सिलीगुड़ी: 2020 में, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि देश के हर पुलिस स्टेशन के आस-पास सीसीटीवी कैमरे होंगे। इसी तरह 2021 में राज्य सरकार ने प्रदेश के हर थाने को सीसीटीवी के दायरे में लाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक लॉकअप रूम और आईसी, ओसी रूम में सीसीटीवी कैमरे होना अनिवार्य है। इसी तरह, राज्य भर के दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और सिलीगुड़ी के प्रत्येक पुलिस थाने में सीसीटीवी कैमरे पहले ही लगाए जा चुके हैं। लेकिन उन सभी सीसीटीवी कैमरों की डेटा स्टोरेज क्षमता सात से दस दिनों की है। उसके लिए एक कंपनी को राज्य सरकार ने हर थाने में उन्नत स्तर के सीसीटीवी कैमरे लगाने की जिम्मेदारी दी है | इस कैमरे और रिकॉर्ड रूम के लग जाने के बाद एक साल का डाटा मिल पाएगा |
कई मामलों में हवालात में बंद बंदियों पर पुलिस द्वारा प्रताड़ित करने के आरोप भी लगते हैं या फिर कई मामलों में ऐसे आरोप सामने आए कि बयान पुलिस द्वारा जबरदस्ती करवाए गए। अदालत में इन सभी मामलों में सबूत की आवश्यकता होती है। हालाँकि, कई मामलों में, सीसीटीवी कैमरों में विभिन्न प्रकार की यांत्रिक गड़बड़ी के कारण मूल समय की छवियां उपलब्ध नहीं होती हैं। आज उत्तरकन्ना एनवीडीडी एडिशनल सचिव और दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों के साथ बैठक की गई । बैठक के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि हर थाने में सीसीटीवी कैमरे पहले से ही लगे हुए हैं लेकिन वे सीसीटीवी कैमरे उन्नत नहीं हैं। ऐसे में जल्द ही आधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू हो जाएगा।