल लग जाएंगे. लेकिन यह संभव है. कम से कम बीजारोपण के लिए मौसम की तलाश तो शुरू हो ही गई. अब यह कितना व्यावहारिक होगा, यह तो वक्त ही बताएगा. लेकिन जहां तक सिलीगुड़ी के भविष्य की बात है तो आने वाले समय में यह और भी काफी विकसित हो सकता है.
सिलीगुड़ी के नजदीक दार्जिलिंग, सिक्किम और Dooars स्थित है. पहाड़ अथवा Dooars में जाने के लिए पर्यटक सर्वप्रथम सिलीगुड़ी आते हैं. इसलिए यह एक ट्रांजिट हब भी है. सिलीगुड़ी के पड़ोसी बिहार, असम,सिक्किम जैसे राज्य हैं. नजदीक में बागडोगरा एयरपोर्ट है. सिलीगुड़ी देशभर के सभी प्रमुख स्टेशनों से जुड़ा हुआ है.इतना महत्वपूर्ण शहर होते हुए भी यहां का परिवहन ढांचा काफी कमजोर है. अगर परिवहन ढांचे को और मजबूत बनाने के लिए यहां मेट्रो रेल की सुविधा विकसित की जाए, तो सिलीगुड़ी शहर काफी विकसित हो जाएगा.
राजू बिष्ट ने केंद्रीय मंत्री को नमो भारत रैपिड रेल सेवा शुरू करने का जो प्रस्ताव दिया है, उसके अंतर्गत सिलीगुड़ी से बागडोगरा, नक्सलबाड़ी, खोड़ीवाडी ,बिधाननगर, चोपड़ा, इस्लामपुर, रायगंज होते हुए मालदा तक का सफर है. इसी तरह से सिलीगुड़ी से सेवक, बागराकोट, उदलाबाड़ी, माल बाजार, चालसा ,नागराकाटा, बानरहाट, वीरपाड़ा होते हुए हासिमारा तक का रेल रूट प्रस्ताव है. यहां सेमी हाई स्पीड इंटरसिटी रेल सेवा शुरू की जा सकती है. अगर भविष्य में ऐसा होता है तो सड़क यातायात में सुधार हो सकता है.
खैर हम बात कर रहे हैं सिलीगुड़ी में मेट्रो रेल सेवा शुरू करने पर इसके क्या फायदे हो सकते हैं. जाहिर है कि इससे सिलीगुड़ी की सुंदरता तो बढ़ेगी ही, ट्रैफिक जाम की समस्या भी दूर होगी और पर्यटन के क्षेत्र में विकास की एक नई धारा बहेगी. मेट्रो रेल से बागडोगरा एयरपोर्ट और एनजेपी स्टेशन भी जुड़ेंगे, जिससे यात्रियों को काफी सुविधा होगी. राजू बिष्ट ने तीसरी मांग के रूप में यहां रेल कोच फैक्ट्री स्थापना की बात कही है.
हालांकि रेल मंत्रालय के द्वारा इसका सकारात्मक जवाब दिया गया है. लेकिन व्यावहारिक रूप से यह कार्य कठिन भी है. फिर भी यह कहा जा सकता है कि जब सिलीगुड़ी में मेट्रो रेल की बात छेड़ दी गई है तो भविष्य में यह रंग ला भी सकता है. उम्मीद की जा सकती है कि एक दिन सिलीगुड़ी मेट्रो नगरी के रूप में प्रतिष्ठित होगी!